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    कोडीनयुक्त कफ सीरप तस्करी मामले में इलाहाबाद हाई कोर्ट में 19 दिसंबर को भी सुनवाई, आरोपितों ने कोर्ट से क्या की है मांग?

    By Brijesh SrivastavaEdited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Thu, 18 Dec 2025 07:18 PM (IST)

    कोडीनयुक्त कफ सीरप तस्करी मामले में गिरफ्तारी से बचने के लिए आरोपियों द्वारा दाखिल याचिकाओं पर इलाहाबाद हाई कोर्ट में 19 दिसंबर को भी सुनवाई जारी रहेग ...और पढ़ें

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    इलाहाबाद हाई कोर्ट में कोडीनयुक्त कफ सीरप तस्करी मामले में कल 19 दिसंबर को भी सुनवाई होगी। 

    विधि संवाददाता, जागरण, प्रयागराज। कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी मामले में गिरफ्तारी पर रोक के लिए दाखिल याचिकाओं पर शुक्रवार 19 दिसंबर को भी इलाहाबाद हाई कोर्ट में सुनवाई जारी रहेगी। न्यायमूर्ति सिद्धार्थ वर्मा और न्यायमूर्ति अचल सचदेव की खंडपीठ के समक्ष बस्ती की खुशबू गोयल सहित अन्य कई जिलों के आरोपियों की याचिकाओं पर चल रही सुनवाई में गुरुवार को सरकार की तरफ से बहस पूरी कर ली गई।

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    प्रयागराज समेत कई जिले में अब तक 128 प्राथमिकी दर्ज

    कोडीनयुक्त कफ सीरप की तस्करी के खिलाफ पुलिस राज्य स्तर पर वृहद अभियान चला रही है। गाजियाबाद, बस्ती, जौनपुर, वाराणसी, प्रयागराज, कानपुर नगर सहित कई जिलों में अब तक लगभग 128 प्राथमिकी दर्ज की गई है। इसमें गिरफ्तारी से बचने के लिए दर्जनों आरोपियों ने हाई कोर्ट में याचिका दाखिल की है।

    खंडपीठ ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी थी 

    बीते सप्ताह शुक्रवार को खंडपीठ ने गिरफ्तारी पर रोक लगा दी और सुनवाई की अगली तिथि 17 दिसंबर नियत कर दी थी। गुरुवार को भी सुनवाई जारी रही। दिन भर निर्णय को लेकर उत्सकुता रही। राज्य सरकार की तरफ से बहस पूरी कर ली गई है।

    अपर महाधिवक्ता व अपर शासकीय अधिवक्ता की दलीलें 

    अपर महाधिवक्ता अनूप त्रिवेदी और अपर शासकीय अधिवक्ता (प्रथम) परितोष कुमार मालवीय ने दलीलें दीं। कहा कि कफ सीरप में कोडीन फास्फेट नामक तत्व मिला है इसका उपयोग सिर्फ नशे के लिए किया जा रहा है और मामला एनडीपीएस एक्ट का है। याचीगण ने इसके प्रावधानों का उल्लंघन किया है और फर्जी फर्म बना कर सिर्फ कागज पर ट्रांजिक्शन दिखाया है। याचियों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता निपुन सिंह ने कहा था कि प्रकरण ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट के तहत आता है और इसलिए इसमें प्राथमिकी दर्ज नहीं हो सकती। इस एक्ट में कंप्लेंट का प्रावधान है। पुलिस बीएनएस और एनडीपीएस एक्ट के तहत मुकदमे दर्ज कर रही है।

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