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    Magh Mela 2026 के लिए उत्तर मध्य रेलवे की महातैयारी, चलेंगी 150 मेमू ट्रेनें, GM ने साझा किया विस्तृत रोडमैप

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sat, 11 Oct 2025 12:47 PM (IST)

    उत्तर मध्य रेलवे 2026 माघ मेला के लिए तैयार है, जिसमें 150 मेमू ट्रेनें चलाने का प्रस्ताव है। रेलवे बोर्ड को यह प्रस्ताव भेजा गया है। यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे स्टेशनों पर होल्डिंग एरिया फिर से सक्रिय किए जाएंगे और यात्री आवागमन योजना को बेहतर बनाया जाएगा। महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने बताया कि रेलवे महाकुंभ मॉडल को अपनाएगा और तकनीकी रूप से बेहतर सेवाएं प्रदान करेगा। रेलवे का लक्ष्य सुरक्षित और सुगम यात्रा सुनिश्चित करना है।

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    प्रयागराज में आगामी माघ मेला 2026 को लेकर ट्रेन आदि की तैयारियों पर विमर्श करते उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह। सौजन्य : पीआरओ

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। संगम नगरी प्रयागराज में वर्ष 2026 में लगने वाला माघ मेला महाकुंभ के बाद त्रिवेणी तट पर आयोजित होने वाला पहला विशाल धार्मिक आयोजन होगा। इस बार इस आयोजन में पिछले माघ मेला (वर्ष 2024) की तुलना में दोगुनी भीड़ की संभावना जताई जा रही है।

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    श्रद्धालुओं को सुविधा को योजना तैयार

    इस अभूतपूर्व जनसमूह के सुरक्षित और सुगम आवागमन को सुनिश्चित करने के लिए उत्तर मध्य रेलवे (NCR) ने अभी से ही व्यापक और तकनीकी तैयारियों का ताना-बाना बुनना शुरू कर दिया है। 150 मेमू ट्रेनों का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को प्रेषित श्रद्धालुओं के आवागमन को सुचारू बनाने के लिए रेलवे ने एक महत्वकांक्षी योजना तैयार की है।

    NCR ने ट्रेन संचालन का प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा

    उत्तर मध्य रेलवे ने विभिन्न दिशाओं के लिए 150 मेमू (मेनलाइन इलेक्ट्रिक मल्टीपल यूनिट) ट्रेनों को संचालित करने का विस्तृत प्रस्ताव रेलवे बोर्ड को भेजा है। इन मेमू ट्रेनों की उच्च संख्या यह दर्शाती है कि रेलवे छोटी दूरी के साथ-साथ भीड़-भाड़ वाले मुख्य मार्गों पर भी यात्रियों की निकासी को प्राथमिकता दे रहा है।

    150 प्रस्तावित ट्रेनें कई मेला के बाद भी चलाने की योजना

    उत्तर मध्य रेलवे के महाप्रबंधक (जीएम) नरेश पाल सिंह ने इस संबंध में विस्तृत सुझावों के साथ मांग पत्र बोर्ड को प्रेषित किया है। इन 150 प्रस्तावित ट्रेनों में से कई को मेला अवधि के बाद भी स्थायी रूप से चलाने की योजना भी शामिल है, जो प्रयागराज क्षेत्र के रेल नेटवर्क को दीर्घकालिक लाभ प्रदान करेगी।

    तैयारियों का रोडमैप और मूवमेंट प्लान

    माघ मेला की तैयारियों को लेकर पहली उच्च-स्तरीय बैठक हो चुकी है। इसमें रेलवे, पुलिस और राज्य के अधिकारियों ने भाग लिया। इस बैठक में यात्रियों के मूवमेंट प्लान (आवागमन योजना) को अंतिम रूप दे दिया गया है।

    महाप्रबंधक ने तैयारियां साझा की

    महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने अपनी तैयारियों को साझा करते हुए बताया कि, रेलवे के पास बहुत कैपसिटी है, हम उसका पूरा प्रयोग करेंगे। महाकुंभ के दौरान मैं प्रयागराज आया था। यहां का अरेंजमेंट मैंने देखा था। हमारे रेलकर्मियों ने आर्मीमैन की तरह काम किया था और आगे भी हम ऐसे ही समर्पित भाव से माघमेला के दौरान काम करेंगे।

    तकनीकी और ढांचागत उन्नयन

    रेलवे ने ढांचागत विकास को समय सीमा के भीतर पूरा करने का लक्ष्य रखा है। महाप्रबंधक के अनुसार, दिसंबर 2025 तक सभी होल्डिंग एरिया (यात्रियों के ठहरने/इकट्ठा होने के स्थान), फुट ओवर ब्रिज (एफओबी) और अन्य अधूरे कार्य पूरे कर लिए जाएंगे। यह समय सीमा कार्य की गुणवत्ता सुनिश्चित करने और अंतिम क्षण की हड़बड़ी से बचने के लिए महत्वपूर्ण है।

    पुनः सक्रिय किए जाएंगे होल्डिंग एरिया

    भीड़ प्रबंधन का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा होल्डिंग एरिया होते हैं। इन क्षेत्रों को यात्रियों को नियंत्रित तरीके से प्लेटफार्म तक पहुंचाने के लिए उपयोग किया जाता है। इस बार प्रयागराज क्षेत्र के प्रमुख रेलवे स्टेशनों पर इन होल्डिंग एरिया को युद्धस्तर पर पुनः सक्रिय किया जाएगा। इनमें शामिल हैं ये रेलवे स्टेशन।
    - प्रयागराज जंक्शन
    - सूबेदारगंज
    - छिवकी
    - नैनी
    - रामबाग
    - झूंसी
    - प्रयागराज संगम
    - प्रयाग
    - फाफामऊ
    इन स्टेशनों पर भीड़ को संभालने के लिए अतिरिक्त बुकिंग काउंटर, पूछताछ केंद्र और अस्थायी प्रतीक्षालय भी स्थापित किए जाएंगे।

    यात्री मूवमेंट प्लान : 'महाकुंभ माडल' का क्रियान्वयन

    महाप्रबंधक ने स्पष्ट किया कि 2013 और 2019 के महाकुंभ के दौरान अपनाए गए सफल यात्री मूवमेंट प्लान के माडल को इस माघ मेले में भी लागू किया जाएगा, जिसमें तकनीकी पहलुओं पर विशेष ध्यान दिया जाएगा।

    दिशावार ट्रेनों का परिचालन : 150 मेमू ट्रेनों को विभिन्न दिशाओं (जैसे कानपुर/दिल्ली, लखनऊ/प्रतापगढ़, वाराणसी/दीनदयाल उपाध्याय नगर, मानिकपुर/मुंबई) के लिए समर्पित रूट पर चलाया जाएगा। इससे यात्रियों को उनके गंतव्य के लिए सीधे ट्रेन मिल सकेगी और एक जंक्शन पर अनावश्यक भीड़ कम होगी।

    प्लेटफार्म प्रबंधन : महाकुंभ की तरह, प्रत्येक प्लेटफार्म को एक विशिष्ट गंतव्य के लिए आरक्षित किया जा सकता है। इससे यात्रियों को सही ट्रेन खोजने में आसानी होगी और प्लेटफार्म पर अफरा-तफरी कम होगी।

    वन-वे ट्रैफिक सिस्टम : स्टेशन परिसर और एफओबी पर यात्रियों के चढ़ने और उतरने के लिए वन-वे ट्रैफिक सिस्टम को कड़ाई से लागू किया जाएगा, जैसा कि महाकुंभ में किया गया था। यह भीड़ के प्रवाह को बनाए रखने में अत्यंत सहायक होता है।

    जीपीएस और सीसीटीवी निगरानी : भीड़ की निगरानी और प्रबंधन के लिए रेलवे स्टेशनों के साथ-साथ होल्डिंग एरिया में भी अतिरिक्त सीसीटीवी कैमरों और आधुनिक निगरानी प्रणाली का इस्तेमाल किया जाएगा।

    तकनीकी रूप से बेहतर सेवाएं

    रेलवे यात्री सुविधाओं को तकनीकी रूप से उन्नत बनाने पर जोर दे रहा है। इसमें मोबाइल टिकट बुकिंग को बढ़ावा देना, पीआरएस (पैसेंजर रिजर्वेशन सिस्टम) काउंटरों की संख्या बढ़ाना और मोबाइल चार्जिंग पॉइंट्स की पर्याप्त व्यवस्था करना शामिल है। इसके अलावा, सफाई और स्वच्छता पर भी विशेष ध्यान दिया जाएगा।

    माघ मेला को महाकुंभ की तरह ही सफल बनाने का प्रयास

    महाप्रबंधक नरेश पाल सिंह ने विश्वास व्यक्त किया कि उत्तर मध्य रेलवे अपनी पूरी क्षमता का उपयोग करते हुए, राज्य और पुलिस प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करके, इस माघ मेला 2026 को भी महाकुंभ की तरह ही एक सफल और सुरक्षित आयोजन बनाने के लिए पूरी तरह से तैयार है। रेलवे की यह प्रारंभिक और व्यापक तैयारी दोगुनी भीड़ की चुनौती को अवसर में बदलने का संकेत देती है।

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