Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Maha Kumbh 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या ने तोड़ा रिकॉर्ड, 55 करोड़ से अधिक ने लगाई आस्था की डुबकी

    Updated: Wed, 19 Feb 2025 08:47 AM (IST)

    Maha Kumbh 2025 में श्रद्धालुओं की संख्या ने एक अभूतपूर्व कीर्तिमान स्थापित किया है। अब तक 55 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई है। यह मानव इतिहास के किसी भी धार्मिक सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में सबसे बड़ी सहभागिता है। महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि पर यह संख्या 60 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है।

    Hero Image
    Maha Kumbh Mela 2025 में संगम स्नान के उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़। -गिरीश श्रीवास्तव

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। Maha Kumbh 2025: तीर्थराज की धर्म धरा पर पर दुनिया का सबसे बड़ा धार्मिक व सांस्कृतिक समागम महाकुंभ अब महाइतिहास रच चुका है। यहां अब तक 55 करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने पवित्र त्रिवेणी में सनातन आस्था की पावन डुबकी लगाकर धार्मिक और सांस्कृतिक एकता की अद्वितीय मिसाल कायम की है। यह विशाल जन आस्था किसी भी धार्मिक, सांस्कृतिक या सामाजिक आयोजन में मानव इतिहास की अब तक की सबसे बड़ी सहभागिता बन चुकी है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    महाकुंभ के अंतिम स्नान पर्व महाशिवरात्रि 26 फरवरी को यह संख्या 60 करोड़ से भी ज्यादा हो सकती है। वर्ल्ड पापुलेशन रिव्यू, प्यू रिसर्च के मुताबिक भारत की अनुमानित जनसंख्या 143 करोड़ (1.43 अरब) है। इसमें सनातन धर्मावलंबियों की संख्या लगभग 110 करोड़ (1.10 अरब) है।

    इस तरह अगर स्नानार्थियों की संख्या की तुलना भारत में सनातनियों की संख्या से की जाए तो 50 प्रतिशत लोग अब तक त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। यदि देश की कुल जनसंख्या से स्नानार्थियों की तुलना की जाए तो यह 38 प्रतिशत से अधिक बैठता है।

    Maha Kumbh Mela 2025 में संगम स्नान करते उत्साहित श्रद्धालु।-गिरीश श्रीवास्तव


    इसे भी पढ़ें- श्रीमहंत रवींद्र पुरी फिर बने निरंजनी अखाड़े के सचिव, अष्ट कौशल की बैठक में हुआ चुनाव

    यानी देश की कुल जनसंख्या की 38 प्रतिशत से ज्यादा जनसंख्या त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुकी है। प्यू रिसर्च 2024 की रिपोर्ट मानें तो पूरी दुनिया में 120 करोड़ (1.2 अरब) आबादी सनातन धर्म को मानने वाली है। इस हिसाब से पूरी दुनिया के 45 प्रतिशत से ज्यादा सनातनियों ने संगम में डुबकी लगाई है।

    सीएम योगी की उम्मीदों के पार पहुंचा श्रद्धालुओं का आंकड़ा

    गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के पवित्र संगम में श्रद्धा और आस्था से ओत-प्रोत साधु-संतों, श्रद्धालुओं और गृहस्थों का स्नान अब उस शिखर के भी पार पहुंच गया है, जिसकी महाकुंभ से पहले ही मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उम्मीद जताई थी। सीएम योगी ने पहले ही अनुमान जताया था कि इस बार जो भव्य और दिव्य महाकुंभ का आयोजन हो रहा है, वह स्नानार्थियों की संख्या का नया रिकार्ड स्थापित करेगा। उन्होंने शुरुआत में ही 45 करोड़ श्रद्धालुओं के आने की संभावना जताई थी। उनका यह आकलन 11 फरवरी को ही सच साबित हो गया था।

    Maha Kumbh Mela 2025 में संगम स्नान के लिए संगम स्नान के लिए त्रिवेणी मार्ग से गुजरते श्रद्धालु।-गिरीश श्रीवास्तव


    वहीं 14 फरवरी को यह संख्या 50 करोड़ के ऊपर पहुंच गई और अब इसने 55 करोड़ का नया शिखर छू लिया है। अभी महाकुंभ के समापन में नौ दिन शेष हैं और एक महत्वपूर्ण स्नान पर्व शेष है। पूरी उम्मीद है कि स्नानार्थियों की यह संख्या 60 करोड़ के ऊपर जा सकती है।

    खास-खास-

    • 1.26 श्रद्धालुओं ने सोमवार को संगम में किया स्नान
    • 55.56 करोड़ कुल श्रद्धालु स्नान कर चुके हैं अब तक

    उमंग 

    • दुनिया का पहला ऐसा महाआयोजन, जहां 55 करोड़ से अधिक सनातनी बने प्रत्यक्ष सहभागी
    • मानव इतिहास के किसी आयोजन में इतनी बड़ी संख्या में लोगों के सहभागी होने के प्रमाण नहीं

    Maha Kumbh Mela 2025 में संगम स्नान के उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़।-गिरीश श्रीवास्तव


    मौनी पर हुआ था महास्नान, आठ करोड़ आए थे स्नानार्थी

    अब तक सर्वाधिक लगभग आठ करोड़ श्रद्धालुओं ने मौनी अमावस्या पर महास्नान किया था, जबकि 3.5 करोड़ श्रद्धालुओं ने मकर संक्रांति के अवसर पर अमृत स्नान किया था। एक फरवरी और 30 जनवरी को 2-2 करोड़ के पार और पौष पूर्णिमा पर 1.7 करोड़ श्रद्धालुओं ने पुण्य डुबकी लगाई।

    इसे भी पढ़ें- Maha Kumbh 2025: रेलवे स्टेशन पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़, 20 घंटे देरी से रवाना हुई मेला स्पेशल

    इसके अलावा वसंत पंचमी पर 2.57 करोड़ श्रद्धालुओं ने त्रिवेणी में आस्था की डुबकी लगाई थी। वहीं माघी पूर्णिमा के महत्वपूर्ण स्नान पर्व पर भी दो करोड़ से अधिक श्रद्धालुओं ने संगम में पावन स्नान किया था।