दीवाली पर प्रयागराज में कितना फैला प्रदूषण, सबसे अधिक और सबसे कम प्रदूषण वाला कौन रहा इलाका?
दीपावली पर प्रयागराज में जमकर पटाखे फोड़े गए, जिससे कई इलाकों में प्रदूषण बढ़ गया। जंक्शन, घंटाघर और सिविल लाइंस सबसे अधिक प्रदूषित रहे। कटरा, तेलियरगंज जैसे क्षेत्रों में भी शोर अधिक रहा। सबसे शांत इलाका इलाहाबाद विश्वविद्यालय रहा। वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) धूमनगंज और अलोपीबाग में खतरनाक स्तर पर पहुंच गया, जिससे सांस लेना भी मुश्किल हो गया।(x)

उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार प्रयागराज में दीवाली पर मुहल्लों में प्रदूषण की रिपोर्ट जारी हुई है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। संगम नगरी में दीपावली पर लोगों ने जमकर पटाखे फोड़े। प्रयागराज जंक्शन, घंटाघर और सिविल लाइंस में इतने पटाखे फूटे की पूरा इलाका धुंआ-धुआं हो गया। यहां वायु प्रदूषण बहुत अधिक रहा और सर्वाधिक शोर रिकार्ड किया गया।
20 अक्टूबर की रात 10 से 11.30 तक सर्वाधिक शोर
हालांकि अधिक पटाखे फोड़ने में कटरा, तेलियरगंज, अल्लापुर, जानसेनगंज, ममफोर्डगंज और नई झूंसी कालोनी के लोग भी पीछे नहीं रहा, सुबह से लेकर पूरी रात यह इलाके पटाखों के शोर से गूंजते रहे। 20 अक्टूबर यानी सोमवार रात 10 से 11:30 बजे की अवधि में सबसे अधिक शोर दर्ज किया गया।
हवा में घुले अति सूक्ष्म कण मानक से बहुत अधिक रहा
पटाखों के शोर से बच्चों व बड़ों की नींद खराब हो गई। बीमार लोगों को भी काफी परेशानी हुई। पशु-पक्षी भी व्याकुल हुए तो लोगों के कान सुन्न हो गए। हवा में घुली अति सूक्ष्म कणों (पीएम2.5) और पीएम 10 की मात्रा मानक से बहुत अधिक रही।
यूपीपीसीबी ने शहर के 6 स्थानों पर मापा ध्वनि प्रदूषण
उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (यूपीपीसीबी) ने दीपावली पर आवासीय क्षेत्र में तीन स्थान पर और वाणिज्यक क्षेत्र में छह स्थान पर ध्वनि प्रदूषण का स्तर मापा। दीपावली पूर्व 13 अक्टूबर और दीपावली के दिन 20 अक्टूबर को दोनों स्थानों पर शोर मापा गया। दीपावली के दिन ममफोर्ड गंज में 58.2 डेसिबल, नई झूंसी कालेानी में 54.7 डेसिबल, अल्लापुर कालोनी में 63.5 डेसिबल का शोर दर्ज किया गया।
क्या है प्रदूषण का मानक
यह मानक से कहीं अधिक है। इस इलाके में सुबह छह बजे रात 10 बजे तक 55 डेसिबल और रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक 45 डेसिबल औसत शोर रिकार्ड हुआ। आवासीय क्षेत्रों में दिन के समय 55 डेसिबल और रात में 45 डेसिबल से अधिक ध्वनि प्रदूषण माना जाता है।
कहां कितना रहा प्रदूषण
इसके अलावा वाणिज्यक क्षेत्र में रेलवे स्टेशन प्रयागराज जंक्शन 65.6 डेसिबल, चौक घंटाघर में 65.4 डेसिबल, सिविल लाइंस चौराहा 65.2 डेसिबल , कटरा 63.7 डेसिबल, तेलियरगंज बाजार 62.8 डेसिबल, जानसेनगंज चौराहा 61.2 डेसिबल शोर दर्ज किया गया। औसत रूप से इस क्षेत्र में सुबह छह बजे रात 10 बजे तक 65 डेसिबल और रात्रि 10 बजे से सुबह छह बजे तक 55 डेसिबल औसत शोर रिकार्ड हुआ।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय का इलाका सर्वाधिक शांत रहा
सबसे शांत क्षेत्र इलाहाबाद विश्वविद्यालय का रहा यहां 50.2 डेसिबल शोर दर्ज हुआ। वहीं यूपीपीसीबी ने लक्ष्मी टाकीज क्षेत्र में वायु प्रदूषण के स्तर की जांच की। यहां पर दीपावली के दिन एक्यूआइ 434 पहुंच गया, जबकि 13 अक्टूबर को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) 165 था। सर्किट हाउस क्षेत्र में 13 अक्टूबर को एक्यूआइ 140 था जो 20 अक्टूबर को बढ़कर 244 हो गया।
अलोपीबाग की जानें स्थिति
रामबाग में हवा में घुली अति सूक्ष्म कणों की मात्रा (पीएम 10) 428.98 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंची, जो 13 अक्टूबर को 156.44 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर से कम थी। इसी तरह अलोपीबाग में हवा में घुली धूल कणों की मात्रा 464.28 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंच गई, जो 13 को 198.69 थी।
यूपीपीसीबी के वैज्ञानिक ने कहा
धूमनगंज में हवा में घुली धूल कणों की मात्रा 464.48 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर तक पहुंची, जो 13 को 200.11 थी। यूपीपीसीबी के वैज्ञानिक व आरओ विजय कुमार ने बताया कि पटाखों का प्रभाव वायु प्रदूषण बढ़ाने के साथ वायु की गुणवत्ता को भी प्रभावित करता है।
कैसी रही शहर की हवा
स्टेशन का नाम - एक्यूआइ 20 अक्टूबर-एक्यूआइ 13 अक्टूबर
रामबाग - 399 - 138
अलोपीबाग- 443 - 166
धूमनगंज - 443 - 167
सबसे खतरनाक रहा धूमनगंज व अलोपीबाग का एक्यूआइ
एक्यूआइ को मापने के लिए छह चरण में मानक तय हैं जो जीरो से शुरू होकर 500 तक जाते हैं। इसमें छठवां मानक 401-500 का होता है, जो गंभीर स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित करता है। यह पूरी तरह से जहरीली हवा की श्रेणी में आता है। धूमनगंज व अलोपीबाग का एक्यूआइ इसी श्रेणी में रहा और दोनों लगभग 450 के पास रहे। जबकि रामबाग भी 399 के साथ सबसे खतरनाक चरण को छूता रहा। इन तीनों स्थानों के एक्यूआइ सबसे खतरनाक स्तर पर पहुंचे और सांस लेना भी खतरनाक रहा।
एयर क्वालिटी इंडेक्स की सारिणी
0-50 अच्छा न्यूनतम प्रभाव
51-100 संवेदनशील लोगों को सांस लेने में मामूली परेशानी
101-200 फेफड़े, अस्थमा और हृदय रोग से पीड़ित लोगों को मध्यम सांस लेने में परेशानी
201-300 खराब लंबे समय तक संपर्क में रहने से ज्यादातर लोगों को सांस लेने में तकलीफ होती है
301-400 लंबे समय तक संपर्क में रहने पर बहुत खराब श्वसन संबंधी बीमारी
401-500 गंभीर स्वस्थ लोगों को प्रभावित करता है और मौजूदा बीमारियों वाले लोगों को गंभीर रूप से प्रभावित
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