प्रयागराज में रेल पटरियों के किनारे अवैध बांग्लादेशियों के होने की आशंका पर दबिश, पहचान पत्र मांगे तो कुछ लोग भागने लगे
प्रयागराज में रामबाग रेलवे स्टेशन के पास जीआरपी और सिविल पुलिस ने छापेमारी की। रेलवे पटरियों के किनारे अवैध रूप से रहने वाले लोगों की पहचान जांची जा रही है, क्योंकि उनके बांग्लादेशी होने का संदेह है। पुलिस ने पहचान पत्र मांगे तो कुछ लोग भाग गए। दिल्ली ब्लास्ट के बाद रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा बढ़ाने के लिए यह अभियान चलाया जा रहा है। अवैध कब्ज़े और अपराधों पर लगाम लगाने के लिए कार्रवाई ज़रूरी है।

प्रयागराज के रामबाग स्थित रेलवे ट्रैक के किनारे अवैध बांग्लादेशियों के होने की आशंका पर छापेमारी करते जीआरपी के जवान व पुलिस। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। रेलवे स्टेशनों की सुरक्षा को मजबूत करने और अपराधों पर लगाम कसने के लिए जीआरपी ने सिविल पुलिस के साथ मिलकर बड़ा अभियान शुरू किया है। खास तौर पर रेल पटरियों के किनारे और स्टेशन के आसपास बनी झुग्गी-झोपड़ियों में रहने वाले खानाबदोश लोगों की पहचान जांचने पर जोर दिया जा रहा है।
अवैध रूप से रह रहे लोग भारतीय नागरिक नहीं?
गुरुवार को रामबाग रेलवे स्टेशन के आसपास छापेमारी हुई, जहां पुलिस ने लोगों के पहचान पत्र मांगे। जैसे ही पुलिस पहुंची, कई लोग भागने लगे। यह कार्रवाई दिल्ली ब्लास्ट के बाद बढ़ी सतर्कता का हिस्सा है। बताया जा रहा है कि रेल पटरी के किनारे अवैध रूप से रह रहे लोग भारतीय नागरिक नहीं है और उनके बांग्लादेशी होने की संभावना है। इसलिए उनके कागजात भी चेक किया जा रहे हैं।
रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा करके बस गए हैं लोग
जीआरपी इंस्पेक्टर एके सिंह की अगुवाई में टीम ने रामबाग स्टेशन के निकट झुग्गी-झोपड़ियों और पत्थरों से बने मकानों में दबिश दी। यहां रहने वाले लोग रेलवे की जमीन पर अवैध कब्जा करके बस गए हैं। पुलिस को इनपुट मिला है कि ये लोग भारतीय नागरिक नहीं हैं, बल्कि बांग्लादेशी हो सकते हैं। इनके पास मौजूद डॉक्यूमेंट भी फर्जी तरीके से बनाए गए हैं। इसी आशंका के आधार पर पहचान पत्रों की सघन जांच शुरू की गई है। छापेमारी के दौरान कई संदिग्ध भाग निकले, जिससे इलाके में हड़कंप मच गया।
कई अपराधियों इन्हीं जगहों से गिरफ्तार हो चुके हैं
रेलवे की सुरक्षा के लिए यह अभियान बेहद जरूरी बताया जा रहा है। आउटर सिग्नल के पास जब ट्रेन रुकती है, तो यहीं रहने वाले लोग चोरी और अन्य अपराध करते पकड़े गए हैं। कई अपराधियों को इन्हीं जगहों से गिरफ्तार किया जा चुका है। रामबाग स्टेशन के आसपास स्थिति सबसे गंभीर है। यहां रेल पटरी के दोनों किनारों पर पूरी जमीन कब्जाई जा चुकी है। झुग्गियां और पत्थर के मकान रेलवे की संपत्ति पर खड़े हैं, जो ट्रेनों की आवाजाही के लिए खतरा बन रहे हैं।
आउटर के पास रुकने वाली ट्रेनों में चोरी की घटनाएं
जीआरपी थाना प्रभारी एके सिंह ने बताया कि अपराध पर नियंत्रण और रेलवे की सुरक्षा के लिए अवैध अतिक्रमण हटाना जरूरी है। रेल पटरी के किनारे रहने वाले अवैध लोग अपराध बढ़ा रहे हैं। आउटर के पास रुकने वाली ट्रेनों में चोरी की घटनाएं लगातार हो रही हैं। कई अपराधी यहीं से पकड़े गए हैं। इसलिए हम सिविल पुलिस के साथ मिलकर छापेमारी कर रहे हैं। लोगों की पहचान सुनिश्चित की जा रही है। उन्होंने आगे कहा कि रेलवे प्रशासन को भी अतिक्रमण हटाने के लिए तुरंत कार्रवाई करनी चाहिए, ताकि स्टेशन और पटरियां पूरी तरह सुरक्षित रहें।
वैध पहचान पत्र नहीं होने पर हिरासत में लिया जाएगा
यह अभियान सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं है। दिल्ली ब्लास्ट के बाद पूरे देश में रेलवे स्टेशनों पर विशेष सतर्कता बरती जा रही है। अवैध घुसपैठिए और अतिक्रमणकारी न सिर्फ सुरक्षा को चुनौती दे रहे हैं, बल्कि यात्रियों की जान जोखिम में डाल रहे हैं। पुलिस की टीम घर-घर जाकर दस्तावेज जांच रही है। जिनके पास वैध पहचान पत्र नहीं हैं, उन्हें हिरासत में लिया जाएगा। कुछ लोगों से पूछताछ में बांग्लादेशी होने के संकेत मिले हैं, जिसकी गहन जांच चल रही है। हालांकि अभी तक आधिकारिक तौर पर किसी के बांग्लादेशी होने की पुष्टि नहीं की गई है। जीआरपी का कहना है कि अभी हम जांच पड़ताल कर रहे हैं जांच के आधार पर आगे जानकारी दी जाएगी।
'संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत जीआरपी को सूचित करें'
रामबाग जैसे व्यस्त स्टेशन पर यह समस्या सालों से चली आ रही है। यहां रहने वाले लोग ट्रेनों से उतरते सामान चोरी करते हैं या सिग्नल खराब करने की कोशिश करते हैं। पुलिस का कहना है कि अवैध बस्तियां हटेंगी तो अपराध अपने आप कम हो जाएंगे। अभियान जारी है और जल्द ही बड़े खुलासे होने की उम्मीद है। रेलवे यात्रियों से भी अपील की गई है कि कोई संदिग्ध गतिविधि दिखे तो तुरंत जीआरपी को सूचित करें। इस कार्रवाई से स्टेशन क्षेत्र सुरक्षित और साफ-सुथरा बनेगा, यही मकसद है।

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