प्रयागराज में जनऔषधि केंद्र में मनमानी, जेनेरिक दवाओं के बदले निजी फार्मा कंपनियों की दवाएं खपाई जा रहीं
प्रयागराज में जनऔषधि केंद्र में जेनेरिक दवाओं की जगह निजी फार्मा कंपनियों की दवाएं बेचने का मामला सामने आया है। ड्रग विभाग और केंद्र संचालकों की मिलीभगत से नियमों का उल्लंघन हो रहा है, जिससे आम जनता को धोखा दिया जा रहा है और राजस्व का नुकसान हो रहा है। दैनिक जागरण में खबर प्रकाशित होने के बाद मंडलीय पर्यवेक्षक ने मामले की जांच शुरू कर दी है। एसआरएन अस्पताल की प्रमुख चिकित्साधीक्षक ने भी केंद्र का निरीक्षण किया है।

प्रयागराज में एसआरएन अस्पताल परिसर स्थित जनऔषधि केंद्र में लोगों की जुटी भीड़। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। जनऔषधि केंद्र से जेनेरिक दवाओं के बदले निजी फार्मा कंपनियों की दवाएं खपाई जा रही हैं। यह मामला दैनिक जागरण में उजागर होने के बाद धमक उच्च स्तर तक पहुंची। आम जनता को धोखे में रखने और राजस्व को नुकसान पहुंचाने की कारस्तानी आधिकारिक स्तर पर जांच के दायरे में आ चुकी है।
ड्रग विभाग निरीक्षण नहीं, कर रहा बहानेबाजी
हालांकि ड्रग विभाग और जनऔषधि केंद्र संचालक की साठगांठ नियमों को तार-तार कर रही हैं। ग्राहकों की अत्यधिक भीड़ का फायदा उठाकर निजी फार्मा कंपनियों की दवाएं बिक्री की जा रही हैं। ड्रग विभाग की तरफ से निरीक्षण के बजाए बहानेबाजी रही।
मंडलीय पर्यवेक्षक ने मामले पर गंभीर
दैनिक जागरण में सोमवार को प्रकाशित खबर 'जनऔषधि केंद्र से बिक रही निजी फार्मा कंपनियों की दवाएं' ने खलबली मचा दी। इसे जेनेरिक दवाओं की उपलब्धता के मंडलीय पर्यवेक्षक मानवेंद्र सिंह ने गंभीरता से संज्ञान लेते हुए पूछताछ शुरू कर दी है।
ग्राहकों को भुगतान का बिल देना भी अनिवार्य
मानवेंद्र सिंह ने दैनिक जागरण को फोन पर बताया कि जनऔषधि केंद्र से केवल जेनेरिक दवाएं ही बिक्री किए जाने का नियम है। दवाओं पर जनऔषधि का लोगो रहता है। कहा कि दवाएं लेने वाले ग्राहकों को भुगतान का बिल देना भी अनिवार्य है। यदि प्रयागराज में ऐसा नहीं हो रहा है तो यह सरासर गलत है।
एसआरएन अस्पताल की प्रमुख चिकित्साधीक्षक ने कहा
स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) चिकित्सालय की प्रमुख चिकित्साधीक्षक डा. नीलम सिंह ने जनऔषधि केंद्र का निरीक्षण कर वस्तुस्थिति जानने का प्रयास किया। बताया कि दवा केंद्र के संचालक से पूछताछ कर रहे हैं, दो दिनों में जवाब देने को जनऔषधि केंद्र के स्थानीय संचालक ने कहा है।
पांच दवाओं में दो निजी कंपनियों की
सैदाबाद से अस्पताल आईं प्राची ने अपने पिता के लिए 750 रुपये की दवाएं खरीदी। पांच तरह की दवाओं मेंं दो निजी फार्मा कंपनियों की रहीं। प्राची को जनऔषधि केंद्र से बिल नहीं दिया गया। करछना से आए एक बुजुर्ग जनऔषधि केंद्र से दवाएं लेने के बाद फर्श पर बैठ गए। थैले में रखी दवाएं और दवा का पर्चा देखते रहे। पूछने पर बताया कि 350 रुपये की दवा दी गई, बिल नहीं मिला।
...इसलिए ड्रग निरीक्षक जनऔषधि केंद्र नहीं जा सके
ड्रग निरीक्षक संतोष कुमार पटेल का कहना है कि मीरजापुर में ड्यूटी लगी है इसलिए जनऔषधि केंद्र जा नहीं पाए। प्रयागराज में एक और ड्रग निरीक्षक हैं निरीक्षण करने उनका भी जाना नहीं हुआ। लौट कर देखेंगे, अभी तो मीरजापुर का प्रभार देखना है।

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