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    प्रयागराज मंडल के सबसे बड़े एसआरएन अस्पताल में खामियों का अंबार, फिर भी जांच दल को सब मिला 'चकाचक'

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sun, 14 Dec 2025 07:13 PM (IST)

    स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय, प्रयागराज में जांच दल को सब कुछ ठीक मिला, जबकि अस्पताल में कई कमियां हैं। फतेहपुर और कानपुर देहात से आए प्रोफेसरों ने खरा ...और पढ़ें

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    प्रयागराज में एसआरएन अस्पताल के ट्रामा सेंटर में चिकित्सा व्यवस्थाएं जांचते जांच टीम के सदस्य। जागरण

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। मरीजों की चिकित्सा सुविधा का परीक्षण करने के लिए रविवार को स्वरूपरानी नेहरू (एसआरएन) चिकित्सालय पहुंचे जांच दल को सब 'चकाचक' मिला। ट्रामा सेंटर से लेकर डायग्नोस्टिक कक्ष तथा आइसीयू में दो प्रोफेसरों ने चेकलिस्ट का बिंदुवार खाका भरा। वेंटिलेटरों की खराबी का पता लगने पर कहा कि इसकी सूची बनाकर भेज दें। जबकि ट्रामा सेंटर में महीनों से खराब पड़ी एक्स-रे मशीन से मरीजों को लाभ न मिलने के बाबत किसी से कोई सवाल नहीं हुए।

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    अस्पताल में खामियों ही खामियां 

    इलाहाबाद हाई कोर्ट ने एसआरएन अस्पताल के हालात पर तल्ख टिप्पणी की थी तो प्रयागराज से लेकर लखनऊ तक के अधिकारियों के पसीने छूट गए थे। कुछ दिनों बाद ही बदहाली पुराने ढर्रे पर आ गई। जांच मशीनें खराब हैं, मरीजों के इलाज का खर्च बाहर कराई जा रही जांच और महंगी दवाओं के चलते बढ़ता ही जा रहा है। वार्ड में ड्यूटी करने वाले डाक्टरों की मनमानी जगजाहिर है।

    खामियां ढूंढने पहुंची थी टीम  

    अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) के निर्देश पर अस्पतालों के हो रहे परीक्षण में उपरोक्त खामियां दरकिनार रहीं। स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय फतेहपुर के पैथालाजी विभाग के प्रोफेसर डाॅ. वरद वर्धन विसेन और स्वशासी राज्य चिकित्सा महाविद्यालय कानपुर देहात के मनोरोग विभाग के प्रोफेसर डा. नासिर महमूद खामियां ढूंढने पहुंचे।

    भर्ती मरीजों को लगा कि अधिकारी उनकी व्यथा पूछेगे 

    सबसे पहले ट्रामा सेंटर में ट्रायज वार्ड को देखा, फिर रेड जोन वार्ड में गए। वहां भर्ती मरीज इस प्रतीक्षा में थे कि अधिकारी उनकी व्यथा पूछेंगे। लगभग एक मिनट तक जांच दल वहीं रुका रहा, मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डाॅ. वीके पांडेय ने उपलब्ध चिकित्सा संसाधनों के बारे में बताया और दल वहां से दूसरे वार्ड के लिए रवाना हो गया।  

    मांगी खराब वेंटिलेटरों की सूची

    ट्रामा सेंटर में प्रमुख चिकित्साधीक्षक डाॅ. नीलम सिंह ने बताया कि वेंटिलेटरों की समस्या कभी-कभी आती है, क्योंकि कई वेंटिलेटर खराब पड़े हैं। जांच दल ने अपनी चेकलिस्ट में इसे दर्ज कर लिया और कहा कि खराब वेंटिलेटरों की सूची भेज दें। जांच दल ट्रामा सेंटर से यूजर काउंटर के पास गया, इसके बाद पुरानी बिल्डिंग में डायग्नोस्टिक केंद्र, आइसीयू और छात्रावास में आकर वर्तमान स्थिति की पड़ताल की।  

    नई पर्ची चिपकाई- 'दलालों से सावधान'

    अस्पताल में दीवारों पर तमाम जगह पर्चियां चिपकी थीं 'दलालों से सावधान'। जांच दल ने यूजर काउंटर के पास इसी पर्ची के साथ अपनी फोटो खिंचवाई। अस्पताल में ट्रामा सेंटर से लेकर वार्ड और आपरेशन थियेटरों तक दलालों का जाल बिछा है, रविवार को दीवारों पर चिपकी नई पर्चियों ने इस समस्या पर पर्देदारी की।  

    लगी रहीं दो दर्जन स्ट्रेचर

    स्ट्रेचर और व्हील चेयर के लिए अस्पताल में मरीजों व तीमारदारों को काफी परेशानी होती है। इसके निर्धारित स्थल पर टूटी फूटी स्ट्रेचर पड़ी रहती है, रविवार को स्थिति इसके ठीक उलट रही। दो दर्जन स्ट्रेचर साफ सुथरी और ठीक हालत में रखी गई थी। कुछ स्ट्रेचरों पर सफेद चादरें पड़ी थीं।  

    मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य बोले

    मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज के प्राचार्य डाॅ. वीके पांडेय ने बताया कि अपर मुख्य सचिव के निर्देश पर जांच के लिए फतेहपुर और कानपुर से दो प्रोफेसर आए थे। चेकलिस्ट के अनुसार उन्होंने अस्पतालों में व्यवस्थाओं को देखा। डायग्नोस्टिक केंद्र, आइसीयू, ट्रामा सेंटर और वार्ड में गए। छात्रावास के हालात का भी जायजा लिया।

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