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    Magh Mela 2026 : सेना 500 एकड़ भूमि माघ मेला के आयोजन के लिए देगी, सेना व प्रशासन के अधिकारियों की बैठक में हुआ तय

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 01:09 PM (IST)

    Magh Mela 2026 प्रयागराज में माघ मेला 2026 की तैयारियां तेज़ी पर हैं। सेना मेला आयोजन के लिए 500 एकड़ जtमीन देगी। मेला क्षेत्र 900 हेक्टेयर में बसाया जाएगा, जिसमें सात पांटून पुल बनेंगे। मंडलायुक्त ने तैयारियों का जायज़ा लिया और अधिकारियों को ज़रूरी निर्देश दिए। ज़मीन समतलीकरण और बिजली व्यवस्था पर ज़ोर दिया जा रहा है।

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    Magh Mela 2026 की तैयारी तेज हो गई है, संगम क्षेत्र के महावीर मार्ग पर पांटून पुल बनाने के लिए पीपा बांधते श्रमिक। जागरण 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Magh Mela 2026 के आयोजन के लिए सेना की ओर से लगभग 500 एकड़ जमीन दी जाएगी। इसके लिए मंगलवार को सेना के सब एरिया मुख्यालय में मंडलायुक्त सौम्या अग्रवाल, डीएम मनीष कुमार वर्मा और जीओसी अमित सिंह सोहल व कर्नल रवि की मेलाधिकारी ऋषिराज समेत अन्य अधिकारियों के साथ हुई समन्वय बैठक में सेना की ओर से सैद्धांतिक स्वीकृति दे दी गई।

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    सैन्य उच्चाधिकारियों ने सैद्धांतिक स्वीकृति दी 

    Magh Mela 2026 परेड तथा अक्षयवट गेट व किला घाट के पास सेना के स्वामित्व की जमीन है, जबकि मेला क्षेत्र की 1500 से ज्यादा भूमि राजस्व विभाग के अधिकार वाली है। सेना की जमीन के लिए हुई समन्वय बैठक में मेला प्रशासन की ओर से प्रस्ताव दिया गया, जिस पर सैन्य उच्चाधिकारियों की ओर से सैद्धांतिक स्वीकृति प्रदान की गई।

    अब इस भूमि पर तेजी से कार्य कराए जाएंगे  

    Magh Mela 2026 बैठक में मेला के आकर्षण के बारे में भी सेना के उच्चाधिकारियों को जानकारी दी गई। बैठक में एडीएम मेला दयानंद प्रसाद, उप मेलाधिकारी विवेक शुक्ला भी मौजूद रहे। मेलाधिकारी ने बताया कि सेना की ओर सैद्धांतिक स्वीकृति मिलने से अब इस भूमि पर तेजी से कार्य कराए जाएंगे।

    इस बार मेला 900 हेक्टेयर में बसाया जाएगा 

    Magh Mela 2026 उन्होंने बताया कि पिछले माघ मेला 2024 में 18 नवंबर तक जितना कार्य हो सका था, इस बार उससे ज्यादा काम हो चुका है जबकि इस बार मेला क्षेत्र 900 हेक्टेयर के करीब बसाया जा रहा है। पिछले मेला में पांच पांटून पुल बने थे तो इस बार सात पांटून पुल बनाए जा रहे हैं। पांच पांटून पुलों का कार्य तो 75 प्रतिशत से ज्यादा हो चुका है। विद्युत विभाग के कार्य भी तेजी से हो रहे हैं। पोल गाड़े जा रहे हैं, जिसमें 10 प्रतिशत में बुधवार शाम से बिजली जलने लगेगी।

    कमिश्नर-डीएम ने परखी तैयारी

    Magh Mela 2026 मंडलायुक्त, डीएम ने मेलाधिकारी के साथ मंगलवार शाम मेला क्षेत्र का भ्रमण कर तैयारियों को परखा। मंडलायुक्त ने समतलीकरण, सड़क, विद्युत एवं अन्य कार्यों का निरीक्षण कर आवश्यक निर्देश दिए। अधिकारियों ने सबसे पहले शास्त्री ब्रिज पर जाकर ब्रिज के दोनों तरफ उपलब्ध भूमि का आकलन किया। फिर ओल्ड जीटी एवं छतनाग घाट के समीप उपलब्ध भूमि का भी निरीक्षण कर कार्यों की प्रगति के बारे में संबंधित अधिकारियों से जानकारी ली।

    मंडलायुक्त ने कार्यों की प्रगति की जानकारी ली

    निरीक्षण के पश्चात मंडलायुक्त ने अधिकारियों के साथ प्रयागराज मेला प्राधिकरण स्थित आइट्रिपलसी सभागार में बैठक कर कार्यों की प्रगति के बारे में बिंदुवार चर्चा की। उन्होंने सभी विभागीय अधिकारियों से उनके कार्यों में आ रही समस्याओं की जानकारी लेते हुए स्पष्ट रूप से निर्देशित किया कि जैसे-जैसे मेला क्षेत्र में भूमि उपलब्ध हो, वह वहां पर अपना कार्य पूर्ण कराते जाएं।

    भूमि पर अतिशीघ्र प्रकाश व्यवस्था का निर्देश 

    उन्होंने खासतौर पर विद्युत विभाग को सभी सेक्टरों में उपलब्ध हुई भूमि पर अतिशीघ्र प्रकाश व्यवस्था बनाने के निर्देश दिए, जिससे अन्य विभागों के कार्यों को और तेजी से रात में भी कराया जा सके। मंडलायुक्त ने पुलिस विभाग के उपस्थित अधिकारियों से पुलिस बल की तैनाती के बारे में जानकारी लेते हुए मेला क्षेत्र की पूर्ण जानकारी के लिए सभी को प्रशिक्षित करने की व्यवस्था करने को कहा, जिससे कि आने वाले श्रद्धालुओं को किसी भी तरह की समस्या न हो।

    भूमि समतलीकरण आदि कार्य अतिशीघ्र पूरा हो 

    इसके पहले मेलाधिकारी ने पूरे मेला क्षेत्र का दौरा किया और दोपहर में बैठक की। उन्होंने सिंचाई विभाग के अधिकारियों से मेला क्षेत्र में पानी की स्थिति की जानकारी लेते हुए उपलब्ध भूमि पर समतलीकरण एवं अन्य कार्य अतिशीघ्र पूर्ण कराने के निर्देश दिए। बैठक में पर्यटन विभाग को सांस्कृतिक विभाग के साथ मिलकर माघ मेले के इतिहास से संबंधित प्रदर्शनी, सांस्कृतिक कार्यक्रम के आयोजन तथा पर्यटन को बढ़ाने की दृष्टि से और कार्यों की सूची बनाते हुए अग्रेतर कार्रवाई के लिए शासन में पत्र भेजने के भी निर्देश दिए गए।

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