गलियां ब्लॉक, हर तरफ से हॉर्न की आवाज... ऐसा लगा मौनी अमावस्या वाली भीड़ आ गई; महाकुंभ में जाम से जूझे श्रद्धालु
जानसेनगंज से लीडर रोड भीड़ से जाम हो चुकी थी। श्रद्धालु आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। यात्री आश्रय स्थल मिनटों में भर जा रहे थे। सिविल लाइंस की ओर भी हजारों ...और पढ़ें

जागरण संवाददाता, प्रयागराज। शाम के लगभग साढ़े पांच बज रहे थे। जानसेनगंज से लीडर रोड की पूरी सड़क भीड़ से जाम हो चुकी थी। श्रद्धालु आगे नहीं बढ़ पा रहे थे। यात्री आश्रय स्थल मिनटों में भर जा रहे थे। सिविल लाइंस की ओर भी हजारों की भीड़ स्टेशन पर बढ़ने लगी।
प्रयागराज जंक्शन की ओर आ रही तीन किलोमीटर के दायरे की सड़कों की स्थिति टीथर्ड ड्रोन से जारी हुई तो अलर्ट जारी हुआ। ऐसा लगा मौनी अमावस्या वाली भीड़ आ गई। गूगल मैप पर लाल रेखाओं ने चिंता और बढ़ाई, यह स्पष्ट हो गया कि भीड़ बहुत अधिक बढ़ रही है।
रेलवे ने तुरंत लागू किया आपात प्लान
रेलवे ने तत्काल आपात प्लान लागू किया। शाम लगभग छह बजे जानसेनगंज से सीधे स्टेशन की ओर जाने वाले लीडर रोड मार्ग को बंद कर दिया गया। यहां बैरिकेडिंग लगाने के दौरान यात्रियों से झड़प भी हुई। लेकिन कड़ाई से रोड बंद करने के साथ डायवर्ट रूट की हर गलियों को ब्लॉक किया जाने लगा।

बेनीगंज पुल से नीचे बेहद कठिन थे हालात
लकड़ी और टीन से सारे मार्ग बंद कर यात्रियों को चौक के रास्ते सुखरोबाग भेजा जाने लगा। सुलेमसरांय से नकास कोहना जा रही रीना शर्मा ने बताया कि मुडेरा, सुलेम सरांय, धूमनगंज का पूरा रास्ता जाम हो गया था। किसी तरह बेनीगंज पुल से नीचे उतरी तो हालात बहुत कठिन दिखे।
मौनी अमावस्या जैसी भीड़
लूकरगंज, खुल्दाबाद, खुसरोबाग गेट से लेकर चौक तक जितने गली कूंचे थे, सब पर बैरिकेडिंग कर दी गई। लकड़ी और टीन से सारे रास्ते ब्लॉक हो गए। केवल डायवर्ट रूट से ही प्रयागराज जंक्शन की ओर यात्री जा पा रहे थे। शाम चार बजे मैं चली थी और.20 बजे नकासकोहना पहुंची। पूरे रास्ते यही लगा कि मौनी अमावस्या जैसी भीड़ आ गई है।
ताबड़तोड़ चलाई गईं 100 से अधिक विशेष ट्रेनें
रेलवे ने आपात प्लान लागू करने के साथ ताबड़तोड़ विशेष ट्रेनों का संचालन शुरू किया। दिशावार ट्रेनें भीड़ के अनुक्रम में भेजी जाने लगीं। हालांकि जितनी भीड़ हटती उससे ज्यादा भीड़ आ जाती। मिनटों में आश्रय स्थल भर रहे थे। डायवर्ट रूट पर श्रद्धालुओं का रेला बढ़ा तो चौकी की पहले से मौजूद भीड़ के बीच हालात और कठिन हो गए।

हर जगह लगा जाम
कोतवाली, शाहगंज, खुल्दाबाद होकर यात्रियों को खुसरोबाग जाने तो लगे लेकिन हर स्थान पर जाम की स्थिति बन गई। ई-रिक्शा आदि भी फंस गए और आगे पीछे नहीं हो पा रहे थे। एनसीआर के सीपीआरओ शशिकांत त्रिपाठी ने बताया कि शाम को छह बजे भीड़ का दबाव बढ़ा तो खुसरोबाग खोल दिया गया।
100 से ज्यादा ट्रेनों का हुआ संचालन
यात्रियों को डायवर्ट कर ले आया गया। रात आठ बजे तक 100 से अधिक ट्रेनों का संचालन प्रयागराज जंक्शन, छिवकी, नैनी, सूबेदारगंज, प्रयाग, फाफामऊ, रामबाग व झूंसी से हुआ। दैनिक ट्रेनों को मिलाकर 300 से अधिक ट्रेनों का संचालन किया गया।

आपात स्थिति में क्या रहे प्रमुख बदलाव
- प्रयागराज जंक्शन पर यात्रियों का सीधा प्रवेश रोका गया
- यात्रियों को खुसरोबाग से यात्री स्थल के माध्यम से प्लेटफार्म पर भेजा गया
- जानसेनगंज पर बैरिकेडिंग कर दी गई, रूट डायवर्ट हुआ
- ताबड़तोड़ 100 से अधिक विशेष ट्रेनें चलाई गईं
शटल बसों में भी उमड़ी भीड़
शटल बसों में भी शनिवार को भयंकर भीड़ उमड़ी। बसों में सीटें नहीं मिल पा रहीं थीं। बैठने से ज्यादा खड़े होकर यात्रियों ने यात्रा की। यह क्रम सुबह से शुरू हुआ और देर रात तक जारी रहा। जिन यात्रियों को बसों में सीट मिली वह तो बैठकर आए, लेकिन जिन्हें नहीं मिली वह पैदल ही मेला के लिए रवाना हो गए।

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