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    New Delhi-Prayagraj Train Running Status : ट्रेनों का 'डे प्लान' धराशायी, सुबह की ट्रेनें दोपहर में पहुंच रहीं प्रयागराज

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Sat, 20 Dec 2025 12:48 PM (IST)

    Indian railways news दिल्ली से प्रयागराज आने वाली ट्रेनों का शेड्यूल बिगड़ा। सुबह पहुंचने वाली ट्रेनें दोपहर में पहुंच रही हैं, जिससे यात्रियों को परे ...और पढ़ें

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    Indian railways news दिल्ली से प्रयागराज आने वाली ट्रेनें कोहरा और कम दृश्यता के कारण घंटों लेट पहुंच रही हैं।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। Indian Railways Running Status दिल्ली-हावड़ा रूट पर लगातार पांचवें दिन भी ट्रेनों का संचालन बुरी तरह से प्रभावित है। सुबह आने वाली कोई भी ट्रेन अभी तक प्रयागराज जंक्शन नहीं आ सकी हैं। वीआइपी ट्रेन प्रयागराज एक्सप्रेस लगभग छह घंटे की देरी से दोपहर एक बजे प्रयागराज जंक्शन पहुंचेगी।

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    प्रयागराज पहुंचने वाली ट्रेनों की स्थिति देखें 

    Indian Railways Running Status हमसफर एक्सप्रेस के सात घंटे देरी से एक बजे के बाद आने की संभावना है। वंदे भारत तीन घंटे विलंबित चल रही है और दोपहर 12 बजे की जगह इसके अपराह्न तीन बजे के बाद आने की संभावना है। रीवा एक्सप्रेस सात घंटे देरी से चल रही है। इसे सुबह 6.10 बजे प्रयागराज पहुंचना था लेकिन यह दोपहर में एक बजे के बाद प्रयागराज पहुंचेगी। शिवगंगा एक्सप्रेस भी सात घंटे विलंबित चल रही है। इसे भोर में 3.45 बजे आना था लेकिन अब यह दोपहर में लगभग 12 बजे पहुंचेगी।

    प्लेटफार्म पर ठंड से ठिठुर रहे यात्री  

    Indian Railways Running Status प्लेटफार्म पर इंतजार करते यात्री ठंड में ठिठुर रहे हैं, चाय की थड़ी पर गर्मागर्म चर्चाएं चल रही हैं। कभी रेलवे की लेटलतीफी पर गुस्सा, तो कभी मजाक में कहते हुए, "ट्रेनें तो अब 'डे प्लान' पर चल रही हैं, सुबह की जगह दोपहर में!" लेकिन हकीकत में यह मजाक नहीं, एक बड़ी परेशानी है जो हजारों यात्रियों की जिंदगी को उलट-पुलट कर रही है।

    सुबह तक दिल्ली से आने वाली कोई ट्रेन नहीं पहुंची थी

    Indian Railways Running Status सुबह की शुरुआत से ही जंक्शन पर सन्नाटा पसरा हुआ है। आमतौर पर भोर में गुलजार रहने वाला स्टेशन आज खाली-खाली सा लग रहा है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक, दिल्ली से आने वाली कोई भी ट्रेन अभी तक नहीं पहुंची। वीआइपी ट्रेन प्रयागराज एक्सप्रेस, जो सामान्यतः सुबह 7 बजे जंक्शन पर दाखिल होती है, आज छह घंटे की देरी से दोपहर 1 बजे पहुंचने वाली है।

    यात्रियों की परेशानी

    कल्पना कीजिए, वे यात्री जो सुबह की पहली मीटिंग या परिवार से मिलने की जल्दी में थे, अब दोपहर की धूप में इंतजार कर रहे हैं। एक यात्री, अजय कुमार, जो दिल्ली से प्रयागराज आ रहे हैं दैनिक जागरण से फोन पर बताते हैं कि उनका भाई गांव से उन्हें लेने के लिए सुबह सात बजे ही गया है। अब दोपहर हो गई, ट्रेन का पता नहीं कितने बजे पहुंचेगी, बार बार टाइम बदलता जा रहा है। देरी होती चली जा रही है। घर पर कार्यक्रम है अब वहां भी समय से नहीं पहुंच पाएंगे और ऊपर से ठंड में बच्चे साथ हैं वो भी परेशान हो रहे हैं। रेलवे को पहले से पता था धुंध आएगी, फिर क्यों नहीं वैकल्पिक व्यवस्था की?"

    हमसफर सात घंटों लेट

    Indian Railways Running Status इसी तरह, हमसफर एक्सप्रेस सात घंटे की देरी से चली आ रही है। इसका आगमन दोपहर एक बजे के बाद होने की संभावना है। यह ट्रेन उन यात्रियों की पसंदीदा है जो आरामदायक सफर चाहते हैं, लेकिन आज आराम की जगह तनाव है। वंदे भारत एक्सप्रेस, जो हाई-स्पीड का प्रतीक है, वह भी तीन घंटे विलंबित है। दोपहर 12 बजे पहुंचने के बजाय, यह अपराह्न तीन बजे के बाद आएगी।

    एक्स पर लिख रहे यात्री

    रीवा एक्सप्रेस की हालत और भी खराब है। इसे सुबह 6:10 बजे प्रयागराज पहुंचना था, लेकिन सात घंटे की देरी से दोपहर 1 बजे के बाद आएगी। रीवा से आने वाले यात्री, जो ज्यादातर मजदूर या छात्र होते हैं, सबसे ज्यादा प्रभावित हैं। एक छात्र, राहुल सिंह, ने एक्स पर लिखा है कि "एग्जाम है कल, रात भर पढ़ाई की थी। अब ट्रेन लेट, नींद नहीं आई। रेलवे ऐप पर अपडेट तो आता है, लेकिन मदद कौन करे?" शिवगंगा एक्सप्रेस भी सात घंटे पीछे है। भोर में 3:45 बजे आने वाली यह ट्रेन अब दोपहर 12 बजे पहुंचेगी। बनारस से आने वाली यह ट्रेन धार्मिक यात्रियों की पसंद है, और आज कई तीर्थयात्री प्लेटफार्म पर मंत्र जपते इंतजार कर रहे हैं।

    घनी धुंध व कम दृश्यता से ट्रेनों की स्पीड कम

    रेलवे सूत्रों का कहना है कि उत्तर भारत में सर्दियों की घनी धुंध और कम दृश्यता के कारण ट्रेनों की स्पीड कम करनी पड़ रही है। सिग्नल सिस्टम भी प्रभावित है, जिससे सुरक्षा के लिए ट्रेनें धीमी गति से चलाई जा रही हैं। कई यात्रियों ने सोशल मीडिया पर अपनी व्यथा साझा की। एक यूजर ने लिखा, "ट्रेन लेट होना तो ठीक, लेकिन पांच दिन से? रेलवे की फाग-सेफ टेक्नोलजी आखिर काम क्या कर रही है!"इस देरी का असर सिर्फ प्रयागराज तक सीमित नहीं।

    व्यापार भी हो रहा प्रभावित

    दिल्ली-हावड़ा रूट पर सैकड़ों ट्रेनें प्रभावित हैं, जिससे व्यापार, शिक्षा और दैनिक जीवन ठप है। विशेषज्ञों का मानना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ऐसी धुंध की घटनाएं बढ़ रही हैं, और रेलवे को जीपीएस-बेस्ड सिस्टम या आटोमेटेड ब्रेकिंग जैसे उपाय अपनाने चाहिए। फिलहाल, प्रयागराज जंक्शन पर दोपहर तक ट्रेनों का आना शुरू होगा, लेकिन यात्री उम्मीद कर रहे हैं कि कल से स्थिति सुधरे। अगर आप भी ट्रेन से सफर कर रहे हैं, तो ऐप चेक करें और धैर्य रखें, क्योंकि सर्दी की यह 'डे प्लान परेशानी' जल्द थमने वाली नहीं लगती।

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