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    धर्म, संस्कृति और परंपराएं..., महाकुंभ को लेकर क्या बोले बागेश्वर धाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?

    Updated: Thu, 30 Jan 2025 04:10 PM (IST)

    महाकुंभ के अवसर पर बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने कहा कि यह भारत के इतिहास को पुनर्जीवित करने का समय है। उन्होंने कहा कि महाकुंभ ...और पढ़ें

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    धर्म, संस्कृति और परंपराएं..., महाकुंभ को लेकर क्या बोले बागेश्वर धाम धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री?

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। बागेश्वर धाम सरकार आचार्य धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री ने बुधवार को यहां कहा कि महाकुंभ ऐसा अवसर है, जब भारत अपना इतिहास पुनः गढ़ रहा है। इसके माध्यम से भारत ने दुनिया को यह संदेश दिया कि यहां संस्कृति, धर्म और परंपराएं हमेशा जीवित रहेंगी और उनका संरक्षण करना हर भारतीय का कर्तव्य है।

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    परमार्थ निकेतन शिविर में हो रही हनुमंत कथा के तीसरे व अंतिम दिन संगम पर हुए हादसे को उन्होंने हृदयविदारक बताते हुए कहा कि जो इससे प्रभावित हुए उन्हें हनुमान जी शक्ति व बल प्रदान करें। उन्होंने कहा कि तन बचेगा तो ही धर्म रहेगा, धर्म रहेगा तो देश रहेगा और देश रहेगा तो भारत विश्व गुरु बनेगा। आने वाले सभी स्नान पर्व पर श्रद्धालु संयम का संगम मानकर स्नान करें। 30 जनवरी को इसमें संत समागम और दिव्य दरबार लगेगा।

    क्या बोले स्वामी चिदानंद सरस्वती

    परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद सरस्वती ने कहा कि अखाड़ा परिषद् और संतों ने बुधवार को मौनी अमावस्या का अमृत स्नान पहले राष्ट्र को कराया और फिर स्वयं स्नान किया। यह पूरे विश्व को अद्भुत संदेश दे रहा है।

    कहा कि अखाड़ा परिषद का योगदान, उदारता और निर्णय अतुलनीय है। यह भारत के इतिहास का अद्भुत दृश्य है जहां संतों द्वारा श्रद्धालुओं को प्रथम व सर्वोत्तम अमृत योग में स्नान का अवसर प्रदान किया गया।

    उन्होंने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को महाकुंभ में महत्वपूर्ण योगदान के लिए बधाई दी। इस अवसर पर साध्वी भगवती सरस्वती ने कहा कि महाकुंभ तीर्थराज प्रयाग में हो रहा है। इस भूमि में बडी शक्ति है। कहा कि प्रार्थना में बड़ी शक्ति होती है, भक्ति की शक्ति अद्भुत है।

    हनुमान जी के जीवन से पराक्रम, भक्ति और श्रद्धा की दिव्यता की अनुभूति होती है। उनका जीवन केवल एक आदर्श नहीं, बल्कि यह एक संजीवनी है, जो हमें हर संकट से उबरने का संदेश देता है। यह बातें परमार्थ निकेतन शिविर, परमार्थ त्रिवेणी पुष्प प्रयागराज में आयोजित दिव्य हनुमंत कथा में आचार्य श्री धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री (बागेश्वर धाम सरकार) ने कहीं।

    उन्होंने बताया कि हनुमंत कथा मनुष्य के लिए दिव्य उपहार है जो जीवन के संघर्षों, चुनौतियों और परेशानियों से निपटने के लिए अमूल्य मार्गदर्शन प्रदान करती है। हनुमान जी की कथा केवल एक ऐतिहासिक या पौराणिक कथा नहीं है बल्कि यह एक आध्यात्मिक यथार्थ है, जो हमें अपने जीवन को नई दिशा देने का अवसर प्रदान करती है।

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