45 दिन तक चले महाकुंभ में कितनी बार लगी आग, कितने का हुआ नुकसान; अस्थायी थानों के उपकरण किसे दिए जाएंगे?
Maha kumbh 2025 प्रयागराज कुंभ मेले में 45 दिनों में 185 स्थानों पर आग लगी लेकिन त्वरित कार्रवाई से बड़ा हादसा टल गया। अत्याधुनिक उपकरणों और क्विक रिस्पांस के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। करीब 16.5 करोड़ की धनहानि को बचाया गया। अब मेले में इस्तेमाल हुए मोबाइल बैरियर इंटरसेप्टर वाहन सहित अन्य उपकरण दूसरे जिलों के लिए भेजे जाएंगे।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। विश्व प्रसिद्ध महाकुंभ के 45 दिन तक चले मेले में कुल 185 स्थानों पर आग की घटनाएं हुईं थीं लेकिन इन्हें त्वरित कार्रवाई कर फैलने से रोका जा सका। इसमें 24 बड़ी अग्नि दुर्घटनाएं थीं जिन पर अग्निशमन विभाग की टीम ने पुलिस के साथ मिलकर कम से कम समय में नियंत्रण पा लिया। अत्याधुनिक उपकरणों और क्विक रिस्पांस के साथ रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया गया। इसके चलते करीब 16.5 करोड़ की धनहानि को बचाया गया।
महाकुंभ के मुख्य अग्शिनमन अधिकारी प्रमोद शर्मा का कहना है कि सबसे बड़ी अग्नि दुर्घटना 19 जनवरी को मेले के सेक्टर-19 में सिलेंडर फटने से हुई थी लेकिन उसमें भी विभाग ने पूरी मुस्तैदी से सभी श्रद्धालुओं और कल्पवासियों को रेस्क्यू करते हुए काबू पा लिया था। आठ पशुओं को भी सकुशल बचाया गया।
मेला क्षेत्र के 25 सेक्टरों में 50 अग्निशमन केंद्र, 20 अग्निशमन चौकियां स्थापित की गई थीं। मेले के दौरान 2,200 प्रशिक्षित अग्निशमनकर्मी प्रत्येक सेक्टर में तैनात रहे। कुल 351 अग्निशमन वाहन सहित अत्याधुनिक अग्निशमन उपकरणों की भी व्यवस्था की गई थी। इसके साथ ही वीडियो और थर्मल इमेजिंग कैमरों से सुसज्जित 4 आर्टिकुलेटिंग वाटर टावर, क्विक रिस्पांस व्हीकल, आल-टेरेन व्हीकल (एटीवी), अग्निशमन रोबोट और फायर मिस्ट बाइक शामिल थीं।
हाउसबोट और पांटून पुलों पर आग बुझाने के लिए नदी के पानी का उपयोग करने में सक्षम अग्निशमन नावें भी उपयोग में लाई गईं। इसी का परिणाम था बिना किसी जन हानि के रेस्क्यू करने में अग्निशमन विभाग को सफलता मिली।
दूसरे जिलों को दिए जाएंगे मोबाइल बैरियर और इंटरसेप्टर वाहन
महाकुंभ में इस्तेमाल हुए मोबाइल बैरियर, इंटरसेप्टर वाहन सहित अन्य उपकरण अब दूसरे जिलों को भेजे जाएंगे। पुलिस ने सभी संसाधनों की सूची तैयार करके पुलिस मुख्यालय भेजने की कवायद शुरू कर दी है। इसके बाद संबंधित जनपदों को आवश्यकतानुसार उपकरण आवंटित किया जाएगा, ताकि वहां की व्यवस्था को बेहतर बनाने में मदद मिल सके।
महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं की भीड़ को संभालने, यातायात को सुगम बनाने और सुरक्षा-व्यवस्था को मजबूत बनाने के लिए सभी तरह के उपकरण मंगवाए गए थे। अलग-अलग अधिकारियों के स्तर पर उपकरणों की खरीद की गई थी, जिससे महाकुंभ की व्यवस्था को सुचारु रूप से संचालित किया जा सके।
अब जबकि महाकुंभ समाप्त हो चुका है और धीरे-धीरे अस्थायी तौर पर बसाए गए पुलिस थाना, चौकी, कार्यालय समेटा जाने लगा है तो वहां के उपकरणों को दूसरी जगह शिफ्ट किए जाने पर जोर दिया गया है। पुलिस का कहना है कि वाकीटाकी, कंप्यूटर, स्कैनर, इंटरसेप्टर बाइक, इलेक्ट्रानिक उपकरणों के अलावा तमाम ऐसे संसाधन हैं, जिनका प्रयोग अब मेले में नहीं होना है।
करोड़ों रुपये की कीमत के इन उपकरणों को अब कमिश्नरेट प्रयागराज के अलावा प्रदेश के दूसरे जिलों को भी आवंटित किए जाने हैं। डीआइजी महाकुंभ वैभव कृष्ण का कहना है कि महाकुंभ मेले में पुलिस द्वारा इस्तेमाल किए जाने वाले उपकरणों के बारे में पुलिस मुख्यालय को जानकारी उपलब्ध कराई जा रही है। मुख्यालय स्तर से ही दूसरे जनपदों को आवश्यकतानुसार संसाधन आवंटित किया जाएगा।
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