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    Mahakumbh 2025: सनातन में रमे विदेशी संतों ने लगाई पुण्य की डुबकी, एक्स पर टॉप ट्रेंड हुआ महाकुंभ अमृत स्नान

    Updated: Tue, 14 Jan 2025 11:59 PM (IST)

    महाकुंभ 2025 में विदेशी संतों ने भी अमृत स्नान किया और इस अनुभव को अपने जीवन का सबसे महत्वपूर्ण और अविस्मरणीय क्षण बताया। अमेरिका कनाडा जापान स्विट्जरलैंड ऑस्ट्रेलिया यूके चिली और मॉरीशस सहित कई देशों के संतों ने संगम में डुबकी लगाकर अपनी आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक बना दिया। उन्होंने इस अनुभव को अपने जीवन का एक नया मोड़ बताया कहा कि यह उनके जीवन को नई दिशा देगा।

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    अमेरिका, कनाडा, जापान, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूके, चिली और मॉरीशस सहित कई देशों से आए विदेशी संत।

    मृत्युंजय मिश्र, महाकुंभनगर। मकर संक्रांति पर सनातन में रमे विदेशी संतों ने भी अमृत स्नान किया। पुण्य की डुबकी लगाने के बाद उनके मुख पर जो भाव झलक रहे थे, वे न केवल उनकी आस्था को बल्कि भारतीय संस्कृति के प्रति उनके गहरे लगाव-जुड़ाव को भी व्यक्त कर रहे थे। 

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    विभिन्न अखाड़ों से जुड़े 40 से अधिक देशों से आए सनातन धर्म में दीक्षित महामंडलेश्वरों, संतों, शिष्यों ने संगम में डुबकी लगाकर इसे अपनी आस्था और आध्यात्मिकता का प्रतीक बना दिया। 

    भारतीय संस्कृति और परंपरा की आभा चटख

    अमेरिका, कनाडा, जापान, स्विट्जरलैंड, ऑस्ट्रेलिया, यूके, चिली और मॉरीशस सहित कई देशों से आए विदेशी संतों का बड़ा समूह निर्मोही अनी अखाड़ा की शोभायात्रा में शामिल हुआ। साईं मां लक्ष्मी देवी मिश्रा के साथ नौ विदेशी महामंडलेश्वर शिष्यों के साथ संगम की ओर बढ़े तो भारतीय संस्कृति और परंपरा की आभा चटख हो गई।

    कनाडा से आई एलोडी बर्थोमियु ने कहा, महाकुंभ का हिस्सा बनकर मैं अपने जीवन के सबसे महत्वपूर्ण क्षण का अनुभव कर रही हूं। अमेरिका की सिंथिया पीटर्स बोलीं, संगम में अमृत स्नान करना मेरे लिए अद्भुत अनुभव था। 

    ऑस्ट्रेलिया की आई केरी मेरियट ने कहा कि संगम में स्नान करते समय जो ऊर्जा महसूस हुई, वह मेरे लिए जीवनभर की आध्यात्मिक प्रेरणा रहेगी। स्विटजरलैंड से आए विवियन केम्पफेन का कहना था कि महाकुंभ में शामिल होना मेरे लिए दिव्य अनुभव है। जापान की रेइको ह्योदो ने कहा, मैंने हमेशा ध्यान और योग के माध्यम से भारतीय संस्कृति को समझने की कोशिश की, लेकिन यहां आकर इसे अपनी आत्मा में महसूस किया।

    संस्कृति का अद्भुत संगम 

    थाईलैंड की राजधानी बैंकाक से आए डेंटल सर्जन डाॅ. ता अपनी मां वोंग और बहन वा के साथ भारत की प्राचीन परंपराओं और अध्यात्म का अनुभव करने पहुंचे। पवित्र स्नान का हिस्सा बने। 

    बौद्ध धर्म के अनुयायी ता कहते हैं कि वह भारत की प्राचीन परंपराओं और अध्यात्म का अनुभव करने आए हैं। उनकी मां की लंबे समय से इच्छा थी कि वह महाकुंभ के अद्भुत दृश्य को अपनी आंखों से देखें। उनकी मां वोंग कहती हैं कि यह आयोजन रोमांच और सांस्कृतिक उत्सव का प्रतीक है।

    स्नान कर जर्मन पर्यटक ने कहा अकल्पनीय

    जर्मनी के स्टाइडलर ने रुद्राक्ष की माला धारण कर संगम में डुबकी लगाई और इसे अपने जीवन का अकल्पनीय अनुभव बताया। भारतीय अध्यात्म और संस्कृति में गहरी रुचि रखने वाले स्टाइडलर ने कहा, यह अनुभव केवल शरीर को शुद्ध करने का नहीं, बल्कि आत्मा को एक नई ऊर्जा से भर देने जैसा था। रुद्राक्ष धारण करते ही मैंने मानसिक शांति और ऊर्जा का अहसास किया, स्नान ने इसे और गहरा कर दिया।

    एक्स पर टॉप ट्रेंड हुआ महाकुंभ अमृत स्नान

    विश्व भर में बातचीत का विषय और केंद्र बन चुके महाकुंभ 2025 ने इंटरनेट मीडिया प्लेटफार्म एक्स पर भी छाप छोड़ने का क्रम शुरू कर दिया है। महाकुंभ नगर में मंगलवार को प्रथम अमृत स्नान हुआ। त्रिवेणी तट पर स्नान की छवि (फोटो), वीडियो व श्रद्धालुओं की प्रतिक्रिया वायरल हुई तो एक्स पर महाकुंभ ट्रेंड करने लगा। 

    #महाकुंभ #अमृत स्नान के हजारों पोस्ट से एक्स इंडिया पर यह टॉप ट्रेंड पर रहा। इसके अलावा #महाकुंभ 2025 को भी खूब वायरल किया गया। शाम सात बजे तक ही 14 हजार लोगों ने इस हैशटैग पर अपनी पोस्ट डाली। रात में यह भारत में यह शीर्ष पर रहा। 

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