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    प्रयागराज मंडल ने तीन वर्षों में सात गुना कृषि उत्पादों का निर्यात बढ़ाया, नई तकनीक से किसान बढ़ा रहे फसल की गुणवत्ता

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 09 Nov 2025 04:57 PM (IST)

    प्रयागराज मंडल कृषि उत्पादों के निर्यात में तेजी से वृद्धि कर रहा है। पिछले तीन वर्षों में निर्यात सात गुना बढ़ गया है। किसान नई तकनीकों का उपयोग करके फसल की गुणवत्ता में सुधार कर रहे हैं। चावल, आंवला उत्पाद, सुरखा अमरूद, भिंडी, गुलाब और मूंगफली जैसे उत्पादों की विदेश में भारी मांग है। वित्तीय वर्ष 2025-26 में सितंबर तक लगभग 47 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ है, जो पिछले वर्षों की तुलना में काफी अधिक है।

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    प्रयागराज मंडल ने नई तकनीक से कृषि निर्यात में सात गुना वृद्धि मात्र तीन वर्षों में कर ली है। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। खेती की नई-नई तकनीकों व बारीकियों को सीख कर किसान अपनी उपज की गुणवत्ता सुधार रहे हैं। यही वजह है कि कृषि उत्पादों के निर्यात में प्रयागराज मंडल एक नई इबारत लिख रहा है। इससे होने वाली कमाई तीन साल के अंदर लगभग सात गुना तक बढ़ गई है। सबसे ज्यादा चावल की आपूर्ति हो रही है। इसके अलावा आंवला के उत्पाद, सुरखा अमरूद, भिंडी, गुलाब व मूंगफली के भी विदेशी दीवाने हैं।

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    यहां के कृषि उत्पादों की मांग विदेश में बढ़ी

    प्रयागराज मंडल के चारों जनपदों में किसान उन्नतशील खेती कर रहे हैं। इसकी वजह से इनके कृषि उत्पादों की मांग विदेश में बढ़ रही है। प्रतापगढ़ के आंवला की कनाडा, दुबई, प्रयागराज व कौशांबी के सुरखा व सफेद अमरूद की ओमान, गुलाब के फूल की रशिया, गाजर की दुबई में खूब मांग रहती है।

    शारजाह व दुबई में प्रयागराज की भिंडी की मांग

    संगम नगरी की भिंडी शारजाह और दुबई जाती है। वहीं प्रतापगढ़ व फतेहपुर के चावल का नेपाल में निर्यात हो रहा है। बांग्लादेशियों को फतेहपुर की मूंगफली भी काफ रास आ गई है। वहां इसकी अधिक मांग है। 

    एक वर्ष में 20 करोड़ रुपये की वृद्धि 

    वित्तीय वर्ष 2023-24 में लगभग छह करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का निर्यात हुआ था। निर्यात से मिलने वाली पूंजी का यह आंकड़ा साल 2024-25 में 26 करोड़ रुपये तक पहुंच गया। यानी, एक साल के अंदर 20 करोड़ की वृद्धि।

    इस वित्तीय वर्ष में सितंबर तक 47 करोड़ का निर्यात

    मौजूदा वित्तीय वर्ष में सितंबर तक लगभग 47 करोड़ रुपये के कृषि उत्पादों का निर्यात हो चुका है। अभी छह महीने बचे हुए हैं। उम्मीद है कि शेष बचे दिनों में यह निर्यात से होने वाली कमाई का यह आंकड़ा अभी और बढ़ेगा।

    वर्षवार निर्यात की मात्रा व मूल्य

    वर्ष              मात्रा           मूल्य

    2023-24     6 करोड़     1129 मीट्रिक टन
    2024-25    26 करोड़    6296 मीट्रिक टन
    2025-26    47 करोड़    11360 मीट्रिक टन

    इस वर्ष निर्यात हुए कृषि उत्पाद

    आंवला मुरब्बा व कैंडी - 15.53 मीट्रिक टन
    चावल - 10909 मीट्रिक टन
    मूंगफली - 380 मीट्रिक टन
    भिंडी - एक मीट्रिक टन
    हरी सब्जी - 55 मीट्रिक टन

    क्या कहते हैं किसान 

    पिछले कई साल से सब्जियों का निर्यात कर रहा हूं। स्थानीय बाजार की अपेक्षा निर्यात में उत्पादों का बेहतर दाम मिल जाता है। यह फायदेमंद है।
    उमेश पटेल
    - किसान, रमईपुर

    जब से सब्जियों का निर्यात शुरू किया है, तब से खेती में मुनाफा बढ़ गया है। हर किसान को निर्यात के हिसाब से खेती करनी चाहिए।
    गिरीश चंद्र यादव
    - किसान, आरा कला

    कृषि अधिकारी ने कहा- किसानों की रंग ला रही मेहनत 

    ज्येष्ठ कृषि विपणन निरीक्षक राहुल शुक्ल कहते हैं कि कृषि उत्पादों के निर्यातों को बढ़ावा देने की सरकार की कोशिशें सफल हो रहीं हैं। किसानों की मेहनत भी रंग ला रही है। मंडल में कृषि निर्यात लगातार बढ़ रहा है।

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