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    पानी ठंडा है लेकिन... रूस की क्रिस्टीना ने संगम में लगाई डुबकी, हाथ उठाकर बोलीं- हर-हर गंगे

    Updated: Tue, 14 Jan 2025 07:52 AM (IST)

    Mahakumbh 2025 कुंभ मेले में विदेशी श्रद्धालुओं का उत्साह देखते ही बन रहा है। रूस से आईं क्रिस्टीना ने संगम में डुबकी लगाई और हाथ उठाकर बोलीं- हर-हर ग ...और पढ़ें

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    महाकुंभ मेला के पौष पूर्णिमा पर्व पर जय गंगे का उदघोष करते विदेशी। उत्तम राय चौधरी

    जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। आस्था और अध्यात्म के रंग में सोमवार को विदेशी रचे बसे रहे। जितनी मस्ती से संगम स्नान किया, उतना ही अचंभित रहे। रूस, इंग्लैंड, अमेरिका, इटली, जर्मनी, नीदरलैंड और आस्ट्रेलिया समेत अन्य देशों के नागरिकों ने अपने-अपने तरीके से महाकुंभ देखा। मोबाइल फोन और कैमरों में सैलानी श्रद्धालुओं ने महाकुंभ की स्मृतियों को संजोया।

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    अमेरिका के न्यूयार्क से टाम के साथ आईं जानर इतनी चकित हुईं कि उनके मुंह से निकला 'अमेजिंग' 'डिवाइन'। रूस से आईं क्रिस्टीना ने त्रिवेणी में डुबकी लगाई और हाथ उठाकर बोलीं, हर-हर गंगे। उन्होंने 'मेरा भारत महान' कह कर खुशी जताई और मेले को 'सो ब्यूटीफुल' कहते हुए अपने जीवन का सबसे खूबसूरत आयोजन बताया।

    जीवन में पहली बार देखा खूबसूरत आयोजन

    पौष पूर्णिमा स्नान पर्व पर संगम और इसके आसपास भीड़ में विदेशी भी अपने-अपने गाइड के साथ बढ़ते रहे। संगम पहुंचीं न्यूयार्क की जानर ने कहा, इतना विशाल और खूबसूरत आयोजन जीवन में पहली बार देखा है। विश्वास नहीं हो रहा है। सीमित बात करते हुए वह स्नान के लिए आगे बढ़ गईं।

    संगम की पवित्रता और भारतीय संस्कृति को विदेशियों ने कैसे दिल से लगाया, इसे ब्राजील से आए फ्रांसिस्को की इस बात से समझा जा सकता है कि, माहौल अद्भुत है। कहा मोक्ष के अर्थ को समझ रहा हूं। वह प्रतिदिन योग करते हैं। भारत को दुनिया का आध्यात्मिक हृदय बताया।

    अदृश्य सरस्वती की पूजा की

    कहा पानी ठंडा है लेकिन हृदय में गर्मजोशी है। रूस से एलेक्जेंडर संग आईं क्रिस्टीना ने संगम में डुबकी लगाकर खुशी जताई। साथ नहा रहीं अन्य श्रद्धालुओं से पद्धति पूछकर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती की पूजा की। माला अर्पित कर आरती की। तीर्थपुरोहित से माथे पर चंदन लगवाया।

    स्नान करने वालों का उत्साह उन्हें रोमांचित करता रहा। इंग्लैंड से आईं जार्जिना ने संगम में पुण्य की डुबकी लगाई। साथी एडवर्ड ने केवल त्रिवेणी जल का आचमन किया। मैसूर के मूल निवासी और जर्मनी में बस चुके जितेश प्रभाकर पत्नी सास्किया नाफ के साथ आए थे। संगम पर वह श्रद्धा के आवेग में भरे दिखे। कहा -सब कुछ रोमांचक है। ऐसा आयोजन कहीं और नहीं देखा।

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