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    Magh Mela 2026 : प्रयागराज में संगम की रेती पर लगने वाले माघ मेला कब से शुरू होगा, प्रमुख स्नान पर्व कब-कब हैं?

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Fri, 14 Nov 2025 06:15 PM (IST)

    प्रयागराज में 2026 में लगने वाला माघ मेला पौष पूर्णिमा के साथ 3 जनवरी से शुरू होगा। मकर संक्रांति 14 जनवरी को, मौनी अमावस्या 18 जनवरी को, वसंत पंचमी 1 फरवरी को और महाशिवरात्रि 15 फरवरी को मनाई जाएगी। मेले में थ्रीडी मैपिंग और ड्रोन तकनीक का इस्तेमाल होगा और यातायात के लिए सात पांटून पुल बनाए जाएंगे।

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    प्रयागराज माघ मेला 2026 के प्रमुख स्नान पर्व के बारे में आप भी जानकारी रखें।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। संगम की रेती पर लगने वाले कुंभ के साथ ही माघ मेला की भी चर्चा पूरे विश्व में होती है। यहां दूर-दूर से आस्थावान गंगा, यमुना और अदृय सरस्वती में डुबकी लगाकर पुण्य अर्जित करते हैं। वहीं दूसरी ओर पर्यटकों के लिए भी मनोरंजन का केंद्र यह मेला होता है।

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    निर्धारित समय से पूर्व शुरू होगा माघ मेला

    इस बार माघ मेला निर्धारित समय से पहले ही शुरू हो जाएगा। आप प्रयागराज आएंगे ही स्नान करने तो यह भी पता होना चाहिए कि माघ मेला के प्रमुख स्नान पर्वों की तिथि कब है। इससे आप अपना शुड्यूल बनाकर यहां आने से पहले होटल, लाज आदि रहने का प्रबंध भी कर सकते हैं। 

    तीन जनवरी से शुरू होगा माघ मेला 

    माघ मेला का प्रमुख स्नान पर्व इस बार तीन जनवरी 2026 को पौष पूर्णिमा के साथ आरंभ होगा। इसके बाद 14 जनवरी को मकर संक्रांति होगी। माघ मेला का सबसे प्रमुख स्नान पर्व मौनी अमावस्या माना जाता है। इसमें लाखों की भीड़ जुटती है। इस बार मौनी अमावस्या 18 जनवरी को होगा। इसके बाद वसंत पंचमी का स्नान पर्व एक फरवरी को, महाशिवरात्रि स्नान पर्व 15 फरवरी को होगा।  

    थ्रीडी मैपिंग का होगा प्रयाेग 

    माघ मेला 2026 को बसाने के लिए इस बार थ्रीडी मैपिंग और ड्रोन का उपयोग किया जाएगा। इस तकनीक से मेला क्षेत्र को सात सेक्टरों में बांटा जाएगा। जमीन की मैपिंग करके बसावट की योजना बनाई जाएगी, जो पिछले तरीकों की तुलना में ज्यादा सटीक होगी। तीन जनवरी 2026 से शुरू होने वाले माघ मेला की तैयारियां अब तेजी पकड़ने लगी है।

    मेला क्षेत्र का ड्राेन सर्वे

    मेला को बसाने के लिए पूरे क्षेत्रफल का ड्रोन सर्वे कराकर थ्रीडी (थ्री डाइमेंशनल) मैपिंग कराई जाएगी, जिससे मैदान की सटीक बनावट का पता चलेगा। मैपिंग के आधार पर मेला क्षेत्र को सात सेक्टरों में विभाजित किया जाएगा। यह तरीका भौतिक पैमाइश की तुलना में ज़्यादा तेज और सटीक होगा। इससे सेक्टर विभाजन से लेकर प्रमुख मार्गों व गाटा मार्गों के निर्धारण में समय की बचत होगी।

    माघ मेला के स्नान पर्व

    -03 जनवरी 2026 -- पौष पूर्णिमा

    -14 जनवरी 2026 -- मकर संक्रांति

    -18 जनवरी 2026 -- मौनी अमावस्या

    -23 जनवरी 2026 -- वसंत पंचमी

    -01 फरवरी 2026 -- माघी पूर्णिमा

    -15 फरवरी 2026 -- महाशिवरात्रि

    यातायात व्यवस्था होगी सुगम

    सात पांटून पुल बनाए जाएंगे। पिछले माघ मेला में छह पांटून बनाए गए थे। फाफामऊ पुल के पास गंगा पर एक पांटून बनाया जाना प्राधिकरण ने आवश्यक माना है, जिससे यातायात व्यवस्था सुगम हो सकेगी। उप मेलाधिकारी ने बताया कि लोक निर्माण विभाग के साथ ही विद्युत व जल निगम के कार्य समानांतर कराए जाएंगे।

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