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    Prayagraj Flood News : गंगा-यमुना का जलस्तर बढ़ने के बाद अलर्ट जारी, तस्वीरों में देखें बाढ़ से घिरे इलाकों का हाल

    प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर तेजी से बढ़ रहा है जिससे बाढ़ का खतरा उत्पन्न हो गया है। यमुना नदी पहले ही कई जिलों में खतरे के निशान को पार कर चुकी है। शहर के कई इलाकों में पानी घुस गया है जिससे लोगों को परेशानी हो रही है। प्रशासन ने अलर्ट जारी कर दिया है और राहत कार्य शुरू कर दिए हैं।

    By GYANENDRA SINGH1 Edited By: Brijesh Srivastava Updated: Tue, 26 Aug 2025 07:31 PM (IST)
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    प्रयागराज में गंगा और यमुना नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ने से बाढ़ की संभावना है।

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। विभिन्न राज्यों में हो रही वर्षा के चलते वहां की नदियों में उफान के कारण गंगा व यमुना का भी तेजी से जलस्त बढ़ रहा है। इससे संगम नगरी पर फिर बाढ़ का खतरा मंडराने लगा है। इसको लेकर जनपद में अलर्ट घोषित कर दिया गया है। औरैय्या व हमीरपुर में यमुना खतरे का निशान पार गई हैं। बांदा में खतरे के निशान के करीब हैं। मध्य प्रदेश की नदियों केन व बेतवा और राजस्थान की चंबल नदी का पानी यमुना में आ रहा है। इसके अलावा आधा दर्जन छोटी नदियों के उफान पर होने का असर गंगा व यमुना के जलस्तर पर पड़ रहा है। इन नौ नदियों का से लगभग 10 लाख क्यूसेक पानी आ रहा है।

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    खास-खास

    -09 छोटी-बड़ी नदियों का 10 लाख क्यूसेक पानी आ रहा गंगा-यमुना में

    -02 मीटर जल स्तर और बढ़ने की आशंका जताई गई तथा दोनों नदियों में

    खतरे के निशान से कितनी दूर हैं गंगा-यमुना

    राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तराखंड तथा बुंदेलखंड व पश्चिमी उत्तर प्रदेश में हो रही वर्षा का व्यापक असर प्रयागराज में गंगा और यमुना के जलस्तर पर पड़ने लगा है। दोनों नदियां प्रयागराज में अब उफान पर आ गई हैं। मंगलवार रात यमुना नदी खतरे के निशान के लगभग डेढ़ तो गंगा ढाई मीटर नीचे बह रही थी।

    चार दिन में ऐसे बढ़ा गंगा व यमुना का जलस्तर

    नदी --शनिवार रात--रविवार रात--सोमवार रात--मंगलवार रात

    गंगा --79.32 मीटर--79.35 मीटर-79.70 मीटर--82.10 मीटर

    यमुना--79.24 मीटर-79.57 मीटर-81.80 मीटर--83.24 मीटर

    -दोनों नदियों का खतरे का निशान -84.73 मीटर

    दो दिनों में यमुना का जलस्तर लगभग साढ़े तीन मीटर तो गंगा का दो मीटर बढ़ा है। इसके कारण मंगलवार रात तक तटीय इलाकों के 28 गांव और 12 मोहल्ले बाढ़ के पानी से घिर गए। शहर की नौ तथा गांवों की 13 बस्तियों पानी घुस गया है। दो माह में चौधी बार बाढ़ के हालात उत्पन्न होने से नदियों के किनारे की बस्तियों के लोगों की चिंता बढ़ गई है। दरअसल, दोनों नदियों का जल स्तर अभी और बढ़ने की आशंका जताई गई है।

    यह भी पढ़ें- Prayagraj Flood Alert : गंगा-यमुना दो माह में चौथी बार उफान पर, आठ लाख क्यूसेक छोड़ा गया पानी दोनों नदियों में आ रहा

    कंटोल रूम नंबर

    -0532-2641577, 0532-2641578

    -टोल फ्री नंबर -1077

    चंबल नदी का पानी यमुना में मिलेगा

    यमुना में सबसे ज्यादा पानी आ रहा है। चंबल नदी में आ रहे 6.5 लाख क्यूसेक पानी के चलते आगरा, इटावा, हमीरपुर और बांदा में यमुना उफान पर हैं। यह पानी प्रयागराज में पहुंचते ही यहां भी यमुना खतरे के निशान को पार कर सकती हैं। दरअसल, यमुना में चंबल के साथ ही बुंदेलखंड की पांच पहाड़ी नदियों और मध्य प्रदेश की केन व बेतवा नदियों का लगभग आठ लाख क्यूसेक पानी आ रहा है।

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    दो लाख क्यूसेक पानी गंगा में आ रहा है

    इसी तरह गंगा में भी लगभग दो लाख क्यूसेक पानी आ रहा है। दोनों नदियों में बाढ़ के चलते शहर के तटीय मोहल्लों बघाड़ा, सादियाबाद, दारागंज के दर्जनों घरों में पानी घुस गया है। नेवादा, अशोक नगर की कछारी बस्ती, गंगानगर, राजापुर, बेली कछार व चिल्ला के भी कई घरों में पानी घुस गया है। दो दर्जन गलियों में पानी भर गया है। घरों में पानी घुसने से काफी लोग पहली मंजिल पर ठौर जमा लिए हैं। वहीं काफी संख्या में लोग रिश्तेदारों अथवा परिचितों के घर पहुंच गए हैं।

    निचले स्थानों के लोग जाने लगे सुरक्षित स्थान

    निचले इलाकों में लोग अपने सामान सुरक्षित स्थानों पर पहुंचाने लगे हैं। बाढ़ को लेकर गंगा और यमुना किनारे सदर तहसील, करछना, मेजा, बारा, सोरांव, फूलपुर व हंडिया क्षेत्र में कुल 87 बाढ़ चौकियों को सक्रिय कर दिया गया है। सभी एसडीएम, तहसीलदार और नायब तहसीलदारों की राजस्व कर्मियों के साथ तटीय क्षेत्रों में ड्यूटी लगा दी गई है।

    क्या कहती हैं एडीएम व आपदा राहत प्रभारी

    एडीएम वित्त एवं राजस्व तथा आपदा राहत प्रभारी विनीता सिंह का कहना है कि गंगा और यमुना का जलस्तर बढ़ने को लेकर अलर्ट जारी कर दिया गया है। बाढ़ से प्रभावित होने वाले कई इलाकों का निरीक्षण कर वहां पर लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए प्रेरित किया गया है। बाढ़ को लेकर आपदा राहत की पूरी तैयारी है।