MahaKumbh: क्षिप्रा गिरी महाराज के पास हमेशा रहते हैं बंदर, बताया- 'इसकी' मां बिजली के झटके से मर गई थी...
महाकुंभनगर के आनंद अखाड़े से जुड़े दिगंबर श्री महाकाल क्षिप्रा गिरी जी महाराज अपने अद्वितीय पशु प्रेम के लिए प्रसिद्ध हैं। विशेष रूप से बंदरों के प्रति उनका स्नेह उल्लेखनीय है। आश्रम में बंदर कुत्ते और अन्य जीव-जंतु निर्भीक होकर रहते हैं जिन्हें महाराज जी परिवार का हिस्सा मानते हैं। उनका मानना है कि सभी जीवों में ईश्वर का अंश है।

जागरण संवाददाता, महाकुंभनगर। आनंद अखाड़े से जुड़े दिगंबर श्री महाकाल क्षिप्रा गिरी जी महाराज अपने जीव-जंतुओं के प्रति विशेष प्रेम के कारण चर्चा में हैं। विशेष रूप से बंदरों के प्रति उनका प्रेम अनूठा है, जो उनके आश्रम के आसपास बड़ी संख्या में निवास करते हैं।
बड़ी संख्या में श्रद्धालु क्षिप्रा गिरी जी महाराज के दर्शन करने आते हैं। इस दौरान, बंदर भी उनके आस-पास बड़ी संख्या में एकत्रित होते हैं। ऐसा माना जाता है कि यह बंदर वर्षों से महाराज जी के साथ रह रहे हैं और उन्होंने इन्हें कभी भी भगाया नहीं। बल्कि वे उन्हें प्रेमपूर्वक भोजन कराते हैं और अपने परिवार का हिस्सा मानते हैं।
दिगंबर क्षिप्रा गिरी अपने पालतू बंदर के साथ। सौ. भक्त
बंदरों के अलावा आश्रम में कुछ कुत्ते भी
वह बताते हैं गुरुपूर्णिमा को मिले एक बंदर से बच्चे से उनका विशेष अनुराग है। उसकी मां विद्युत आघात के कारण मर गई थी, इसके बाद से बच्चे को उन्होंने ही पाला। अब वह हमेशा उनके पास रहता है और कभी दूर नहीं जाता।
बंदरों के अलावा, आश्रम में कुछ कुत्ते भी रहते हैं, जिनमें "खपच्चू" और "लक्ष्मी" नामक दो प्रमुख हैं। ये कुत्ते भी महाराज जी के संरक्षण में रहते हैं और आश्रम का हिस्सा बन चुके हैं। महाकाल क्षिप्रा गिरी जी महाराज का मानना है कि सभी जीवों में ईश्वर का अंश होता है।
आदर्श मां के उपदेशों से प्रेरित
उनका यह आदर्श मां के उपदेशों से प्रेरित है, जिन्होंने उन्हें सिखाया कि "किसी भी जीव से डरना नहीं चाहिए, बल्कि प्रेमपूर्वक उनका पालन-पोषण करना चाहिए।" क्षिप्रा गिरी जी महाराज की जीवनशैली, उनकी करुणा और जीवों के प्रति उनका प्रेम समाज के लिए एक अनूठी प्रेरणा है।
उनका मानना है कि जब हम निःस्वार्थ प्रेम और करुणा से किसी जीव के साथ जुड़ते हैं, तो वह प्रेम हमें भी उतना ही स्नेह लौटाता है। आश्रम में बंदरों, कुत्तों और अन्य जीवों का निर्भीक विचरण यही दर्शाता है कि वहां उन्हें एक सुरक्षित और प्रेममयी वातावरण मिला है।
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