प्रयागराज में पुराने भवनों की जगह बन गए नए अपार्टमेंट, नगर निगम अभी भी पूर्व के आधार पर ही वसूल रहा गृहकर
प्रयागराज में पुराने भवनों की जगह नए अपार्टमेंट बन गए हैं, परन्तु नगर निगम अभी भी पुराने दस्तावेजों के आधार पर गृहकर वसूल रहा है। इससे निगम को करोड़ों ...और पढ़ें

प्रयागराज पुराने भवनों की जगह बने नए अपार्टमेंट, गृहकर में नगर निगम को राजस्व का नुकसान हो रहा है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। पुराने भवनों के स्थानों पर कई अपार्टमेंट बन गए है। हालांकि अभी भी नगर निगम के अभिलेखों में अभी भी पुराने दस्तावेजों के आधार पर ही गृहकर वसूला जा रहा है। अधिकारियों की उदासीनता के चलते पुराने दस्तावेजों में बदलाव नहीं होने से निगम को प्रति वर्ष करोड़ों रुपये राजस्व का नुकसान हो रहा है।
नगर निगम आय बढ़ाने जोनवार कर रहा सर्वे
नगर निगम अपनी आय बढ़ाने के लिए अब अपार्टमेंट का जोनवार सर्वे कराना शुरू कर दिया है। इससे कर निर्धारण में हो रहा खेल भी सामने आ जाएगा। स्थिति यह है कि कई इमारतों में अब भी पुराना गृहकर वसूला जा रहा है, जबकि वहां पर फ्लैट बनकर खड़े हो गए हैं। नए सिरे से कर निर्धारण होने पर नगर निगम की आय बढ़ेगी। साथ ही फ्लैट मालिकों द्वारा नामांतरण कराए जाने से सर्किल रेट की एक प्रतिशत धनराशि और जमा होगी।
आज भी लिया जा रहा पुराना टैक्स
शहर में पिछले डेढ दशक में कई पुराने भवनों को तोड़कर तेजी से अपार्टमेंट बन रहे हैं, लेकिन आज भी टैक्स पुराना लिया जा रहा है। दो सौ वर्ग मीटर के भवन को तोड़कर ज्यादातर अपार्टमेंट बनाए जा रहे हैं। एक मंजिला में कम से कम नौ फ्लैट का निर्माण कराया जाता है। पहले जहां एक भवन का किराया 25 सौ रुपये आ रहा है। वहीं, एक फ्लैट का किराया आज की दरों के हिसाब से करीब 15 सौ रुपये आएगा।
शहर में 10 हजार से अधिक बने अपार्टमेंट
मेंहदौरी,रसूलाबाद, दारागंज, सादियाबाद, कीडगंज, मुट्ठीगंज, खुल्दाबाद, मम्फोर्डगंज, बेली, म्योराबाद, अल्लापुर,अटाला, करेली, मुंडेरा, सुलेमसराय, धूमनगंज समेत कई जगह अपार्टमेंट का निर्माण हो गया है। शहर में 10 हजार से ज्यादा अपार्टमेंट का निर्माण किया जा चुका है।

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