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    टारगेट के मुताबिक नहीं हो रहा यूपी में इस बड़े प्रोजेक्‍ट का काम, 45 गांवों को होगा फायदा; अब भी 40% काम शेष

    Updated: Wed, 26 Nov 2025 07:02 PM (IST)

    प्रयागराज में रिंग रोड परियोजना का काम लक्ष्य के अनुसार नहीं हो रहा है। पहले चरण में 40% काम अभी भी बाकी है। 3100 करोड़ रुपये की लागत वाली इस परियोजना में देरी के कारण लागत बढ़ने का अनुमान है। रिंग रोड बनने से शहर में जाम कम होगा और मध्य प्रदेश से वाराणसी जाने वाले वाहनों को सुविधा होगी।

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    जागरण संवाददाता, प्रयागराज । जनपद में बड़ी परियोजनाओं के कार्य की प्रगति लक्ष्य के मुताबिक नहीं है। रिंग रोड के प्रथम फेज की अवधि बीत गई मगर अब भी 40 प्रतिशत काम शेष है। परियोजना के इस फेज का कार्य महाकुंभ के पहले ही पूरा हो जाना था मगर अभी इसमें एक वर्ष और लगेगा। इस तरह से पहले ही फेज में लगभग दो वर्ष का अतिरिक्त समय लग रहा है, जिससे इसका एस्टीमेट भी बढ़ाने को लेकर प्रस्ताव बनने लगा है।

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    परियोजना में देरी की वजह भी एनएचएआइ के अधिकारी नहीं बता पा रहे हैं। इनर रिंग रोड का कुल कार्य 65 किमी का है। इसे तीन फेज में विभाजित किया गया है। पहले फेज में 31.4 किमी सड़क का निर्माण किया जाना है। अब तक 15 किमी का काम पूरा कर लिया गया है। शेष 16.4 किमी का कार्य चल रहा है। पहले चरण को तीन श्रेणियों में बाटा गया है।

    पहला चरण लवायन कला से शुरू होकर सहसों बाईपास के पास एनएच-2 से जुड़ेगा, जिसमें 45 गांवों से होकर गुजरने वाली 29.466 किमी सड़क का निर्माण शामिल है। पहले चरण की कुल लागत लगभग 3100 करोड़ रुपये है।

    पहले चरण के निर्माण कार्य में फूलपुर की तरफ 10.50 किमी के अंतर्गत सड़क व छह अंडर पास, एक फ्लाईओवर व गंगा पर एक पुल का निर्माण किया जा रहा है। गंगा पर बन रहा पुल नैनी और झूंसी क्षेत्र को जोड़ेगा। इस चरण का लगभग 60 फीसद से अधिक काम पूरा हो चुका है। इस पुल के निर्माण से नए यमुना पुल और गंगा पर बने शास्त्री पुल पर वाहनों का दबाव कम होगा। जून 2026 तक पुल का निर्माण पूरा होना है।

    महाकुंभ-2025 की परियोजना में शामिल इनर रिंग रोड का काम 30 नवंबर 2024 तक पूरा करना था ठीक महाकुंभ के पहले भारतीय राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआइ) के अफसरों ने हाथ खड़े कर दिए। वहीं दूसरी तरफ करछना तहसील क्षेत्र में कुल 12.50 किमी का निर्माण कार्य हो रहा है। इसमें एक अंडरपास के अलावा सड़क शामिल है। करछना की तरफ भी 65 प्रतिशत से ज्यादा निर्माण कार्य पूरा हो चुका है।

    इनर रिंग रोड के लिए करछना और फूलपुर तहसील के अंतर्गत कुल 194.57 हेक्टेयर भूमि 23 किमी सड़क के लिए अधिग्रहीत की गई है। पहले फेज के सभी अंडरपास तैयार हो चुके हैं। गंगा पर पुल का कार्य चल रहा है। सड़क का निर्माण भी तेजी से कराया जा रहा है। वर्ष 2026 तक प्रथम चरण का कार्य पूरा करा लिया जाएगा। -मनीष कुमार वर्मा, जिलाधिकारी प्रयागराज

    रिंग रोड बनने से यह होगा फायदा

    प्रयागराज : रीवा और चित्रकूट-बांदा मार्ग की ओर से बड़ी संख्या में प्रतिदिन वाहन वाराणसी की ओर जाने के लिए शहर में आते हैं। इससे नए यमुना पुल से लेकर शास्त्री पुल तक जाम लग जाता है। रिंग रोड बनने से ऐसे वाहनों को शहर के बाहर स्थित रिंग रोड से निकाल दिया जाएगा। ऐसे लोग जो मध्य प्रदेश से वाराणसी जाना चाहते हैं वे भी शहर के बाहर से ही निकल जाएंगे।

    रिंग रोड बनाने को पूरा प्रोजेक्ट 7261 करोड़ रुपये का है। रिंग रोड का दूसरा चरण रीवा रोड से कौड़िहार के बीच तैयार होगा, जिसके लिए यमुना व गंगा पर पुल बनाया जाएगा। तब मध्य प्रदेश, महाराष्ट्र के वाहन रिंग रोड से कानपुर, लखनऊ, गोरखपुर की ओर से सीधे निकल जाएंगे।

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