Leopard in Prayagraj तेंदुआ की तलाश में झूंसी के HRI में लगेंगे कैमरे, दो दिन से दहशत, झूंसी की बस्तियों के लोगों की उड़ी नींद
प्रयागराज शहर से सटे झूंसी स्थित HRI में तेंदुआ की तलाश जारी है, जिससे झूंसी की बस्तियों में दहशत है। वन विभाग तेंदुआ की मौजूदगी के प्रमाण जुटाने के लिए जंगल में कैमरे लगाएगा। HRI परिसर में आवासीय, कार्यालय, शैक्षणिक भवन और जंगल है। तेंदुआ की सटीक सूचना मिलने पर ही विशेषज्ञों की टीम बुलाई जाएगी। डीएफओ अरविंद कुमार ने बताया कि तेंदुआ की मौजूदगी की जानकारी पर एहतियातन कदम उठाए जा रहे हैं।

प्रयागराज के झूंसी स्थित HRI परिसर में पिंजरा लगाते वन विभाग के कर्मचारी। सौजन्य : वन विभाग
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Leopard in Prayagraj झूंसी छतनाग के HRI में घुसे तेंदुए को लेकर दो दिनों से दहशत का माहौल है। हालांकि वन विभाग ने इस संस्थान के परिसर में जाल और पिंजरा लगा दिया है, लेकिन यह पर्याप्त नहीं है। तेंदुआ की मौजूदगी के पुख्ता प्रमाण जुटाने के लिए महकमा HRI के जंगल में कैमरे लगवाने जा रहा है।
HRI परिसर में आवास, कार्यालय, शैक्षणिक भवन, जंगल
HRI का परिसर लगभग 200 हेक्टेयर में फैला हुआ है। इसमें आवासीय, कार्यालय और शैक्षणिक भवनों को छोड़कर एक बड़ा हिस्सा जंगल का भी है। संस्थान की ओर से भवनों के आसपास सुरक्षा के नजरिए से सीसीटीवी कैमरे लगवाए हैं, लेकिन जंगल की तरफ इसका कोई इंतजाम नहीं है।
संस्थान कर्मी कई बार तेंदुआ देख चुके हैं
Leopard in Prayagraj दो दिनों से जिस इलाके में तेंदुआ चहलकदमी कर रहा है, वहां पर भी कैमरे नहीं लगे है। यही कारण है कि अब तक तेंदुआ के होने के कोई स्पष्ट प्रमाण नहीं मिल पा रहे हैं। यह बात अलग है कि कर्मचारियों का सामना कई बार तेंदुआ से हो चुका है। एक तस्वीर सामने आई थी, लेकिन वह भी धुंधली थी।
तेंदुआ की मौजदगी की सटीक सचना नहीं
जब तक तेंदुआ की मौजूदगी की सटीक सूचना नहीं मिलती, तब तक उसे ट्रैंकुलाइज करने के लिए विशेषज्ञों की टीम भी नहीं बुलाई जा सकती। इसी को देखते हुए विभाग ने एचआरआइ के जंगल वाले इलाके में कैमरे लगवाने जा रहा है। यह कैमरे जंगली जानवरों की निगरानी की विशेषता रखते हैं। उम्मीद है कि इन कैमरों के लगने के बाद तेंदुआ का सुराग लग जाएगा।
क्या कहते हैं डीएफओ
Leopard in Prayagraj डीएफओ अरविंद कुमार का कहना है कि HRI में तेंदुआ के मौजूद होने की जानकारी मिल रही है। सिर्फ सूचना के आधार पर एहतियातन पिंजरे लगाने जैसे अन्य ठोस कदम उठाए जा रहे हैं, लेकिन तेंदुआ की मौजूदगी के पुख्ता प्रमाण नहीं है। इसी को देखते हुए जंगल में कैमरे लगवाए जाएंगे।
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