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    प्रयागराज में फर्जीवाड़ा, करोड़ों रुपये की वसूली में निलंबित DPRO कार्यालय के एक बाबू की 23 ब्लाकों में जांच शुरू

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 02:12 PM (IST)

    प्रयागराज में, निलंबित DPRO कार्यालय के एक बाबू के खिलाफ करोड़ों रुपये की वसूली के मामले में 23 ब्लॉकों में जांच शुरू हो गई है। आरोप है कि बाबू ने प्र ...और पढ़ें

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    प्रयागराज के डीपीआरओ कार्यालय के निलंबित बाबू द्वारा की गई करोड़ों रुपये के वसूली मामले की विभिन्न ब्लाकों में जांच शुरू हो गई है। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। विकास भवन स्थित डीपीआरओ कार्यालय में तैनात कनिष्ठ सहायक हरिकेश पांडेय के खिलाफ जांच शुरू हो गई है। डीएम मनीष कुमार वर्मा के निर्देश पर डीडीओ जीपी कुशवाहा ने जांच शुरू कर दी है। पिछले दिनों दिशा की बैठक में हंडिया के विधायक हाकिमचंद्र बिंद ने सफाई कर्मियों से वसूली की शिकायत की थी।

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    डीडीओ ने जांच शुरू की, सफाई कर्मियों का बयान ले रहे 

    कनिष्ठ सहायक पर प्रोन्नत वेतनमान, पे-रोल और तबादला आदेश निरस्त कराने के लिए सफाई कर्मियों से करोड़ों रुपये वसूलने का आरोप है, जिसकी प्राथमिक जांच में डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने उसे निलंबित कर दिया है। अब डीडीओ ने जांच शुरू करते हुए वीडियोग्राफी के बीच सफाई कर्मियों का बयान दर्ज करना प्रारंभ कर दिया है। इस प्रकरण को लेकर जिले के लगभग तीन हजार सफाई कर्मियों से लेकर डेढ़ हजार से ज्यादा प्रधानों, दो हजार बीडीसी सदस्यों, ब्लाक प्रमुखों, ग्राम पंचायतों, ब्लाकों और विकास भवन तक चर्चा है।

    खास-खास

    - 3000 सफाई कर्मी हैं जिले में, ब्लाकों पर सरदार हर माह करता है पे-रोल आगे बढ़ाने के लिए वसूली
    - 13.5 करोड़ रुपये से ज्यादा हर माह मिलता है इन कर्मचारियों को मानदेय, हर माह ढेरों का तबादला

    आरोपित कनिष्ठ लिपिक पर स्थापना की जिम्मेदारी 

    आरोपित कनिष्ठ लिपिक पर स्थापना की जिम्मेदारी है। वह सफाई कर्मियों के वेतन, पेंशन, नियुक्ति, निलंबन व बहाली का कार्य देखता है। जनपद में तैनात इन सफाई कर्मियों को हर माह लगभग 13 करोड़ 50 लाख रुपये मानदेय दिया जाता है। इस मानदेय के लिए पे-रोल ब्लाक से डीपीआरओ कार्यालय हर माह भेजा जाता है। आरोप है कि हर ब्लाक पर सरदार होते हैं, जो सफाई कर्मियों से पांच सौ रुपये वसूली कर पे-रोल आगे बढ़ाते हैं। इस पे-रोल के लिए प्रधान हर माह प्रमाण पत्र देते हैं, जो ब्लाक जाता है और वहां पर एडीओ पंचायत द्वारा डीपीआरओ कार्यालय को अग्रसारित किया जाता है।

    क्या लगा है आरोप? 

    कनिष्ठ सहायक पर आरोप है कि उसकी शह पर पे-रोल से ही जनवरी से जुलाई तक एक करोड़ पांच लाख रुपये वसूले गए हैं। इसी तरह 1250 सफाई कर्मियों से प्रोन्नत वेतनमान के लिए 10-10 हजार रुपये के हिसाब से एक करोड़ 25 लाख रुपये वसूलने का आरोप है। तीसरा आरोप बेहद गंभीर है, जिसमें कनिष्ठ पर सफाई कर्मियों का दूर दिशा में स्थानांतरण कर वापसी के लिए 10 से 15 हजार रुपये वसूलने का आरोप है। जनवरी से जुलाई तक 450 सफाई कर्मियों का तबादला कर उन्हें वापस कराने के नाम पर लगभग 65 लाख रुपये वसूले गए।

    डीडीओ विधायक से भी करेंगे वार्ता 

    इस मामले में डीडीओ ने अब जांच शुरू कर दिया है। सफाई कर्मियों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। वहीं शिकायत को लेकर विधायक से भी डीडीओ जल्द ही वार्ता करेंगे। जांच रिपोर्ट इसी माह डीएम को सौंपी जाएगी। 

    निलंबित तो किया पर नहीं छीने अधिकार

    डीपीआरओ कार्यालय में तैनात कनिष्ठ बाबू को निलंबित तो कर दिया गया है मगर उसे उसी कार्यालय में संबद्ध किया गया है, जो जांच को भी प्रभावित कर रहा है। शहर के दूर के ब्लाक कोरांव, शंकरगढ़ अथवा प्रतापपुर भेजना चाहिए था। यही नहीं उसके अधिकार भी नहीं छीने गए हैं। स्थापना के सभी कार्य वही कर रहा है, सिर्फ हस्ताक्षर दूसरे बाबू का होता है।

    वीडियोग्राफी से बयान दर्ज

    इस मामले में सभी ब्लाकों के 10 से 15 प्रतिशत सफाई कर्मियों के बयान दर्ज करने निर्देश डीएम की ओर से दिए गए हैं। अब तक श्रृंगवेरपुर, मांडा, सोरांव, कौड़िहार, जसरा ब्लाकों के सफाई कर्मियों के बयान दर्ज हो चुके हैं। बुधवार को करछना और कौंधियारा ब्लाक के सफाई कर्मियों के बयान दर्ज कराए गए। गुरुवार को भी दो ब्लाकों के कर्मियों के बयान दर्ज होंगे।

    सफाई कर्मियों को दी गई धमकी

    डीपीआरओ कार्यालय हटाए जाने नहीं जाने के कारण कनिष्ठ सहायक द्वारा सफाई कर्मियों को धमकी भी दी जा रही है। आरोप है कि बयान दर्ज कराने के पहले सफाई कर्मियों को कनिष्ठ सहायक धमकी दे रहा है कि उसके खिलाफ बयान दिया तो सेवा समाप्त कर दी जाएगी। मंगलवार शाम को भी कुछ सफाई कर्मियों को धमकाया गया था।

    जांच रिपोर्ट डीएम को सौंपी जाएगी : डीडीओ

    डीडीओ जीपी कुशवाहा का कहना है कि डीपीआरओ कार्यालय में तैनात कनिष्ठ सहायक हरिकेश पांडेय पर सफाई कर्मियों से करोड़ों रुपये की वसूली की जांच शुरू हो गई है। अब तक सात ब्लाकों के सफाई कर्मियों के बयान दर्ज हो चुके हैं। जांच रिपोर्ट शीघ्र ही डीएम को सौंपी जाएगी।

    यह मुद्दा सदन में उठाऊंगा : हंडिया विधायक 

    हंडिया विधायक हाकिम चंद्र बिंद का कहना है कि सफाई कर्मियों से वसूली के मामले में निलंबित कनिष्ठ लिपिक को विभाग ने उसी कार्यालय में रखा है, जो सारे कार्य कर रहे हैं। आय से अधिक संपत्ति के मामले में उनके खिलाफ जांच भी चल रही है। यह मुद्दा सदन में उठाऊंगा।

    उच्च स्तरीय जांच चल रही है : डीपीआरओ 

    डीपीआरओ रविशंकर द्विवेदी ने बताया कि कनिष्ठ लिपिक का पद कार्यालय के लिए ही है, इसलिए उसे नहीं हटाया जा सका है। आरोप लगने पर प्राथमिक जांच के आधार पर उसे निलंबित किया चुका है। इस मामले में उच्च स्तरीय जांच चल रही है।

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