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    प्रयागराज में 1,500 हेक्टेयर भूमि वन विभाग के खाते में होगी दर्ज, इस भूमि को राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं किया गया है

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Wed, 19 Nov 2025 11:22 AM (IST)

    प्रयागराज में जिला प्रशासन ने वन विभाग के नाम पर लगभग 1,500 हेक्टेयर भूमि दर्ज करने का आदेश दिया है। यह भूमि फूलपुर, हंडिया, मेजा, बारा और कोरांव तहसील में स्थित है और राजस्व रिकॉर्ड में दर्ज नहीं है। जिलाधिकारी ने संबंधित अधिकारियों को आवश्यक कार्यवाही करने के निर्देश दिए हैं, ताकि भूमि का पंजीकरण वन विभाग के नाम पर किया जा सके। यह प्रयागराज समाचार में एक महत्वपूर्ण कदम है।

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    प्रयागराज के फूलपुर, हंडिया, मेजा, बारा और कोरांव तहसील में स्थित भूमि वन विभाग के नाम होगी।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। संरक्षित वन भूमि को लेकर जिला स्तरीय समिति की बैठक में डीएम मनीष कुमार वर्मा ने जिले की लगभग 1,414 हेक्टेयर भूमि वन विभाग के खाते में दर्ज कराने के निर्देश दिए। यह भूमि फूलपुर, हंडिया, मेजा, बारा व कोरांव तहसील क्षेत्र में है। 

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    जमीन के नोटिफिकेशन को कहा 

    प्रभागीय वनाधिकारी अरविंद कुमार यादव की उपस्थिति में हुई इस बैठक में एसडीएम बारा को वन बंदोबस्त अधिकारी के रूप में भारतीय वन अधिनियम की धारा-छह के तहत 219 हेक्टेयर भूमि के उद्घोषणा के निर्देश दिए। साथ ही अधिनियम की धारा 20 के अंतर्गत 96 हेक्टेयर जमीन के नोटिफिकेशन को कहा। इसके लिए प्रस्ताव वन बंदोबस्त अधिकारी की ओर से भेजे जाने पर शासन से आरक्षित वन की मंजूरी मिलेगी।

    विभिन्न विभागों से प्राप्त भूमि वन विभाग में निहित 

    मंगलवार को संरक्षित वन भूमि की बैठक में जिलाधिकारी ने विभिन्न विभागों से प्राप्त एवं वन विभाग में निहित की गई ऐसी भूमि, जिन्हें राजस्व अभिलेखों में दर्ज नहीं किया गया है, उन्हें राजस्व अभिलेखों में वन विभाग के नाम पर दर्ज कराने के निर्देश सभी संबंधित उप जिलाधिकारियों को दिए। ऐसी अधिकांश भूमि तहसील सोरांव, बारा एवं मेजा में हैं, जिस पर जिलाधिकारी ने एसडीएम को समय से अमलदरामद की कार्यवाही कराने को कहा।

    गैर वन भूमि राजस्व नक्शे पर तरमीम होगी

    उन्होंने भारतीय वन अधिनियम की धारा-4 तथा धारा-20 में विज्ञापित वन भूमि को राजस्व अभिलेखों में अमलदरामद कराने तथा राजस्व नक्शे को उसके अनुसार अद्यतन कराने के निर्देश दिए। एसडीएम सोरांव, मेजा व बारा को वन संरक्षण अधिनियम 1980 के तहत प्राप्त गैर वन भूमि को राजस्व नक्शे पर तरमीम करने की कार्यवाही को कहा।

    सभी एसडीएम आनलाइन माध्यम से जुड़े रहे

    उच्चतम न्यायालय के निर्देशों के क्रम में सभी एसडीएम को जनपद स्थित 388 वेटलैंड का ग्राउंड टूथिंग तथा सीमांगन की कार्यवाही चार दिनों में पूर्ण कराने के निर्देश दिए। बैठक में सभी एसडीएम आनलाइन माध्यम से जुड़े रहे।

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