Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    प्रदेश के डीएलएड प्रशिक्षुओं के लिए बन रही ‘शिक्षण अधिगम सिद्धांत’ हैंडबुक, कई जिलों के विषय विशेषज्ञों का है सहयोग

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 09 Dec 2025 03:00 PM (IST)

    प्रदेश भर के डीएलएड प्रशिक्षुओं के लिए शिक्षण अधिगम सिद्धांत हैंडबुक तैयार की जा रही है, जिसमें विभिन्न जिलों के विशेषज्ञ योगदान दे रहे हैं। यह पुस्तक ...और पढ़ें

    Hero Image

    यूपी में डीएलएड प्रशिक्षुओं के लिए ‘शिक्षण अधिगम सिद्धांत’ हैंडबुक तैयार किया जा रहा है।

    जागरण संवददाता, प्रयागराज। प्रदेशभर के डीएलएड प्रशिक्षुओं के पाठ्यक्रम बदलने की तैयारी है। इससे पूर्व उनके लिए अलग अलग तरह की पुस्तकें तैयार की जा रही हैं। ये सभी नई शिक्षा नीति के अनुसार एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम को पढ़ाने की दृष्टि से तैयार हो रही हैं। वर्तमान जरूरतों व कौशल विकास के अलग अलग पहलू इसमें शामिल किए जा रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    डायट प्रयागराज के प्रवक्ता भी लिख रहे पाठ्य सामग्री

    इसी क्रम में राज्य शैक्षिक अनुसंधान एवं प्रशिक्षण परिषद के मार्गदर्शन में कालेज आफ टीचर एजुकेशन, वाराणसी में डीएलएड प्रथम सेमेस्टर, द्वितीय प्रश्न पत्र ‘शिक्षण अधिगम सिद्धांत’ विषय पर हैंडबुक (पाठ्यपुस्तक) का निर्माण कराया जा रहा है। इसमें विभिन्न जिलों के विषय विशेषज्ञ सहयोग दे रहे हैं। डायट प्रयागराज के प्रवक्ता वीरभद्र प्रताप के साथ गाजीपुर, राज्य शिक्षण संस्थान प्रयागराज, चित्रकूट, भदोही के विषय विशेषज्ञ अलग अलग बिंदुओं पर पाठ्य सामग्री लिख रहे हैं।

    सीखने को वैज्ञानिक एवं मनोवैज्ञानिक आधार भी 

    पुस्तक में दक्षता आधारित शिक्षा, अनुभवात्मक अधिगम, बहुआयामी शिक्षण, तकनीक संवेदी शिक्षण तथा प्रशिक्षु केंद्रित प्रशिक्षण पर फोकस है। सीखने को वैज्ञानिक एवं मनोवैज्ञानिक आधार भी देगी। पुस्तक में शिक्षण की अवस्थाएं, स्तर, विधियां और सिद्धांतों को इस प्रकार विकसित किया गया है कि प्रशिक्षु कक्षा में अपेक्षित समझ के स्तर को प्राप्त करा सकें।

    लेखन नई शिक्षा नीति के अनुरूप 

    ब्लूम टैक्सोनामी आधारित उद्देश्य लेखन नई शिक्षा नीति के अनुरूप है। इसमें आधुनिक एवं नवाचारी शिक्षण विधियों के विकास को समाहित किया गया है। ब्लेंडेड लर्निंग, फ्लिप क्लासरूम, कोआपरेटिव लर्निंग, स्टीम, पीयर लर्निंग जैसी विधियों का भी उल्लेख है। लक्ष्य है कि प्रशिक्षुओंं का विश्लेषणात्मक चिंतन बढ़े। प्रभावी संप्रेषण एवं कक्षा प्रबंधन कौशल का विकास भी एक अध्याय के रूप में पढ़ाया जाएगा। इसमें कक्षा संस्कृति के सिद्धांतों में संप्रेषण के घटक, बाधक तत्व तथा प्रभावी संचार के सुझाव, प्रशिक्षुओं को व्यावहारिक संचार कौशल सिखाने का प्रयास है।

    अभ्यास आधारित प्रशिक्षण पर दिया गया जोर

    डायट प्रयागराज के प्रवक्ता वीरभद्र प्रताप के अनुसार अनुभवात्मक व अभ्यास आधारित प्रशिक्षण पर पुस्तक में जोर दिया गया है। सूक्ष्म शिक्षण, अनुरूपित शिक्षण, विषयवार माडल पाठ योजनाएं प्रशिक्षुओं को नियंत्रित वातावरण में अभ्यास के अवसर प्रदान करेंगी।

    शिक्षण अधिगम सामग्री व आइसीटी एकीकरण को बढ़ावा

    जिस हैंडबुक का निर्माण चल रह है उसमें शिक्षण अधिगम सामग्री व आइसीटी एकीकरण को बढ़ावा दिया गया है। खिलौनों के आधार पर टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटैरियल) बनाने की प्रेरणा है। इससे प्रशिक्षु कक्षा को खुशनुमा वातावरण और तकनीक से भी जोड़ सकेंगे। पाठ्यचर्या लक्ष्यों और अपेक्षित समझ के स्तरों की स्पष्टा का प्रयास है। इसके तहत शिक्षण उद्देश्यों, मूल्यांकन प्रक्रिया, छात्रों की समझ का मूल्यांकन की स्पष्ट एवं वैज्ञानिक समझ दी जाएगी।

    इनके नेतृत्व व संयोजन में लिखी जा रही पुस्तक 

    शिक्षण के सूत्रों को भी पुस्तक में विस्तार मिला है। यह शैक्षणिक परियोजना कालेज आफ टीचर एजुकेशन, वाराणसी के प्राचार्य अखिलेश पांडेय के नेतृत्व तथा डा. रिचा जोशी के शैक्षणिक संयोजन में पूरी की जा रही है।

    यह भी पढ़ें- Indigo Flight Cancelled : प्रयागराज-हैदराबाद इंडिगो फ्लाइट अचानक रद, एयरपोर्ट पर सैकड़ों यात्री परेशान

    यह भी पढ़ें- इशारों पर दौड़ेगा व रोबो व्हीकल, युद्ध आपदा में आएगा काम, MNNIT प्रयागराज के बीटेक के छात्रों का अनूठा आविष्कार