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    प्रयागराज GRP में मानव तस्करी के संदेह में मुकदमा, 9 बच्चों की सुपुर्दगी बाकी, सीमांचल एक्सप्रेस से रेस्क्यू हुए थे 18 बच्चे

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 02:33 PM (IST)

    प्रयागराज जंक्शन पर सीमांचल एक्सप्रेस से रेस्क्यू किए गए 18 नाबालिग बच्चों के मामले में जीआरपी ने अज्ञात ठेकेदारों के खिलाफ मानव तस्करी का मामला दर्ज किया है। सीडब्ल्यूसी ने नौ बच्चों को उनके माता-पिता को सौंप दिया है जबकि बाकी नौ के परिवार वाले जल्द ही पहुंचेंगे। मानव तस्करी की आशंका की एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट जांच कर रही है।

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    प्रयागराज जंक्शन पर सीमांचल एक्सप्रेस में छापेमारी के दौरान तलाशी लेते जीआरपी-आरपीएफ के जवान। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। आपको ध्यान होगा कि प्रयागराज जंक्शन पर पांच सितंबर को सीमांचल एक्सप्रेस से 18 नाबालिग बच्चे रेस्क्यू किए गए थे। इस मामले में राजकीय रेलवे पुलिस (GRP) ने अज्ञात ठेकेदारों के खिलाफ मानव तस्करी के संदेह में मुकदमा दर्ज किया है।

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    आज बच्चों की सुपुर्दगी मामले में तीन आवेदन हुए

    बच्चों की सुपुर्दगी की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है। सोमवार को चाइल्ड वेलफेयर कमेटी (CWC) ने 18 में से नौ बच्चों को उनके परिजनों को सौंप दिया। शेष नौ बच्चों के अभिभावक मंगलवार को बिहार से प्रयागराज पहुंच रहे हैं, ताकि वे अपने बच्चों को ले जाने के लिए आवेदन कर सकें। आज यानी 9 सितंबर की सुबह तीन आवेदन हुआ है। आवेदन के आधार पर इन बच्चों को उनके परिवारों के साथ घर जाने की अनुमति दी जाएगी। 

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    रेस्क्यू किए गए बच्चे बिहार के अररिया, पूर्णिया व कटिहार के हैं

    ये बच्चे बिहार के अररिया, पूर्णिया और कटिहार जिलों के रहने वाले हैं। जीआरपी इंस्पेक्टर एके सिंह ने बताया कि बच्चों को रेस्क्यू करने के बाद उनकी पहचान और उनके परिवारों से संपर्क स्थापित करने की प्रक्रिया तेजी से शुरू की गई थी।

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    मानव तस्करी की आशंका की जांच AHTU करेगी

    जीआरपी प्रयागराज के इंस्पेक्टर ने बताया कि प्रारंभिक जांच में पता चला कि इन बच्चों को अज्ञात ठेकेदारों द्वारा काम के लिए ले जाया जा रहा था, जिसके पीछे मानव तस्करी की आशंका जताई जा रही है। इस गंभीर मामले की जांच अब एंटी ह्यूमन ट्रैफिकिंग यूनिट (AHTU) को सौंप दी गई है, जो इसकी गहराई से पड़ताल करेगी।

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    स्वजन ने वास्तविक दस्तावेज दिए तो बच्चे उन्हें सौंपे गए

    सीडब्ल्यूसी के अधिकारियों ने बताया कि बच्चों की सुपुर्दगी से पहले उनकी पहचान और उनके परिजनों के दस्तावेजों की गहन जांच की गई, ताकि यह सुनिश्चित हो सके कि बच्चे अपने वास्तविक अभिभावकों के पास ही जा रहे हैं। सोमवार को नौ बच्चों के परिजनों ने सभी आवश्यक दस्तावेज प्रस्तुत किए, जिसके बाद उन्हें बच्चों की कस्टडी सौंप दी गई। बाकी नौ बच्चों के परिजनों के मंगलवार को प्रयागराज पहुंचने की उम्मीद है। उनके आवेदन और दस्तावेजों की जांच के बाद बच्चों को उनके परिवारों को सौंपा जाएगा।

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    बच्चों को ले जाने में किस गिरोह का हाथ है

    यह मामला मानव तस्करी जैसे संगीन अपराध की ओर इशारा करता है, जिसके चलते पुलिस और प्रशासन ने इसकी जांच को प्राथमिकता दी है। एएचटीयू अब इस बात की जांच करेगी कि इन बच्चों को किन परिस्थितियों में ले जाया जा रहा था और इसमें कौन-कौन शामिल हैं। साथ ही, यह भी पता लगाया जाएगा कि क्या यह कोई संगठित गिरोह का हिस्सा है।

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    प्रशासन और जीआरपी से लोगों की अपील 

    स्थानीय प्रशासन और जीआरपी ने लोगों से अपील की है कि वे अपने बच्चों की सुरक्षा के प्रति सजग रहें और किसी भी संदिग्ध गतिविधि की सूचना तुरंत पुलिस को दें। इस घटना ने एक बार फिर नाबालिग बच्चों के शोषण और तस्करी की समस्या को उजागर किया है, जिसके खिलाफ कठोर कार्रवाई की आवश्यकता है।