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    Maha Kumbh 2025: अखाड़ों की 'सेना' में जुड़ेंगे 4500 नागा, तीन स्तर पर होती हैं जांच; यहां जानें पूरी प्रकिया

    Updated: Sat, 18 Jan 2025 04:00 PM (IST)

    Maha Kumbh 2025 महाकुंभ 2025 में हजारों लोग नागा बनने के लिए तैयार हैं। अखाड़ों में इसकी प्रक्रिया शुरू हो गई है। जूना अखाड़ा में लगभग दो हजार लोगों को नागा संन्यास की दीक्षा दी जाएगी। श्री निंरजनी अखाड़ा में 1100 के लगभग लोगों को नागा संन्यासी बनाया जाएगा। मौनी अमावस्या से पहले अखाड़ों में नागा संन्यासी बनाए जाएंगे।

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    Maha Kumbh 2025: हजारों लोग अखाड़ों में नागा बनने के लिए तैयार हैं। जागरण फाइल फोटाे

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। Maha Kumbh 2025: सनातन धर्म के प्रति सर्वस्व न्योछावर करने का भाव लेकर हजारों लोग अखाड़ों में नागा बनने के लिए तैयार हैं। अखाड़ों में इसकी प्रक्रिया आरंभ हो गयी है। सबका पंजीकरण किया जा रहा है। अखाड़ा पंजीकरण की पर्ची काटता है। इसके साथ नागा बनने वाले लोगों का गुप्त रूप से साक्षात्कार लिया जा रहा है। उनके प्रपत्रों की जांच हो रही है।

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    जूना, श्रीनिरंजनी, श्रीमहानिर्वाणी, आवाहन, अटल और आनंद अखाड़ा में सारी प्रक्रिया में खरा उतरने वालों को नागा संन्यास की दीक्षा दी जाएगी। जूना अखाड़ा में लगभग दो हजार लोगों को नागा संन्यास की दीक्षा दी जाएगी। श्री निंरजनी अखाड़ा में 1100 के लगभग लोगों को नागा संन्यासी बनाया जाएगा। इसी प्रकार श्री महानिर्वाणी, अटल, आनंद, आवाहन अखाड़ा में नागा संन्यासी बनाने की प्रक्रिया आरंभ हो गई है।

    मौनी अमावास्या से पहले अखाड़ों में नागा संन्यासी बनाए जाएंगे

    शैव अखाड़े महाकुंभ में नागा संन्यासी बनाते हैं। उन्हें अखाड़े से जोड़कर सनातन धर्म के कार्यों में लगाया जाता है। महाकुंभ के दूसरे अमृत स्नान मौनी अमावास्या से पहले अखाड़ों में नागा संन्यासी बनाए जाएंगे। अखाड़े के पंच परमेश्वर उनका साक्षात्कार ले रहे हैं।

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    साथ ही उनके पूर्व के जीवन से जुड़ी रिपोर्ट की जांच हो रही है। सारी प्रक्रिया में खरा उतरने पर नागा बनाने की दीक्षा दी जाएगी। हर अखाड़े में अलग-अलग दिनों पर नागा बनाने का संस्कार पूरा किया जाएगा। जूना अखाड़ा में शनिवार से मुंडन संस्कार आरंभ हो जाएगा। इसके बाद पिंडदान कराया जाएगा।

    जांच में 75 लोग मिले अयोग्य

    नागा बनने के लिए आए लोगों की गहन जांच चल रही है। इसमें कुछ सीधे अखाड़े से संपर्क करते हैं, वहीं तमाम लोग महामंडलेश्वर के माध्यम से अखाड़े के नागा संन्यासी बनाए जाते हैं। जांच में जूना अखाड़ा को 53 और निरंजनी अखाड़ा को 22 लोग अयोग्य मिले हैं, उन्हें नागा बनाने से इन्कार कर दिया गया है। इसी प्रकार दूसरे अखाड़े भी अखाड़ा बनने आए लोगों की जांच कर रहे हैं।

    तीन स्तर पर होती हैं जांच

    नागा संन्यासी बनने के लिए आने वाले लोगों की तीन स्तर पर गहन जांच की जाती है। जांच प्रक्रिया छह माह पहले आरंभ हो जाती है। अखाड़े के थानापति, अष्टकौशल महंत एक-एक चीजों की गहन पड़ताल करते हैं। जांच रिपोर्ट अखाड़े के सभापति को दी जाती है। सभापति अखाड़े के पंचों से दोबारा उसकी जांच कराते हैं। फिर सभापति स्वयं रिपोर्ट देखते हैं। हर स्तर की जांच में खरा उतरने वाले को आचार्य महामंडलेश्वर से दीक्षित कराया जाता है।

    जांच में इसका रखते हैं ध्यान

    • शैक्षिक योग्यता क्या है?
    • अंक पत्र और प्रमाण पत्र सही हैं अथवा नहीं?
    • पूर्व के जीवन में किन-किन लोगों से संबंध था?
    • किसी गलत व्यक्ति से संपर्क तो नहीं है?
    • यौन उत्पीड़न, जमीन कब्जा, धोखाधड़ी जैसे आरोप तो नहीं लगे हैं?
    • सनातन धर्म के प्रति समर्पण है अथवा नहीं?

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    धर्मध्वजा के नीचे पूर्ण होगी प्रक्रिया

    मुंडन, पिंडदान के बाद नागा बनने की पूर्ण रूप से दीक्षा मौनी अमावस्या के अमृत स्नान पर्व वाली रात में दिया जाएगा। समस्त लोगों को निर्वस्त्र धर्मध्वजा के नीचे खड़ा किया जाएगा। वहां आचार्य महामंडलेश्वर विधि-विधान से नागा बनने की दीक्षा देंगे। सभापति उन्हें अखाड़े के नियम और निर्देशों की जानकारी देकर उसका पालन करने का संकल्प दिलाएंगे। सारी प्रक्रिया पूर्ण होने के बाद सबको अमृत स्नान के लिए भेजा जाएगा।

    शैव अखाड़े में नागा संन्यासी बनाने के लिए अंतिम स्तर पर जांच चल रही है। सबका पंजीकरण किया जा रहा है। अब हजारों लोग नागा संन्यासी बनाए जाएंगे। निरंजनी अखाड़ा में 22 लोग अयोग्य मिले हैं, उन्हें संन्यासी नहीं बनाया जाएगा। - श्रीमहंत रवींद्र पुरी, अध्यक्ष अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद व मनसा देवी ट्रस्ट

    जूना अखाड़ा में दो हजार के लगभग लोगों को नागा संन्यासी बनाया जाएगा, उसकी प्रक्रिया आरंभ हो गई है। इसमें 53 लोग अयोग्य मिले हैं उन्हें संन्यासी बनाने से इन्कर कर दिया गया है। - श्रीमहंत नारायण गिरि, अंतरराष्ट्रीय प्रवक्ता जूना अखाड़ा