प्रयागराज में हैरान करने वाली घटना, लड़की बनने के फेर में अमेठी के छात्र ने काटा प्राइवेट पार्ट, लहूलुहान हाल में भर्ती
अमेठी से प्रयागराज प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने आए एक छात्र ने लड़की बनने की चाह में अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया। छात्र को 14 वर्ष की उम्र से ही लड़की बनने की भावना थी जिसके चलते उसने गूगल पर सर्जरी के बारे में खोजा और डॉक्टर से मुलाकात की। छात्र ने एनेस्थीसिया का इंजेक्शन लगाकर ब्लेड से अपना प्राइवेट पार्ट काटा। उसे एसआरएन अस्पताल में भर्ती कराया गया है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। सुनने में तो यह घटना कुछ अजीब लगती है, लेकिन है सौ प्रतिशत सत्य। जी हां प्रयागराज में भी एक प्रतियोगी छात्र माइकल जैक्शन बनने की फिराक में ऐसा कर दिया जो उसे जीवन भर सिर्फ पछतावा ही देगा। ऐसी हैरान कर देने वाली घटना जिसने भी सुनी वह तो मानो अवाक रह गया।
प्रयागराज शहर में दूर-दूर से प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी करने के लिए छात्र और छात्राएं आते हैं। इनमें से कुछ आइएएस और पीसीएस अफसर तो कोई डाक्टर या इंजीनियर बन जाता है। इनमें से कुछ ऐसे भी होते हैं जो पढ़ाई के नाम पर सिर्फ घरवालों को जीवन भर का दर्द दे जाते हैं, जिन्होंने पाल-पोसकर उन्हें बड़ा किया और अधिकारी बनाने की चाह में अपना पेट काटकर उन्हें यहां भेजते हैं।
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अमेठी के युवक ने हैरान कर देने वाली घटना की
अमेठी से प्रयागराज आए एक प्रतियोगी छात्र ने ऐसी हरकत की, जिससे उसका जीवन बर्बादी की कगार पर आ गया है। साथ ही परिवार के लिए मुसीबत अलग से हो गई है। छात्र के मन में भावना उत्पन्न हो गई है कि उसे लड़की बनना चाहिए, मानसिक फेर होने पर उसने अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया।
लहूलुहान हाल में अस्पताल में भर्ती
लहूलुहान होने पर एक निजी अस्पताल ले जाया। वहां से स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय (SRN Hospital) भेजा गया। छात्र को किसी तरह का पछतावा नहीं है बल्कि उसे अब भी लड़की होने का ही आभास हो रहा है। लगभग 18 वर्षीय छात्र की माध्यमिक पढ़ाई सीबीएसई बोर्ड से हुई है।
किसान का एकलौता बेटा है छात्र
छात्र के पिता किसान हैं और खेती से संपन्न परिवार है। छात्र अपने पिता की एकलौती संतान है। सिविल लाइंस में किराये का कमरा लेकर प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी करने लगा। दो दिन पहले ही उसने अपना प्राइवेट पार्ट काट लिया।
ऐसा करने का छात्र ने यह कारण बताया
अस्पताल में भर्ती छात्र कहता है कि पढ़ाई में मन नहीं लगता। जब 14 वर्ष का था तब लड़कियों के साथ एक वैवाहिक कार्यक्रम में डांस करते समय देखा कि लड़कियां ज्यादा बनठन कर आई हैं। वह डांस भी अच्छा कर रही हैं। तब से ही मन में भावना उत्पन्न हो गई कि लड़की बनना चाहिए।
गूगल पर सर्च करके सीखा तरीका
इसके बाद गूगल पर यह ढूंढने लगा कि लड़के, लड़की कैसे बन सकते हैं। शरीर में बदलाव के लिए कौन से नुस्खे अपनाना चाहिए। इसी क्रम में सर्जरी के तरीके की जानकारी हुई। ढूंढते हुए कटरा में एक डाक्टर से मुलाकात हुई। उस डाक्टर ने कहा कि लड़की बनने के लिए प्राइवेट पार्ट को हटाना होगा।
कटरा मुहल्ले के एक डाक्टर ने छात्र को क्या दी सलाह
छात्र के अनुसार उसी डाक्टर के द्वारा बताए गए तरीके को अपनाते हुए एनेस्थीसिया इंजेक्शन लाया। सर्जिकल की दुकान से ब्लेड, रुई और कॉटन आदि लाया। एनेस्थीसिया का इंजेक्शन स्वयं लगाया और अर्धबेहोशी की हालत में अपना प्राइवेट पार्ट काटने लगा। इसके बाद पेन किलर दवा खाई। लड़के को एसआरएन अस्पताल के सर्जरी विभाग के वार्ड में भर्ती रखा गया है।
मानसिक रोग विशेषज्ञ ने जेंडर आइडेंटिटी डिसआर्डर बताया
मानसिक रोग विशेषज्ञ डा. राकेश पासवान ने बताया कि इस तरह के मामले को जेंडर आइडेंटिटी डिस्आर्डर कहते हैं। इसमें लड़के को लगने लगता है कि वह लड़की है। ऐसे मामलों में संबंधित युवा को अपने शरीर से नफरत हो जाती है। सुझाव है कि ऐसी मानसिक स्थिति आए तो मानसिक रोग चिकित्सक से जरूर संपर्क करना चाहिए।
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