मजदूरी में फर्जीवाड़े से चर्चा में रही मनरेगा को अब सुस्ती ने घेरा, लापरवाह BDO और APO पर कार्रवाई की तैयारी
प्रयागराज में मनरेगा की सुस्ती उजागर हुई है। सितंबर माह में मानव दिवस सृजन का लक्ष्य पूरा नहीं हो पाया। 23 ब्लाकों में लक्ष्य अपूर्ण रहा। सहसो में केवल 38% मजदूरों को काम मिला। आठ ब्लाकों के खंड विकास अधिकारियों और अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारियों पर कार्रवाई की तैयारी है। उपायुक्त मनरेगा गुलाब चंद्र ने लापरवाही पर सख्त रुख अपनाया है।

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मजदूरी के नाम पर फर्जी भुगतान को लेकर चर्चा में रही मनरेगा अब सुस्ती का शिकार हो गई है। स्थिति यह है कि शासन से प्रतिमाह मिलने वाला लक्ष्य भी पूरा नहीं हो पा रहा है। जिम्मेदार भी इसे लेकर गंभीर नहीं है। फिलहाल, अफसरों ने अब इन लापरवाहों पर शिकंजा कसने की तैयारी कर ली है।
मनरेगा के तहत हर ब्लाक को हर महीने लक्ष्य निर्धारित किया जाता है। इसमें मानव दिवस सृजन का लक्ष्य भी होता है। उपायुक्त मनरेगा गुलाब चंद्र ने सितंबर महीने के कामकाज की समीक्षा की। इस दौरान बड़ी लापरवाही सामने आई।
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23 ब्लाकों में कहीं भी मानव दिवस सृजन का लक्ष्य पूर्ण नहीं हुआ था। सहसो में लक्ष्य के सापेक्ष महज 38 फीसदी मजदूरों को काम मिला था। इसी तरह बहादुरपुर में 41, उरुवा में 43, भगवतपुर में 51, श्रंगवेरपुर में 65, धनूपुर में 69, कौड़ीहार में 72 और सैदाबार में प्रगति 73 फीसदी पर आकर अटक गई।
इन आठ ब्लाकों के खंड विकास अधिकारियों व अतिरिक्त कार्यक्रम अधिकारी कार्रवाई के दायरे में आ गए हैं। इनके खिलाफ कार्रवाई की तैयारी है। अन्य ब्लाकों के बीडीओ व एपीओ को भी नोटिस जारी होगी।
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मनरेगा के उपायुक्त गुलाब चंद्र का कहना है कि सितंबर महीने में मनरेगा की प्रगति की समीक्षा की गई थी। इसमें मानव दिवस सृजन की स्थिति बेहद खराब थी। आठ ब्लाकों में प्रगति सबसे अधिक सुस्त मिली। इस लापरवाही पर संबंधित के खिलाफ कार्रवाई होगी।
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