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    UPSC दफ्तर के बाहर प्रतियोगी छात्रों को पुलिस ने खदेड़ा, कुछ को हिरासत में लिया; इन मांगों को लेकर डटे रहे स्टूडेंट्स?

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Mon, 15 Dec 2025 08:39 PM (IST)

    प्रयागराज में, प्रतियोगी छात्रों ने उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर धरना प्रदर्शन शुरू किया। पीसीएस और आरओ-एआरओ जैसी परीक्षाओं में कटऑ ...और पढ़ें

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    प्रयागराज में यूपीएससी के समक्ष परीक्षा में पारदर्शिता की मांग को लेकर गेट पर जुटी प्रतियोगी छात्रों की भीड़़ को तितर-बितर करते आरएएफ के जवान। जागरण 

    राज्य ब्यूरो, प्रयागराज। उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग (यूपीपीएससी) के बाहर सोमवार को पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के तहत प्रतियोगी छात्रों का धरना-प्रदर्शन शुरू हो गया। पीसीएस, आरओ-एआरओ सहित विभिन्न परीक्षाओं में कटआफ, प्राप्तांक और संशोधित उत्तर कुंजी सार्वजनिक न किए जाने से नाराज छात्र पारदर्शिता और अपने अधिकारों की मांग को लेकर एकजुट होकर आयोग के मुख्य द्वार के बाहर शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। स्थिति को देखते हुए आयोग परिसर और उसके आसपास भारी संख्या में तैनात पुलिस बल ने छात्राें को धरना स्‍थल से खदेड़ दिया। पुलिस, पीएसी व आरएएफ ने कुछ छात्रों को हिरासत में लिया, जिन्हें बाद में छोड़ दिया गया। 

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    छात्रनेता बोले-आयोग स्थायी समाधान नहीं कर रहा

    धरने का नेतृत्व कर रहे छात्र नेता आशुतोष पांडेय ने कहा कि यूपीपीएससी की परीक्षाओं में पारदर्शिता को लेकर वर्षों से सवाल उठते रहे हैं, लेकिन आयोग की ओर से आज तक कोई ठोस और स्थायी समाधान नहीं किया गया।

    competitive students protest

    प्रक्रिया की निष्पक्षता पर संदेह उत्पन्न करता है

    उन्होंने कहा कि जब अंतिम परिणाम घोषित हो जाता है, उसके बाद भी यदि संशोधित उत्तर कुंजी, सभी वर्गों का कटआफ और अभ्यर्थियों की मार्क्स लिस्ट सार्वजनिक नहीं की जाती, तो यह प्रक्रिया की निष्पक्षता पर संदेह पैदा करती है। इसी असंतोष और अविश्वास के खिलाफ छात्र आज शांतिपूर्ण तरीके से अपनी बात रख रहे हैं।

    protest at UPPSC Prayagraj

    प्रतियोगी छात्रों की ये हैं मांगें

    प्रदर्शन कर रहे छात्रों की प्रमुख मांगों में संशोधित अंतिम उत्तर कुंजी को तत्काल जारी करना, सभी वर्गों का कटआफ प्रकाशित करना, सभी अभ्यर्थियों की प्राप्तांक सूची सार्वजनिक करना तथा आयोग की आधिकारिक वेबसाइट पर ओएमआर शीट की कार्बन कापी उपलब्ध कराना शामिल है।

    competitive students

    प्रदर्शन पूरी तरह गैर राजनीतिक बताया

    इसके साथ ही मुख्य परीक्षा में पूछे गए वस्तुनिष्ठ प्रश्नों की उत्तर कुंजी और उसका अंतिम संशोधित संस्करण भी सार्वजनिक किए जाने की मांग जोर-शोर से उठाई जा रही है। आंदोलन को लेकर प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति ने पहले ही स्पष्ट कर दिया था कि यह प्रदर्शन पूरी तरह गैर-राजनीतिक रहेगा। 

    माहौल बिगाड़ने वालों को आंदोलन से अलग किया जाएगा

    इसी के तहत प्रदर्शन स्थल पर किसी भी राजनीतिक दल के झंडे, बैनर या नारे लाने पर रोक लगाई गई है। छात्रों ने कहा कि यदि कोई व्यक्ति आंदोलन में राजनीतिक घुसपैठ करने या माहौल बिगाड़ने की कोशिश करता है, तो उस पर स्वयं छात्र नजर रखेंगे और उसे आंदोलन से अलग करेंगे।

    आयोग के खिलाफ नारेबाजी भी जमकर की

    सुबह करीब 11 बजे तक प्रदर्शन सीमित संख्या में छात्रों के साथ शुरू हुआ लेकिन दोपहर होते-होते आस-पास के जिलों से आए प्रतियोगी छात्र बड़ी संख्या में गेट नंबर दो के बाहर जुट गए। हाथों में पोस्टर-बैनर लेकर छात्रों ने आयोग के खिलाफ नारेबाजी की और भर्ती परीक्षाओं में कथित अनियमितताओं का आरोप लगाया। इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच झड़प शुरू हो गई। हालात बिगड़ते देख पुलिस ने हल्का बल प्रयोग करते हुए कुछ छात्रों को हटाया और कुछ को हिरासत में लिया।

    आंदोलन को कई प्रतियोगी छात्र संगठनों का समर्थन 

    आंदोलन को विभिन्न प्रतियोगी छात्र संगठनों का समर्थन भी मिला। अलग-अलग समूहों के प्रतिनिधियों ने मंच से आयोग से संवाद की अपील की, वहीं प्रशासन और आयोग के अधिकारी भी समय-समय पर छात्रों को समझाने का प्रयास करते रहे। हालांकि, छात्र अपनी मांगों पर अड़े रहे और स्पष्ट किया कि जब तक ठोस आश्वासन नहीं मिलता, आंदोलन जारी रहेगा।

    ...प्रदर्शन में पुलिस ने नहीं शामिल होने दिया

    हुंकार मंच के पंकज पांडेय ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनको डिटेन कर लिया था और उनको प्रदर्शन में शामिल नहीं होने दिया गया। पंकज ने मंगलवार को आनलाइन बैठक कर आगे की रणनीति तैयार करने का दावा किया है। वहीं प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने कहा कि उनकी मांगों पर विचार नहीं हुआ। अब आंदोलन की नए सिरे से रणनीति बनेगी।

    दो छात्र नेताओं को पुलिस ने किया नजरबंद

    पुलिस-प्रशासन ने आंदोलन की अगुआई करने वाले छात्रनेता पंकज पांडेय और आशुतोष पांडेय को नजरबंद कर दिया था। छात्रनेता आशुतोष पांडेय तबीयत खराब होने के कारण मेडिकल कालेज के एक अस्पताल में भर्ती हुए तो पुलिस ने वहीं उनको नजरबंद कर दिया। हुंकार मंच के पंकज पांडेय ने आरोप लगाया कि पुलिस ने उनको घर पर ही नजरबंद कर दिया था और उनको प्रदर्शन में शामिल नहीं होने दिया गया। आशुतोष पांडेय ने कहा कि पुलिस प्रशासन द्वारा रंगदारी के मुकदमे में फंसाने की धमकी दी जा रही है।

    आपत्तिजनक नारों के कारण आंदोलन से अलग हुए छात्र

    प्रतियोगी छात्र संघर्ष समिति के मीडिया प्रभारी प्रशांत पांडेय ने कहा कि छात्रों के प्रस्तावित आंदोलन में राजनीतिक दल के कुछ कार्यकर्ताओं द्वारा बड़े बड़े पोस्टर बैनर के साथ लगातार सरकार को लेकर आपत्तिजनक नारा लगाए जा रहे थे। इससे छात्रों में आक्रोश और आपस में विवाद की स्थिति उत्पन्न हो गई। जिससे काफी छात्र छात्र आंदोलन से वापस लौट गए।

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