SGST का प्रयागराज के करोड़पति योग गुरु पर शिकंजा, 10 लाख टैक्स वसूला, कई राज्यों व विदेश में आनलाइन योग कक्षा से जुड़ते हैं लोग
प्रयागराज में एसजीएसटी अधिकारियों ने आनलाइन योग गुरु से लगभग 10 लाख रुपये का टैक्स वसूला है। जांच में पता चला कि योग गुरु का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है और वे केवल महाराष्ट्र सरकार को जीएसटी देते थे। उत्तर प्रदेश में भी आनलाइन योग सीखने वालों की बड़ी संख्या को देखते हुए उन्हें यहां भी जीएसटी जमा करने का नोटिस भेजा गया जिसके बाद उन्होंने टैक्स जमा किया।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। यहां के रहने वाले एक योग गुरु को कर नहीं चुकाना महंगा पड़ गया। उनकी आनलाइन योग कक्षाओं से करोड़ों का टर्नओवर होने की बात कही गई है। उन पर स्टेट जीएसटी विभाग के अधिकारियों ने 10 लाख रुपये का टैक्स वसूला है।
सीजीएसटी के अधिकारियों को ऐसे पता चला
आनलाइन योग क्लास चलाने वाले योग गुरु से एसजीएसटी के अधिकारियों ने करीब 10 लाख रुपये टैक्स वसूली की। अधिकारियों को इसका पता तब चला, जब उन्होंने आनलाइन योग गुरु के सभी दस्तावेजों को खंगाला। यह भी पता चला कि कंपनी का सालाना टर्नओवर करोड़ों में है। देश के अधिकांश राज्यों के साथ ही विदेश में भी आनलाइन लोग योग की कक्षा से जुड़ते हैं।
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योग गुरु सिर्फ महाराष्ट्र सरकार को ही देते थे जीएसटी
एसजीएसटी के ज्वाइंट कमिश्नर शक्ति प्रताप सिंह ने आनलाइन एक योग गुरु के दस्तावेजों को खंगाला तो पता चला कि वह सिर्फ महाराष्ट्र सरकार को ही जीएसटी देते हैं। जबकि उप्र में भी आनलाइन योग सीखने के लिए बड़ी संख्या में लोग जुड़ते हैं।
एक घंटे की आनलाइन क्लास का शुल्क 4 हजार रुपये
संस्था आनलाइन माध्यम से योग सिखाती है और एक घंटे की क्लास का शुल्क चार हजार रुपये निर्धारित है। इसके अलावा तीन माह, छह माह और सालाना पैकेज भी उपलब्ध है।
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क्या कहते हैं ज्वाइंट कमिश्नर
संयुक्त आयुक्त ने अपर आयुक्त ग्रेड-वन राजेश पांडेय और ग्रेड-टू दीनानाथ से इस बारे में वार्ता की। इसके बाद ट्रांजैक्शन रिपोर्ट तैयार की गई। ज्वाइंट कमिश्नर शक्ति प्रताप सिंह ने बताया कि ट्रांजैक्शन रिपोर्ट के आधार पर कंपनी को उप्र में भी अलग से जीएसटी जमा करने का नोटिस जारी किया गया। इसके बाद योग गुरु ने करीब दस लाख रुपये टैक्स जमा कर दिया।
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