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    Maha Kumbh में संतों का अनोखा संसार, कलाई और पैरों में भी घड़ियां पहनते हैं Timing Baba; बने आकर्षण का केंद्र

    Updated: Sat, 18 Jan 2025 06:13 PM (IST)

    Maha Kumbh 2025 महाकुंभ 2025 में मिलिए अनोखे टाइमिंग बाबा से जो अपनी दोनों कलाईयों और पैरों में कई घड़ियां पहनते हैं। टाइमिंग बाबा आकर्षण का केंद्र बनते जा रहे हैं। जानिए उनके इस अनोखे पहनावे के पीछे की कहानी और भारत भ्रमण के दौरान लोगों को समय के महत्व का संदेश देने के उनके मिशन के बारे में।

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    Maha Kumbh 2025 : महाकुंभ में देखने को मिल रहा है संतों का अनोखा संसार। जागरण

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। Maha Kumbh 2025 : कलाई में घड़ी तो अधिकांश लोग पहनते हैं। घड़ियां साधारण या महंगी हो सकती हैं लेकिन धूनी रमाए और वैराग्य ले चुके ''बड़े बाबा'' की बात कुछ अनोखी है। बड़े बाबा दोनों कलाई और पैरों में भी घड़ी पहनते हैं, वह भी एक-एक नहीं बल्कि 10-12 घड़ियां। इन्हें लोग कहने लगे हैं टाइमिंग बाबा।

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    महाकुंभ में आए हैं टाइमिंग बाबा, बनते जा रहे हैं आकर्षण का केंद्र। इनकी एक विशेषता और है। तीन बार भारत भ्रमण कर चुके हैं। साथ में रहते हैं इनके सहायक छोटे बाबा।

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    मूल नाम बड़े बाबा

    टाइमिंग बाबा अपना मूल नाम बड़े बाबा बताते हैं। हर-हर महादेव के आदान प्रदान से बात शुरू हुई तो बाबा ने अपना ध्येय बताया। कहा कि भारत भ्रमण करते रहते हैं, लोगों को सद्मार्ग पर चलने की प्रेरणा देते हैं और बताते हैं कि समय कीमती है, इसे बर्बाद न करें।

    इतनी अधिक घड़ी पहनने का कारण पूछने पर बताया कि भक्त दक्षिणा में जो भी दे देते हैं उसे स्वीकार कर लेते हैं। यह सभी घड़ियां दक्षिणा स्वरूप मिली हैं, कार के संबंध में बताया कि इसे भी मप्र के एक भक्त ने दक्षिणा में दिया है।

    सभी घड़ियां चालू

    बाबा की पहनी हुई सभी घड़ियां चालू हालत में रहीं। दो-दो घड़ियां उन्होंने दोनों पैर में पहन रखी थी और पांच-पांच घड़ियां दोनों हाथ में। उलझन नहीं होती बाबा ? यह प्रश्न करने पर हंसते हुए कहा कि यह उलझन को सुलझाने के लिए है। इसके बाद छोटे बाबा ने गाड़ी की स्टेयरिंग थाम ली, टाइमिंग बाबा बोनट पर बैठ गए और हूटर बजाते हुए गाड़ी भीड़ के बीच से बढ़ गई आगे।

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    पान वाले बाबा, हैं न आश्चर्य

    सेक्टर 16 में पान वाले बाबा का शिविर है। मूलत: राजस्थान में रहने वाले गिरधारी बाबा अपने शिविर में भक्तों को प्रसाद स्वरूप पान खिलाते हैंं। जिस आसन पर बैठते हैं वहीं पास में कत्था, चूना, सुपाड़ी, अन्य पान सामग्री रहती है। लोगों से बात करते जाते हैं और अपने हाथों से सभी को एक-एक पान पकड़ा कर उसे खाने के लिए कहते हैं। सभी से बाबा स्नेहपूर्वक बात करते हैं।

    दावा करते हैं कि उनके हाथ का पान जो खाता है उसकी 11 बीमारियां दूर होती हैं। इनमें ब्लड प्रेशर, शुगर, घबराहट, मोटापा, अपच आदि की बीमारी प्रमुख है। बताया कि वह पान बचपन से ही खा रहे हैं। उन्हें कोई बीमारी नहीं है। बाबा ने पूछने पर बताया कि पान खाने खिलाने से संबंध प्रगाढ़ होते हैं। उनका लक्ष्य भारतीयों को एक दूसरे से जोड़ना है।