कामोत्तेजक दवा का सेवन करने में बरतें सावधानी, ह्दय रोगी खास ध्यान दें, अति डोज के नुकसान बता रहे प्रयागराज के डॉक्टर
प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में कामोत्तेजक दवाओं के अधिक सेवन से पीड़ित कई लोगों की सर्जरी की गई। डॉक्टरों ने बताया कि इन दवाओं के अधिक सेवन से खून की नली में थक्का बन जाता है। हृदय रोगियों को इन दवाओं से दूर रहने की सलाह दी गई है। विशेषज्ञ डॉक्टरों के अनुसार, स्वस्थ व्यक्ति को भी कामोत्तेजक दवा की सीमित मात्रा ही लेनी चाहिए। मर्दाना ताकत वापस आने में दो से तीन महीने लग सकते हैं।

प्रयागराज के डॉक्टरों ने इरेक्टाइल डिसफंक्शन की दवा के इस्तेमाल पर सावधानी बरतने की सलाह दी है। प्रतीकात्मक फोटो
अमरदीप भट्ट, प्रयागराज। कामोत्तेजक दवा की जरूरत से अधिक डोज लेने से कई लोगो को विपरीत प्रभाव झेलना पड़ा। पीड़ितों की स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में सर्जरी हुई। इसमें अलग-अलग आयुवर्ग के लोग शामिल हैं। चार लोगों की सर्जरी 10 दिन के अंदर की गई।
क्या मर्दाना ताकत रह पाएगी या नहीं?
सर्जरी से इन लोगों को आराम तो जरूर मिला है, लेकिन मर्दाना ताकत रह पाएगी या नहीं, इसका निर्धारण दो से तीन महीने बाद हो पाएगा। यूरोलॉजी विभाग के डाक्टरों ने इन मरीजों की परेशानी को चिकित्सीय चुनौती मानते हुए उपचार पूरा होने तक समय-समय पर अस्पताल आते रहने का सुझाव दिया है।
छात्र ने तीन टैबलेट का कर लिया था सेवन
प्रयागराज में रहकर पढ़ाई करने वाले 28 वर्षीय एक छात्र ने स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय की यूराेलाजी ओपीडी में पहुंचकर अपनी परेशानी बताई। बताया कि उसने कामोत्तेजक दवा की तीन टैबलेट का सेवन कर लिया, इसके बाद उसके प्राइवेट पार्ट का तनाव कम ही नहीं हो रहा है। बताया कि यह स्थिति कई घंटे से है।
खून की नली में बन चुका था थक्का
विभागाध्यक्ष डा. दिलीप चौरसिया, डा. शिरीष मिश्रा और सहायकों ने केस स्टडी को समझते हुए आकस्मिक स्थिति में आपरेशन का निर्णय लिया। उसकी खून की नली में थक्का बन चुका था। खून की प्रवाह प्रक्रिया को सर्जरी करके ठीक किया गया।
अधेड़ कामोत्तेजक दवा के अतिरिक्त डोज से बेचैन रहा
इसी तरह से 54 वर्षीय व्यक्ति ने अपनी परेशानी बताई। जैसी समस्या छात्र को थी लगभग वैसी ही इन्हें भी रही। कामोत्तेजक दवा की अतिरिक्त डोज लेने से प्राइवेट पार्ट में तनाव हुआ तो फिर यह कम नहीं हो रहा था। परेशानी से करीब चार घंटे बेचैनी में कटे। अस्पताल में आकस्मिक स्थिति में सर्जरी करके राहत पहुंचाई गई।
दो अन्य मरीजों की भी डॉक्टरों ने की सर्जरी
इन दोनों के अलावा दो अन्य मरीज अक्टूबर में अलग-अलग दिनों में अस्पताल पहुंचे थे। आपरेशन के बाद इन्हें घर तो भेज दिया गया लेकिन भविष्य का खतरा दूर करने के लिए पुन: ओपीडी में बुलाया गया है।
दवाएं आसानी से उपलब्ध, नहीं कोई रोकटोक
मेडिकल स्टोर पर कामोत्तेजक दवाएं आसानी से उपलब्ध हो जाती हैं। इन्हें युवा, अधेड़ खरीदते हैं तो 60 या 65 साल के बुजुर्ग भी पीछे नहीं रहते। जबकि दवाओं के दुकानदार किसी चिकित्सक का लिखित परामर्श मांगे बिना ग्राहक जितनी टैबलेट मांगे उसे दे देते हैं। कहीं किसी तरह की रोकटोक नहीं है।
हृदय राेगी अतिरिक्त सावधानी बरतें
चिकित्सकों का कहना है कि हृदय रोगियों के लिए कामोत्तेजक दवाएं घातक हो सकती हैं। हृदय में स्टेन पड़ा है तो इन दवाओं का सेवन खतरनाक है। हालांकि अपने डाक्टर से मिलकर व्यक्तिगत रूप से परामर्श लिया जा सकता है।
विशेषज्ञ की लोगों को सलाह
एसआरएन अस्पताल में यूरोलाजिस्ट डॉ. शिरीष मिश्र का कहना है कि स्वस्थ व्यक्ति को कामोत्तेजक दवा 25 से 30 एमजी अथवा अधिकतम 50 एमजी की गोली महीने में मात्र दो बार लेनी चाहिए। दवाओं का दुष्प्रभाव तब ही होता है जब इसे डाक्टर के परामर्श के बिना और अधिक डोज में लिया जाता है। आयु और बीमारी के अनुसार डोज निर्धारित की जाती है। यदि किसी तरह की बीमारी नहीं है तो भी डोज डाक्टर के परामर्श पर तय होनी चाहिए। जिनके आपरेशन हुए हैं उनकी मर्दाना ताकत का निर्धारण तीन महीने बाद हो पाएगा।

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