Kasan Maha Panchayat : खाद-बीज संकट को लेकर प्रयागराज में किसानों का प्रदर्शन, प्रशासनिक लापरवाही पर फूटा गुस्सा
प्रयागराज में किसान महापंचायत में खाद, बीज और बेसहारा मवेशियों की समस्या को लेकर किसान एकजुट हुए। गंगापार और यमुनापार के किसानों ने प्रशासनिक लापरवाही पर नाराजगी जताई। भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की महापंचायत में किसानों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की। किसानों ने कृषि और सिंचाई विभाग के अफसरों पर आक्रोश जताया और तहसील व जिला स्तर पर सुनवाई न होने की शिकायत की। यूनियन नेताओं ने किसानों को एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।

प्रयागराज के सिविल लाइंस में भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की महापंचायत में बोलते व मंचासीन पदाधिकारी। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। शहर के पॉश इलाका सिविल लाइंस स्थित पत्थर गिरजाघर के आसपास का इलाके में सोमवार को किसानों की भीड़ रही। गंगापार और यमुनापार के जुटे सैकड़ों की संख्या में किसानों ने एकजुटता दिखाई। इस दौरान अपनी मांगों को लेकर किसानों ने प्रदर्शन और नारेबाजी की।
प्रशासनिक लापरवाही का आरोप लगाया
खाद, बीज और बेसहारा मवेशियों जैसी समस्याओं से जूझ रहे किसानों का धैर्य जवाब दे गया है। किसान यहां जुटे और मुखर होकर इसे लेकर प्रशासनिक लापरवाही पर नाराजगी जताई। जमकर अपनी भड़ास निकाली।

किसान महापंचायत में सैकड़ों की संख्या में जुटे किसान
मौका था भारतीय किसान यूनियन (अराजनैतिक) की महापंचायत का। इसमें मंडल और जनपद स्तर तक तमाम पदाधिकारी शामिल हुए। खेती की समस्याओं के साथ अन्य मूलभूत सुविधाओं के संकट से जूझ रहे गंगापार व यमुनापार के सैकड़ों किसान भी इसमें हिस्सा लेने पहुंचे।
कृषि, सिंचाई विभाग के अफसरों पर भी जताया आक्रोश
किसानों में कृषि और सिंचाई विभाग के अफसरों के साथ ही प्रशासन के खिलाफ भी नाराजगी रही। धरने में शामिल बजरंगी, बबलू, अमित, सूर्यबली, अनुराग, देवीदीन, सूरज आदि किसानों ने आक्रोश जताया। आरोप लगाया कि खेती के सहारे जीवन यापन करने वाले किसानों की आमदनी बढ़ाने पर सिर्फ जोर दिया जा रहा है। जिन समस्याओं की वजह से उनकी आमदनी प्रभावित हो रही है, उनका निराकरण नहीं कराया जा रहा है।
बिजली, डीएपी, नहरों में पानी के अभाव पर जताया आक्रोश
किसानों ने कहा कि कभी डीएपी तो कभी यूरिया के लिए साधन सहकारी समितियों में धक्के खाने पड़ते हैं। जब पानी की जरूरत होती है तो नहरें चलती नहीं हैं। जब सिंचाई की आवश्यकता नहीं होती तब नहरें लबालब हो जाती हैं। बीज वितरण में खूब मनमानी हो रही है। बिजली कटौती ने नलकूप वाले किसानों के सामने सिंचाई का संकट खड़ा कर दिया है।
तहसील व जिला स्तर पर नहीं होती सुनवाई
आरोप लगाया कि भू-माफिया पूरी तरह से हावी हैं। कहीं सरकारी जमीनों पर कब्जे हाे रहे हैं तो कहीं किसानों व गरीबों की भूमिधरी व पट्टे वाली भूमि पर। तमाम शिकायतों के बाद भी तहसील स्तर पर न सुनवाई होती है और न ही जिला स्तर पर। मंडल स्तर के अधिकारियों से शिकायत के बाद भी नतीजा शून्य ही रहता है। यूनियन के नेताओं ने आंदोलित किसानों में जोश भरा। एकजुट होकर संघर्ष करने का आह्वान किया।

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