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    बजट की कमी से SRN परिसर में बन रहे चिल्ड्रेन हास्पिटल भवन निर्माण कार्य ठप, बच्चों के इलाज में अब और होगी देरी

    By Jagran News Edited By: Brijesh Srivastava
    Updated: Fri, 24 Oct 2025 04:48 PM (IST)

    प्रयागराज के स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में बच्चों के इलाज के लिए बन रहे छह मंजिला भवन का निर्माण बजट खत्म होने से रुक गया है। 25 करोड़ रुपये की लागत से 2021 में शुरू हुए इस अस्पताल में 200 बेड की क्षमता होगी। मोतीलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज ने शासन से अतिरिक्त बजट की मांग की है, क्योंकि कार्यदाई संस्था सिडको के पास धन की कमी हो गई है।

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    प्रयागराज के एसआरएन अस्पताल परिसर में चिल्ड्रेन हास्पिटल का हो रहा निर्माण कार्य बजट की कमी से ठप है। जागरण आर्काइव

    जागरण संवाददाता, प्रयागराज। स्वरूपरानी नेहरू (SRN) चिकित्सालय में बच्चों के इलाज के लिये बन रहे छह मंजिला अस्पताल भवन का निर्माण ठप हो गया है। पूर्व में जितना बजट इसके लिए निर्धारित और स्वीकृत होने के बाद कार्यदाई संस्था सिडको को मिला था, वह खत्म हो गया है। निर्माण अधर में है और कार्यदाई एजेंसी ने हाथ खड़े कर दिए हैं।

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    शासन से अतिरिक्त बजट की मांग 

    मोतीलाल नेहरू मेडिकल (MLN) कॉलेज ने शासन को प्रस्ताव भेजकर अतिरिक्त बजट की मांग की है। हालांकि इस पर अभी स्वीकृति नहीं मिल सकी है। उधर सरोजनी नायडू बाल रोग चिकित्सालय 'चिल्ड्रेन अस्पताल' में स्थान, बेड और संसाधन सीमित होने के चलते तमाम बच्चों को समय पर इलाज न मिल पाने की स्थिति अब भी है।

    बजट लगभग 25 करोड़ रुपये निर्धारित था 

    स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय में पोस्ट ग्रेजुएट छात्रावास के ठीक सामने बच्चों के लिए अस्पताल भवन का निर्माण 2021 में शुरू हुआ था। जबकि इसकी योजना वर्ष 2016 में बनी थी। कार्य शुरू होने पर बजट लगभग 25 करोड़ रुपये निर्धारित किया गया था।

    एक माह से भवन का मुख्य दरवाजा है बंद

    कार्य और अवधि के सापेक्ष सिडको के ठेकेदार को बजट अलग-अलग हिस्सों में मिलने लगा और छह मंजिला भवन बनकर तैयार हो गया, लेकिन पिछले करीब एक साल से यह अधर में ही है। कभी भवन के भीतर दरवाजे खिड़की लगाने का काम होने लगता है, कभी बिजली के तारों के लिए फिटिंग, लिफ्ट और वार्ड के बने कक्षों में अनेक व्यवस्थाओं के लिए कार्य होने लगते हैं फिर बीच में काम बंद हो जाता है और कर्मचारी लौट जाते हैं। ऐसी ही स्थिति चली जा रही है और करीब एक महीने पहले से भवन का मुख्य दरवाजा बंद है। किसी तरह का काम नहीं हो रहा है। 

    200 बेड की क्षमता का बन रहा अस्पताल

    नए भवन में चिल्ड्रेन अस्पताल के लिए 200 बेड की क्षमता हो जाएगी जबकि वर्तमान में संचालित चिल्ड्रेन अस्पताल में बेड की क्षमता 120 है। नए भवन में तमाम अत्याधुनिक मशीनों वाले ऑपरेशन थिएटर, जांच के लिए मशीनों की सुविधा, जांच शुल्क जमा करने की सुविधा, डॉक्टर के कक्ष, लिफ्ट और ऐसी सभी सुविधाएं एक ही छत के नीचे होंगी जिनके लिए अभी मरीज के तीमारदारों को चिल्ड्रेन अस्पताल से या तो एसआरएन अस्पताल जाना पड़ता है या प्राइवेट डायग्नोस्टिक केंद्रों की ओर भागना पड़ता है।

    अत्याधुनिक सुविधाएं देने की योजना कागजों पर 

    नए भवन में सभी तरह की अत्याधुनिक सुविधाएं देने की योजना अब तक केवल कागजों पर है। यह अमल में कब होंगी, लोगों को लाभ कब मिलेगा इसका जवाब किसी भी अधिकारी के पास संभवत: नहीं है। 

    क्या कहते हैं MLN मेडिकल कालेज के प्राचार्य

    मोतीलाल नेहरू (MLN) मेडिकल कालेज के प्राचार्य डा. वीके पांडेय का कहना है कि कार्यदाई संस्था के पास बजट खत्म हो गया है। शुरुआत से ही काम में लेटलतीफी हुई। भवन निर्माण सामग्रियों के दाम इस लंबी अवधि में बढ़ना तो बाजार पर निर्भर रहता है। सिडको ने बजट के अभाव में काम बंद किया, पूर्व में करीब आठ करोड़ रुपये अतिरिक्त बजट की मांग की गई थी। पत्र को शासन में भेज चुके हैं, अभी कोई स्वीकृति नहीं मिली है।

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