आपरेशन करके पेट में ही छोड़ दिया स्पंज, प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल की महिला चिकित्सक के खिलाफ मुकदमा दर्ज
प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में डॉ. सौम्या सक्सेना पर आपरेशन के दौरान लापरवाही का आरोप है। एक महिला के पेट में स्पंज छूट जाने से गर्भस्थ शिशु की मौत ह ...और पढ़ें

प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल में लापरवाही का मामला, मरीज के पेट में स्पंज छोड़ने के आरोप में कोर्ट के आदेश पर डॉक्टर पर केस दर्ज हुआ है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल (एसआरएन) अस्पताल की स्त्री रोग विशेषज्ञ डाॅ. सौम्या सक्सेना द्वारा एक महिला का आपरेशन करने के बाद पेट में ही काटन का स्पंज छोड़ दिया गया। आरोप है कि महिला चिकित्सक की लापरवाही से गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई।
कोर्ट के आदेश पर एफआइआर
पीड़ित महिला का प्राइवेट अस्पताल में दोबारा आपरेशन करके पेट से काटन का स्पंज निकाला गया, तब जाकर उसकी जान बच सकी। मुख्य न्यायिक दंडाधिकारी के आदेश पर कोतवाली थाने में करीब डेढ़ वर्ष बाद महिला चिकित्सक के खिलाफ एफआइआर दर्ज की गई।
गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई थी
प्रतापगढ़ जिले की जमेठी कुंडा निवासी सज्जन प्रजापति की पत्नी रन्नो का आठ मार्च 2024 को स्वरूपरानी नेहरू अस्पताल में प्रसव पीड़ा होने पर आपरेशन किया गया था। गर्भस्थ शिशु की मौत हो गई। रन्नो अस्पताल में ही 15 मार्च तक आपरेशन करने वाली महिला चिकित्सक डाॅ. सौम्या सक्सेना की देखरेख में रही।
डॉक्टर की हीलाहवाली
आपरेशन के बाद भी पेट में लगातार दर्द होता रहा। आरोप है कि डाॅक्टर से जब इस बारे में बताया गया तो पेट में गैस की वजह से दर्द होने की बात कहकर हीलाहवाली की गई। इसके बाद 15 मार्च की दोपहर अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया। कई दिनों बाद भी तबीयत में सुधार नहीं होने पर स्वजन ने उसे प्राइवेट अस्पताल में दिखाया। जहां अल्ट्रासाउंड में पेट के अंदर काटन का स्पंज होने की बात पता चली। 27 जुलाई को प्राइवेट अस्पताल में आपरेशन कर काटन का स्पंज निकाला गया।
पुलिस ने नहीं दर्ज किया था केस
आरोप है कि रन्नो ने कोतवाली से लेकर पुलिस आयुक्त तक को शिकायत पत्र दिया, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं की गई। इसके बाद उसने न्यायालय में प्रार्थना पत्र दिया, जिस पर मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया। कोतवाली इंस्पेक्टर संजय कुमार राय ने बताया कि न्यायालय के आदेश पर एफआइआर दर्ज कर मामले की जांच की जा रही है।

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