RO/ARO Paper Leak मामले के मास्टरमाइंड पर कसेगा शिकंजा, वारंट-बी की तामील करवाने मेरठ पहुंची कौशांबी पुलिस
उच्चाधिकारियों के आदेश पर प्रभारी निरीक्षक मंझनपुर संतोष कुमार शर्मा ने अदालत से राजीव नयन के खिलाफ वारंट-बी जारी कराने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में बीते दिनों प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था। कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद मंगलवार को मंझनपुर पुलिस की एक टीम मेरठ जेल में तामील कराने के लिए रवाना हो गई। कोर्ट के आदेश पर 26 अप्रैल को...
जागरण संवाददाता, कौशांबी/प्रयागराज। समीक्षा अधिकारी/सहायक समीक्षा अधिकारी (आरओ/एआरओ) पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड राजीव नयन मिश्रा को वारंट-बी तामील करवाने के लिए कौशांबी पुलिस मेरठ पहुंच गई है। बुधवार को पुलिस टीम जेल जाकर वारंट-बी तामील करवाएगी।
पुलिस की इस कार्यवाही के बाद राजीव नयन पर कानूनी शिकंजा कस जाएगा। मामले में कौशांबी कोर्ट में 26 अप्रैल को सुनवाई है, जिस दिन उसे मेरठ से लाकर अदालत में पेश किया जाएगा। इस बीच पुलिस अभियुक्त को पुलिस कस्टडी रिमांड (पीसीआर) पर लेने के लिए भी अदालत में अर्जी दाखिल करेगी।
आरओ/एआरओ पेपर लीक मामले में मेजा निवासी राजीव नयन भी आरोपित है। उसके खिलाफ मंझनपुर थाने में मुकदमा है, जिसमें वह वांछित चल रहा है।
वारंट-बी जारी कराने के लिए किया गया था आवेदन
बताया गया है कि उच्चाधिकारियों के आदेश पर प्रभारी निरीक्षक मंझनपुर संतोष कुमार शर्मा ने अदालत से राजीव नयन के खिलाफ वारंट-बी जारी कराने के लिए मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत में बीते दिनों प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया था।
कोर्ट से वारंट जारी होने के बाद मंगलवार को मंझनपुर पुलिस की एक टीम मेरठ जेल में तामील कराने के लिए रवाना हो गई। प्रभारी निरीक्षक का कहना है कि कोर्ट के आदेश पर 26 अप्रैल को उसे जिले की अदालत में पुलिस लेकर आएगी। इसके बाद रिमांड पर आरोपित को लेने के लिए प्रार्थना पत्र प्रस्तुत किया जायेगा।
अरोग्यम अस्पताल के प्रबंधन पर कसेगा शिकंजा
औद्योगिक क्षेत्र की महुवारी गांव के समीप स्थित आरोग्यम अस्पताल के प्रबंधन पर भी पुलिस कानूनी शिकंजा कसेगी। सोमवार को एसटीएफ मेरठ की टीम आरोपित राजीव को लेकर अस्पताल पहुंची थी। वहां के कर्मचारियों से पूछताछ करने के बाद छानबीन की गई।
हालांकि इस दौरान कर्मचारियों ने राजीव को पहचाने से मना कर दिया लेकिन जांच में एसटीएफ के हाथ कई अहम जानकारी मिली है, जिसके बाद प्रबंधन पर शिकंजा कसने की बात कही जा रही है। इसी अस्पताल में आरओ/एआरओ के अभ्यर्थियों को प्रश्नपत्र के उत्तर रटवाए गए थे। उधर, एसटीएफ के छानबीन के बाद अस्पताल में लगे बोर्ड को हटा दिया गया। इससे उधर जाने वाले व्यक्ति अरोग्यम अस्पताल को नहीं जान पाएंगे।
अस्पताल से पहले वहां चलता था हास्टल
नैनी प्रतिनिधि के अनुसार, जिस भवन में आरोग्यम हास्पिटल खोला गया था। उसमें पहले हास्टल चलता था। बेसमेंट समेत तीन मंजिल के इस भवन में दर्जनभर से अधिक कमरे हैं, जिसमें छात्र रहकर पढ़ाई करते थे। हास्टल न चलने पर इसमें हास्पिटल खोल दिया गया था। करीब आठ चिकित्सक वहां अपनी सेवा देते थे।
ओपीडी के अलावा वहां मरीज भी भर्ती किए जाते थे। अस्पताल भी धीरे-धीर बंद हो गया। बीते चार माह से अस्पताल में एक भी मरीज नहीं भर्ती किए गए। अब एक छोटा सा मेडिकल स्टोर है। एक टेक्निशियन, एक सफाईकर्मी समेत तीन स्टाफ अस्पताल की देखरेख करते हैं। शाम को एक चिकित्सक ओपीडी में बैठते हैं।
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