सनातनी हुईं स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल उर्फ कमला, मिला ये 'गोत्र'... आजीवन रुद्राक्ष की माला पहनने का लिया संकल्प
स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल स्वास्थ्य खराब होने के कारण संगम में अमृत स्नान करने नहीं जा सकीं। स्वामी कैलाशानंद ने उन पर संगम का जल छिड़ककर अमृत स्नान की अनुभूति कराते हुए उसका महत्व बताया। इसके बाद दीक्षा दी। उन्हें हर समय गले में रुद्राक्ष की माला पहनने का संकल्प दिलाया। साथ ही उन्हें अच्युत गोत्र भी दिया।

जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। दुनिया की धनाढ्य महिलाओं में शामिल एप्पल के सह-संस्थापक स्व. स्टीव जॉब्स की पत्नी लॉरेन पावेल भी सनातनी हो गई हैं। नाम हो गया कमला, गोत्र मिला अच्युत। मकर संक्रांति के पवित्र पर्व पर श्रीनिरंजनी अखाड़ा के पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरि के सेक्टर नौ स्थित आचार्य शिविर में उन्होंने विधि-विधान से पूजन किया।
स्वास्थ्य खराब होने के कारण पावेल संगम में अमृत स्नान करने नहीं जा सकीं। स्वामी कैलाशानंद ने उन पर संगम का जल छिड़ककर अमृत स्नान की अनुभूति कराते हुए उसका महत्व बताया। इसके बाद दीक्षा दी। उन्हें हर समय गले में रुद्राक्ष की माला पहनने का संकल्प दिलाया।
10 जनवरी को महाकुंभ में शामिल होने के लिए आईं लॉरेन
पावेल 16 जनवरी को प्रयागराज से अमेरिका रवाना होंगी। उन्हें अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के शपथ ग्रहण में शामिल होना है। लॉरेन पावेल फरवरी 2024 में स्वामी कैलाशानंद के संपर्क में आईं थीं। हरिद्वार स्थित उनके आश्रम जाकर पूजन व अभिषेक किया। इसके बाद 10 जनवरी को महाकुंभ में शामिल होने के लिए आईं।
मेला क्षेत्र में रहकर भजन-पूजन में लीन हैं। भगवा वस्त्र धारण करने के साथ माथे पर चंदन का टीका, गले और हाथ में रुद्राक्ष की माला धारण करके धार्मिक चर्चा में लीन रहती हैं। दिन की शुरुआत योग और ध्यान से होती है। कैलाशानंद ने उन्हें बेटी बनाकर हिंदू नाम कमला दिया है।
वह उन्हें सनातन धर्म और मानव के उत्थान के लिए जप-तप का महत्व बताते हैं। यह पावेल को काफी पसंद आ रहा है। वह 11 जनवरी को काशी विश्वनाथ का दर्शन करने गई थीं। शिवलिंग का दर्शन किया।
हर किसी को भाया पावेल का नया स्वरूप
लॉरेन पावेल उर्फ कमला का बदला स्वरूप शिविर में रहने वाले श्रद्धालुओं को बहुत पसंद आ रहा है। पावेल कुल्हड़ में चाय पीती हैं। आलू-गोभी, भिंडी, दाल, सरसों का साग, छेने की मिठाई का सेवन करती हैं। उनकी सादगी, सरलता की हर कोई प्रशंसा कर रहा है।
निरंजनी अखाड़ा के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी कैलाशानंद गिरी ने कहा कि लॉरेन पावेल मेरी बेटी है। मैंने उसे नया नाम कमला और अच्युत गोत्र देकर दीक्षित किया है। सनातन धर्म और संस्कृति उन्हें बहुत पसंद आई है। उनका व्यक्तित्व और सोच विराट है। मैं चाहता हूं कि वह मानव कल्याण के लिए समर्पित भाव से काम करें। उन्होंने प्रतिबद्धता व्यक्त की है।
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