Mahakumbh 2025: दर्शन के साथ घर ले जा सकेंगे सरस्वती कूप का पवित्र जल, सीएम योगी ने की घोषणा
महाकुंभ नगर में सरस्वती कूप का पवित्र जल अब श्रद्धालुओं को घर ले जाने की अनुमति दी जाएगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को किला स्थित सरस्वती कूप का निरीक्षण करने के बाद यह घोषणा की। उन्होंने दर्शन-पूजन के बाद कूप का जल ग्रहण किया और अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को इस कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे।

ज्ञानेंद्र सिंह, महाकुंभ नगर। कुंभ-2019 में श्रद्धालुओं को अक्षयवट व सरस्वती कूप का दर्शन करने का सौभाग्य प्राप्त हुआ। अब महाकुंभ में सरस्वती कूप का पवित्र जल घर ले जाने की संकल्पना साकार होगी। यमुना तट पर बने किला के अंदर पौराणिक महत्व वाला सरस्वती कूप है।
सरस्वती कूप का सौंदर्यीकरण और सुदृढ़ीकरण कराकर इसे सरस्वती कूप कॉरिडोर का रूप दे दिया गया है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शुक्रवार को इस कॉरिडोर का लोकार्पण करेंगे। वह कूप का दर्शन और पूजन करने जाएंगे।
सीएम योगी ने किया निरीक्षण
वहीं, गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी किला स्थित इस कूप को लेकर कराए गए कार्यों का निरीक्षण करने पहुंचे। उन्होंने दर्शन-पूजन के बाद कूप का जल ग्रहण किया। इसके बाद उन्होंने घोषणा किया कि दर्शनार्थी यहां का जल घर ले जा सकेंगे। इसके लिए अधिकारियों को आवश्यक कदम उठाने के निर्देश दिए।
सरस्वती कूप का कुछ वर्ष पहले भारतीय सेना ने नवीनीकरण करवाया था। वर्ष 2019 के कुंभ के पहले इसका जीर्णोद्धार कराया गया था। यहां पर सरस्वती की एक मूर्ति भी है। जहां ये भूमिगत जलधारा है, उसे ‘सरस्वती कूप’ का नाम दिया गया।
मान्यता है कि सरस्वती भूलोक में गंगा और यमुना के संगम से भी मिलती है। विशेषज्ञों की मानें तो सरस्वती कूप को त्रिवेणी की गुप्त धारा मानी जाती है। यह किला सेना के कब्जे में है। किले का कुछ ही भाग पर्यटकों के लिए खुला रहता है। शेष हिस्से का प्रयोग भारतीय सेना करती है।
किला स्थित सरस्वती कूप का सौंदर्यीकरण व सुदृढ़ीकरण का कार्य कराया गया है। इसे अब सरस्वती कूप कॉरिडोर बना दिया गया है। मुख्यमंत्री के निर्देश के बाद अब इस कूप के जल को श्रद्धालुओं को घर लेने जाने के लिए आवश्यक प्रबंध कराए जाएंगे।
-विजय किरन आनंद, जिलाधिकारी महाकुंभ नगर
पीएम मोदी ने अक्षयवट व सरस्वती कूप आम श्रद्धालुओं के लिए खुलवाया
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने वर्ष 2019 के कुंभ के ठीक पहले 18 नवंबर को 2018 को प्रयागराज आकर अक्षयवट सरस्वती कूप को आम श्रद्धालुओं के दर्शन के लिए खुलवाया था। वैसे इसे खोले जाने की पहली बार मांग 1932 में महामना मदन मोहन मालवीय ने उठाई थी। उसके बाद से लगातार कई बार यह मांग उठती रही। लगभग 450 वर्षों से किला में अक्षयवट व सरस्वती कूप का दर्शन बंद था।

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