प्रयागराज में गंभीर स्तर पर पहुंचा AQI, डॉक्टरों की सलाह- बच्चे-बुजुर्ग और गर्भवती महिलाएं विशेष सावधानी बरतें
प्रयागराज में प्रदूषण का स्तर गंभीर श्रेणी में पहुंच गया है। डॉक्टरों ने बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को सावधानी बरतने की सलाह दी है। पीएम-10 और पीएम 2.5 का स्तर मानक से अधिक है, जिससे दमा और हृदय रोगियों का खतरा बढ़ गया है। तापमान में गिरावट से प्रदूषण और बढ़ सकता है।

प्रयागराज में वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर गंभीर स्तर पर पहुंचने से विशेषज्ञों ने स्वास्थ्य परामर्श जारी किया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। प्रदूषण का स्तर लगातार बढ़ता जा रहा है। सोमवार को वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआइ) सुबह 299 तो रात को 272 दर्ज की गई। यह ‘सीवियर’ यानी गंभीर श्रेणी में आता है। यह स्थिति न केवल सांस संबंधी रोगों के मरीजों के लिए खतरनाक है, बल्कि सामान्य लोगों के स्वास्थ्य पर सीधा असर डाल सकती है। पीएम-10 और पीएम 2.5 भी खतरनाक स्तर पर पहुंच गया है।
सोमवार रात नौ बजे के बाद पीएम-10 का स्तर 259 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर और और पीएम-2.5 की मात्रा 197 माइक्रोग्राम प्रतिघन मीटर दर्ज की गई। दोनों ही मानक से कई गुना अधिक हैं। हवा में मौजूद महीन कणों की यह मात्रा फेफड़ों में गहराई तक जाकर गंभीर समस्या पैदा कर सकती है।
विशेषज्ञों के अनुसार सीवियर एक्यूआइ में लंबे समय तक बाहर रहने से दमा, एलर्जी और हृदय से जुड़े रोगों का खतरा बढ़ जाता है। सोमवार को अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 11.5 डिग्री सेल्सियस रहा, जो सामान्य से 1.9 डिग्री कम है। वहीं मंगलवार को अधिकतम तापमान 28.2 डिग्री सेल्सियस और न्यूनतम तापमान 10.8 डिग्री सेल्सियस रहा।
अनुमान है कि 27 नवंबर तक न्यूनतम तापमान 10 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच सकता है। तापमान में यह और गिरावट सुबह के समय धुंध बढ़ाएगी, जिससे दृश्यता भी प्रभावित हो सकती है और प्रदूषण का स्तर उच्च बना रह सकता है।
इलाहाबाद विश्वविद्यालय के जलवायु की एवं समुद्र अध्ययन केंद्र के प्रो. सुनीत द्विवेदी ने कहा कि सुबह और शाम ठंडी और शांत हवा के कारण प्रदूषक कण ऊंचाई पर नहीं उठ पाते। जमीन के पास ही जमा हो जाते हैं, जिससे एक्यूआइ बढ़ने की स्थिति बनती है।
एक्यूआइ का स्तर अधिक बढ़ने को लेकर चिकित्सकों ने भी सलाह दी है। उनके अनुसार सीवियर एक्यूआइ में बच्चों, बुजुर्गों और गर्भवती महिलाओं को विशेष सावधानी बरतनी चाहिए। हृदय और फेफड़ों के मरीजों को बाहर कम से कम निकलना चाहिए।

कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।