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    राजर्षि टंडन गर्ल्स डिग्री कालेज का शासी निकाय किस आरोप में निलंबित, इलाहाबाद विश्वविद्यालय की जांच समिति की अहम होगी रिपोर्ट

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Fri, 12 Dec 2025 02:23 PM (IST)

    इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध राजर्षि टंडन गर्ल्स डिग्री कालेज की शासी निकाय को निलंबित कर दिया गया है। नियुक्ति प्रक्रिया में अनियमितताओं की शिकाय ...और पढ़ें

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    इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध राजर्षि टंडन गर्ल्स डिग्री कालेज के शासी निकाय को नियुक्ति में अनियमितता पर निलंबित कर दिया गया है। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से संबद्ध राजर्षि टंडन गर्ल्स डिग्री कालेज में नियुक्ति प्रक्रिया के दौरान गंभीर अनियमितताओं की शिकायत सामने आने के बाद कालेज शासी निकाय को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है।

    विश्वविद्यालय प्रशासन तक पहुंचा मामला 

    आरोप है कि हाल ही में चयनित कुछ शिक्षकों से कार्यभार ग्रहण कराने के बाद संस्थान के विकास के नाम पर आर्थिक सहयोग की मांग की गई। शिकायतें विश्वविद्यालय प्रशासन तक पहुंचने पर पूरे घटनाक्रम में तत्परता से कार्रवाई की गई।

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    तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति गठित 

    जांच के लिए कालेज डेवलपमेंट काउंसिल के डीन प्रो. एनके शुक्ला की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय उच्च स्तरीय जांच समिति का गठन किया गया है। समिति पूरे मामले की जांच कर रिपोर्ट सौंपेगी, जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई तय की जाएगी।

    'जांच होने से पहले किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं' 

    विश्वविद्यालय की पीआरओ प्रो. जया कपूर ने कहा कि जांच पूरी होने से पहले किसी निष्कर्ष पर पहुंचना उचित नहीं होगा। कालेज में 11 शिक्षकों और एक गैर-शैक्षणिक पद पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई। इनमें से पांच चयनित अभ्यर्थियों ने कार्यभार ग्रहण कर लिया।

    शिकायत में क्या कहा गया?

    शिकायत में कहा गया है कि इन शिक्षकों को नैनी स्थित हिंदी पीठ संस्थान बुलाकर शासी निकाय से जुड़े गौरी पाटशाला ट्रस्ट और हिंदी पीठ ट्रस्ट के खातों में विकास सहयोग राशि जमा करने के लिए कहा गया। कुछ अभ्यर्थियों द्वारा यह राशि जमा भी कर दी गई। मामला सामने आने के बाद इलाहाबाद विश्वविद्यालय का एक प्रतिनिधि दल कालेज परिसर और हिंदी पीठ संस्थान पहुंचा तथा प्राचार्य प्रो. रंजना त्रिपाठी से विस्तृत जानकारी ली। इस प्रकरण में शेष शैक्षणिक व गैर-शैक्षणिक पद की नियुक्ति प्रक्रिया अस्थायी रूप से रोक दी गई है।

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