Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    ... तो NCR की शान होतीं दीप्ति शर्मा, विश्व विजेता भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी को नहीं मिल सकी थी रेलवे में नौकरी

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Tue, 04 Nov 2025 01:50 PM (IST)

    भारतीय महिला क्रिकेटर दीप्ति शर्मा, जिन्होंने हाल ही में विश्व कप जीतने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई, कभी उत्तर मध्य रेलवे (NCR) में नौकरी करना चाहती थीं। 2019 में खेल कोटे से आवेदन करने के बावजूद, उन्हें नौकरी नहीं मिल सकी। एक साल तक इंतजार करने के बाद, उन्होंने रेलवे का सपना छोड़ दिया और 2025 में उत्तर प्रदेश पुलिस में डिप्टी एसपी बन गईं। आज, एनसीआर को पछतावा हो रहा है, जबकि दीप्ति क्रिकेट और ड्यूटी दोनों में चमक रही हैं।

    Hero Image

    विश्व विजेता भारतीय महिला क्रिकेट खिलाड़ी दीप्ति शर्मा को काफी प्रयास के बाद भी उत्तर मध्य रेलवे में नहीं मिल सकी थी। 

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। भारतीय महिला क्रिकेट की दिग्गज स्पिनर दीप्ति शर्मा आज पूरी दुनिया में छाई हुई हैं। उन्होंने भारत को पहली बार महिला विश्व कप जिताने में अहम भूमिका निभाई। उनकी गेंदबाजी और बल्लेबाजी ने विरोधी टीमों को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    उत्तर मध्य रेलवे में नौकरी करना चाहती थीं दीप्ति 

    लेकिन क्या आप जानते हैं कि यह चमकता सितारा कभी उत्तर मध्य रेलवे (NCR) में नौकरी करना चाहती थी? हां, दीप्ति ने वर्ष 2019 में खेल कोटा के तहत रेलवे में नौकरी के लिए आवेदन किया था। वह सपना देख रही थीं कि रेलवे की नौकरी के साथ क्रिकेट को और मजबूती मिलेगी।

    उनकी फाइल एक मेज से दूसरी मेज पर घूमती रही 

    एनसीआर में नौकरी पाने के लिए दीप्ति ने पूरा जोर लगाया था। फार्म भरे, दस्तावेज जुटाए और अधिकारियों के चक्कर काटे। हालांकि अफसोस! उनकी फाइल एक मेज से दूसरी मेज पर घूमती रही। एनसीआर के खेल विभाग से स्वीकृति नहीं मिली। महीनों बीत गए, लेकिन कोई जवाब नहीं मिला। लगभग एक साल इंतजार करने के बाद भी एनसीआर ने उन्हें नौकरी नहीं दी।

    पुलिस में डिप्टी एसपी की नौकरी मिली 

    निराश होकर दीप्ति ने सोचा, 'अब खेल पर ही पूरा ध्यान दूंगी।' उन्होंने रेलवे का सपना छोड़ दिया और मैदान पर मेहनत बढ़ा दी। नतीजा? 2025 की शुरुआत में उन्हें उत्तर प्रदेश पुलिस में डिप्टी एसपी की नौकरी मिल गई। अब वह मुरादाबाद में तैनात हैं, जहां वह कानून की रक्षा करेंगी। पुरुष क्रिकेटर मोहम्मद सिराज भी डिप्टी एसपी हैं। हालांकि दीप्ति की कहानी अलग है, संघर्ष और सफलता की मिसाल है।

    अब एनसीआर को हो रहा पछतावा

    आज जब दीप्ति विश्व कप की हीरो बन गई हैं, तो एनसीआर को पछतावा हो रहा है। सोचिए, अगर वह रेलवे में होतीं तो पूरा एनसीआर गौरवान्वित महसूस करता। रेलकर्मी उनकी जर्सी पहनकर गर्व करते, स्टेशन पर पोस्टर लगते और ट्रेनों में उनकी चर्चा होती, लेकिन किस्मत ने कुछ और लिखा।

    दोनों मैदानों क्रिकेट और ड्यूटी पर चमक रही हैं

    दीप्ति ने साबित कर दिया कि असफलता दरवाजा नहीं बंद करती, बल्कि नई राह दिखाती है। उनकी कहानी हर उस युवा को प्रेरित करती है जो सपनों के लिए लड़ रहा है। एनसीआर का नुकसान पुलिस का फायदा बना। दीप्ति अब दोनों मैदानों क्रिकेट और ड्यूटी पर चमक रही हैं। वाह, क्या सफर है!

    यह भी पढ़ें- Circle Rate Hike : संगम नगरी में इसी माह बढ़ेगा सर्किल रेट, कहां सबसे अधिक व किन क्षेत्रों में कितना बढ़ेगा?

    यह भी पढ़ें- किन्नर अखाड़ा से अलग हुईं महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि, वे अब सनातनी किन्नर अखाड़ा बनाएंगी, ममता कुलकर्णी के बयान से थीं आहत