समाज कल्याण विभाग की सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जड़े प्रयागराज में गहरी, कई घोटाले उजागर हुए हैं
प्रयागराज में समाज कल्याण विभाग की योजनाओं में भ्रष्टाचार व्याप्त है। राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में अपात्रों को लाभ पहुंचाया गया, जिसमें 142 लाभार्थी शामिल थे। आश्रम पद्धति विद्यालयों में सामग्री खरीद में 1.38 करोड़ रुपये का घोटाला हुआ। वृद्धावस्था पेंशन योजना में 450 जीवित बुजुर्गों को मृत घोषित कर दिया गया। इन घोटालों की जांच अभी भी जारी है, और कुछ अधिकारियों पर कार्रवाई भी हुई है।

प्रयागराज में समाज कल्याण विभाग में कई घोटाले हुए हैं।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। भ्रष्टाचार के मामले में शासन की ओर से समाज कल्याण विभाग के चार अधिकारियों को बर्खास्त कर दिया गया है। यह कार्रवाई भले ही दूसरे जनपदों में हुईं हैं, लेकिन इस विभाग की सरकारी योजनाओं में भ्रष्टाचार की जड़े प्रयागराज में भी गहरी हैं।
कुछ मामलों में कार्रवाई हुई तो कुछ की जांच रेंग रही
गरीब परिवारों के मुखिया की मौत पर दिए जाने वाले राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना में जमकर धांधली हुई थी। आश्रम पद्धति विद्यालयों में पढ़ने वाले बच्चों का हक घोटालेबाज खा गए थे। वृद्धावस्था पेंशन में मनमानी की शिकायतें लगातार आती रहती हैं। मृतकों को जीवित और जीवित को मृतक बनाने के प्रकरण कोई नई बात नहीं है। कुछ मामलों में कार्रवाई हुई है तो कुछ की जांच रेंग रही है।
142 अपात्रों को दिया था पारिवारिक लाभ योजना का लाभ
राष्ट्रीय पारिवारिक लाभ योजना के तहत गरीबी रेखा से नीचे जीवन यापन करने वाले परिवारों के मुखिया की मृत्यु पर 30-30 हजार रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है। वित्तीय वर्ष 2022-23 में योजना का लाभ पाने वाले संदिग्ध 424 लाभार्थियों की सूची शासन को मिली थी। इसमें से 205 लाभार्थियों का सत्यापन हुआ था, जिसमें से 142 लाभार्थी अपात्र मिले थे। करीब चार महीने पहले इसी मामले में तत्कालीन जिला समाज कल्याण अधिकारी त्रिनेत्र कुमार सिंह को निलंबत कर दिया गया था।
आश्रम पद्धति विद्यालयों में हुआ 1.38 करोड़ का घोटाला
समाज कल्याण विभाग के आश्रम पद्धति विद्यालय सुरवल सहनी, खाईं करछना, कौड़िहार व कोरांव में सरकारी बजट का बंदरबाट हुआ था। वित्तीय वर्ष 2018-19 से लेकर 2021-22 तक सामग्री की खरीद के नाम पर 1.38 करोड़ रुपये डकार लिए गए थे। लेखाकार से लेकर प्रधानाचार्य तक सब संदेह के घेरे में हैं। पिछले साल एसआइटी ने इस प्रकरण में केस दर्ज कराया था, जिसकी जांच अब भी चल रही है।
450 जीवित बुजुर्गों को घोषित कर दिया मृतक
इस विभाग की सबसे महत्वपूर्ण वृद्धावस्था पेंशन योजना में भी खूब मनमानी हुई। सत्यापन के नाम पर पिछले तीन साल के अंदर लगभग 450 जीवित लाभार्थियों को मृतक घोषित कर दिया। यह लाभार्थी दफ्तरों के चक्कर लगाते रहे, लेकिन तत्कालीन अफसरों ने उनकी नहीं सुनी। बीते दिनों जिला समाज कल्याण अधिकारी रामशंकर पटेल ने सत्यापन कराया, जिसके बाद यह आंकड़े सामने आए। अब इन्हें जीवित घोषित किया जा रहा है।

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