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    किन्नर अखाड़ा से अलग हुईं महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि, वे अब सनातनी किन्नर अखाड़ा बनाएंगी, ममता कुलकर्णी के बयान से थीं आहत

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Mon, 03 Nov 2025 06:45 PM (IST)

    किन्नर अखाड़ा की उत्तर प्रदेश प्रभारी महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि ने ममता कुलकर्णी के एक बयान से आहत होकर पद छोड़ दिया है। उन्होंने अलग सनातनी किन्नर अखाड़ा बनाने का निर्णय लिया है, जिसका गठन प्रयागराज में होगा। कौशल्यानंद गिरि का आचार्य महामंडलेश्वर के रूप में पट्टाभिषेक किया जाएगा। इससे पहले भी अखाड़े में विवाद होते रहे हैं, और महाकुंभ 2025 से पहले कई सदस्य अलग हो चुके हैं।

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    महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि ने किन्नर अखाड़ा से किनारा कर लिया है, अब वे नया अखाड़ा बनाएंगी। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। किन्नर अखाड़ा की उत्तर प्रदेश प्रभारी महामंडलेश्वर कौशल्यानंद गिरि (टीना मां) ने पद छोड़ दिया है। इसके पीछे महामंडलेश्वर श्रीया माई ममतानंद गिरि (पूर्व में अभिनेत्री ममता कुलकर्णी) द्वारा बीते दिनों गोरखपुर में दिए गए बयान को प्रमुख कारण बताया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि दाउद इब्राहिम आतंकवादी नहीं है।

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    टीना मां ने इस बयान को बताया राष्ट्रद्रोह 

    ममता कुलकर्णी के इस बयान को टीना मां ने इसे राष्ट्रदोष बताते हुए कहा कि ऐसे लोगों के साथ वह नहीं रहेंगी। उन्होंने अलग से सनातनी किन्नर अखाड़ा बनाने निर्णय लिया है। अखाड़े का विधिवत गठन मंगलवार को बैरहना स्थित दुर्गा पूजा पार्क में किया जाएगा। जहां कौशल्यानंद के आचार्य महामंडलेश्वर के रूप में पट्टाभिषेक होगा।

    13 अक्टूबर 2015 में किन्नर अखाड़ा का हुआ था गठन 

    किन्नरों को एकजुट करके सनातन धर्म से जोड़ने के लिए 13 अक्टूबर 2015 को उज्जैन स्थित अध्यात्म वाटिका आश्रम में किन्नर अखाड़ा का गठन किया गया। लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी को अखाड़े का आचार्य महामंडलेश्वर बनाया गया।

    प्रयागराज कुंभ में जूना अखाड़ा ने अपने साथ रखा

    अखाड़े ने वर्ष 2019 के प्रयागराज कुंभ मेले में हिस्सा लिया। तब 13 अखाड़ों ने इसका विरोध किया। बाद में जूना अखाड़े ने किन्नर अखाड़ा को अपने साथ रखने का निर्णय लिया। अखाड़े के गठन के बाद बीच-बीच में विवाद उठता रहा है।

    महाकुंभ 2025 से पूर्व अखाड़ा संस्थापक सदस्य अलग हुईं

    महाकुंभ 2025 से पहले अखाड़े की संस्थापक सदस्य महामंडलेश्वर भवानीनाथ वाल्मिकी ने खुद को अलग कर लिया। आरोप लगाया कि आचार्य महामंडलेश्वर लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी मनमानी करती हैं। अब कौशल्यानंद गिरि अखाड़े से अलग हो गई हैं। उन्होंने कहा कि अखाड़े का काम सनातन धर्म को बढ़ाना है, लेकिन लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी मुस्लिम समुदाय के लोगों को साथ लेकर चलती हैं। जो सनातन धर्म का अपमान है।

    ममता को महामंडलेश्वर बनाने का विरोध संतों ने किया था

    कहा कि उन्होंने बिना जांच-पड़ताल किए महाकुंभ के दौरान ममता कुलकर्णी को महामंडलेशर की उपाधि प्रदान कर दी। इसमें अखाड़े के पंचों की राय भी नहीं ली गई, जिसने विरोध करने का प्रयास किया उसे डराकर चुप करवा दिया गया। तब ममता को महामंडलेश्वर बनाने का विरोध प्रमुख संतों ने भी किया था। उक्त मामले में लक्ष्मी नारायण त्रिपाठी ने बयान देने से इन्कार कर दिया है। 

    भवानी भी होंगी शामिल

    कौशल्यानंद गिरि के पट्टाभिषेक समारोह में भवानीनंद वाल्मिकी भी शामिल होंगी। इनके अलावा सामाजिक कार्यकर्ता व अभिनेत्री गौरी सांमत, डाली मां सहित कई जिलों के किन्नर शामिल होंगे। भवानी ने कहा कि कोई भी संगठन बिना विचारधारा के नहीं चल सकता। किन्नर अखाड़ा को जिस मंशा से बनाया गया था वह उसके इतर चल रहा है।