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    प्रयागराज में 10 रुपये के स्टांप पर नामित अधिकार वाले नजूल भूखंड नहीं करा सकेंगे फ्रीहोल्ड, 1,500 आवेदन होंगे निरस्त

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Mon, 27 Oct 2025 12:37 PM (IST)

    प्रयागराज में नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड कराने के लिए 1,500 आवेदन निरस्त होंगे, क्योंकि ये 10 रुपये के स्टांप पर नामित अधिकार वाले हैं। पहले ही दो हजार आवेदन निरस्त हो चुके हैं। जिले में लगभग 5,500 नजूल भूखंडों की लीज खत्म हो चुकी है और 1,300 आवेदनों पर फैसला होना बाकी है, जिसकी रिपोर्ट शासन को भेजी गई है। 27 जुलाई 2020 से नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने पर रोक है।

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    प्रयागराज में नजूल भूमि फ्रीहोल्ड पर संकट, 2,000 आवेदन निरस्त हुए हैं, ऐसी भूमि का सत्यापन शुरू होगा।

    ज्ञानेंद्र सिंह, प्रयागराज। जनपद में लगभग 5,500 नजूल भूखंडों की लीज खत्म हो चुकी है, जिसका अगले माह से सत्यापन शुरू कराया जाएगा। इनमें 4,800 भूखंडों को फ्रीहोल्ड कराए जाने के लिए आवेदन जमा हुए थे। इसके लिए छह करोड़ रुपये भी जमा कराए गए थे। इन आवेदनों में से लगभग दो हजार आवेदनों को निरस्त कर दिया गया है। 

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    जिला प्रशासन ने विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेजी

    वहीं 1,500 आवेदन ऐसे हैं, जिनकी भूमि का नामित अधिकार 10 रुपये के स्टांप पर दे दिया गया है, जो आवेदन जल्द ही निरस्त हो जाएंगे। शेष 1,300 आवेदनों पर निर्णय लिया जाएगा, जिसके लिए जिला प्रशासन की ओर से विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है।

    लीज खत्म होने पर मालिकाना हक भी समाप्त होगा 

    जिले में लगभग 75 लाख वर्ग मीटर जमीन अब भी नजूल की है, जिसका 50 से 500 रुपये तक ही किराया मिलता है। अब तक 50 प्रतिशत नजूल भूमि फ्रीहोल्ड हो चुकी है। लगभग 20 प्रतिशत नजूल भूमि की लीज जल्द समाप्त होने वाली है। लीज खत्म पर विधिक रूप से मालिकाना हक खत्म माना जाता है।

    27 जुलाई 2020 से नजूल भूमि के फ्रीहोल्ड पर रोक

    शासन के निर्देश पर संगम नगरी में भी 27 जुलाई 2020 से नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड करने पर रोक है। अब फिर से फ्रीहोल्ड को लेकर सुगबुगाहट होने पर कार्यवाही भी शुरू हो गई है। शासन की ओर से नजूल भूखंडों तथा फ्रीहोल्ड को लेकर आवेदनों से संबंधित सूचनाएं मांगी गई, जिसे पिछले हफ्ते जिला प्रशासन ने तैयार कराकर लखनऊ भेज दिया।

    फ्रीहोल्ड के लिए शासन की गाइडलाइन क्या है?

    शासन की ओर से फ्रीहोल्ड के लिए गाइडलाइन भी जारी हुई है। इसमें नजूल भूमि तीन स्तर पर ही फ्रीहोल्ड हो सकेगी। पहला मूल पट्टेदार के नाम नजूल भूमि होनी चाहिए, दूसरा मूल पट्टेदार का विधिक उत्तराधिकारी होना चाहिए और तीसरा रजिस्टर्ड डीड के माध्यम से खरीदी गई नजूल भूमि का विधिक क्रेता होना चाहिए। किसी भी हाल में 10 रुपये के स्टांप पर नामित अधिकार पर नजूल भूमि को फ्रीहोल्ड नहीं किया जा सकेगा।

    400 नजूल भूखंडों के फ्रीहोल्ड करने की हो रही जांच

    शहर के सिविल लाइंस, जार्जटाउन, टैगोर टाउन, लूकरगंज, म्योर रोड, अशोक नगर, राजापुर, अलोपीबाग, म्योराबाद, मम्फोर्डगंज का 80 प्रतिशत हिस्सा नजूल भूमि पर है, जिसमें काफी नजूल भूखंड फ्रीहोल्ड हुए हैं। जार्जटाउन और सिविल लाइंस में फ्रीहोल्ड में अनियमितता बरती गई है। ऐसे 400 से ज्यादा भूखंडों की जांच चल रही है, जिनके फ्रीहोल्ड करने में नियमों को दरकिनार करने की शिकायतें मिली हैं। 

    एडीएम नजूल बोले- अगले माह नजूल भूमि सत्यापन

    एडीएम नजूल संजय कुमार पांडेय का कहना है कि नजूल भूखंडों से संबंधित विस्तृत रिपोर्ट शासन को भेज दी गई है। जिले के 1300 नजूल भूखंडों के फ्रीहोल्ड के आवेदनों पर निर्णय की उम्मीद जताई जा रही है। अगले माह से नजूल भूमि का सत्यापन भी कराया जाएगा, जिसके लिए शीघ्र ही राजस्व टीमें गठित की जाएंगी।

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