चंद पैसों के लिए बेजुबानों की जान से खिलवाड़ कर रहे झोलाछाप, प्रयागराज के इन इलाकों में सक्रिय हैं बिना डिग्री वाले 'डाक्टर'
प्रयागराज में झोलाछाप पशु चिकित्सकों की बाढ़ आ गई है, जो बिना डिग्री के जानवरों का इलाज कर रहे हैं और मोटी रकम वसूल रहे हैं। गलत इलाज से कई बार मवेशियों की मौत भी हो जाती है। किसान नेताओं ने आरोप लगाया है कि विभाग इन पर कार्रवाई नहीं करता। डीएम ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी को जांच के आदेश दिए हैं और झोलाछाप मिलने पर पशु चिकित्सक पर भी कार्रवाई की जाएगी।

प्रयागराज के डीएम ने मवेशियों की जान जोखिम में डालने वाले झोलाछाप पर कार्रवाई का आदेश दिया है।
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। गंगापार-यमुनापार इलाके में चंद झोलाछाप पशु चिकित्सकों की बाढ़ आ गई है। बिना किसी डिग्री के यह बेजुबानों का उपचार करते हैं। इसके बदले पशुपालकों से मोटी रकम वसूलते हैं। कई बार इनके गलत इलाज से मवेशियों की मौत भी हो जाती है। डीएम ने ऐसे झोलाछाप पर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।
जिले में 98 पशु सेवा केंद्र व 49 पशु चिकित्सालय
पशुपालन विभाग की ओर से जिले में 49 पशु चिकित्सालय और 98 पशु सेवा केंद्र संचालित किए जा रहे हैं। चिकित्सालयों में पशु चिकित्सक तो पशु सेवा केंद्रों में पशु धन प्रसार अधिकारियों की तैनाती होती है। यहां कृतिम गर्भाधान के साथ पशुओं के उपचार की सुविधा मिलती है।
बैठक में किसानों ने झोलाछाप का उठाया था मसला
लगभग 300 पैरावेट की नियुक्ति है, जिनमें से 150 पैरावेट ही सक्रिय हैं। यह गांव-गांव जाकर कृत्रिम गर्भाधान की सुविधा देते हैं। इसके अलावा तमाम झोलाछाप भी ग्रामीणअंचल में सक्रिय हैं। पिछले सप्ताह डीएम मनीष कुमार वर्मा की अध्यक्षता में हुई किसानों की बैठक में यह मुद्दा उठा था।
विभाग पर कार्रवाई नहीं करने का आरोप
किसान नेताओं ने आरोप लगाया था कि झोलाछाप न केवल कृतिम गर्भाधान करते हैं, बल्कि उपचार भी कर रहे हैं। उपचार के नाम पर पशुपालकों से भारी भरकम फीस वसूलते हैं। इनके गलत उपचार से कई बार मवेशियों की जान चली जाती है। विभाग भी इन पर कार्रवाई नहीं करता।
डीएम ने जांच कर कार्रवाई का दिया निर्देश
डीएम मनीष कुमार वर्मा ने मुख्य पशु चिकित्साधिकारी (सीवीओ) डा. शिवनाथ यादव को मामले में जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। सीवीओ का कहना है कि इसकी शिकायतें पहले भी आईं थी। पशु चिकित्सकों को इन पर कार्रवाई के निर्देश दिए गए थे, लेकिन कहीं कोई ऐसा झोलाछाप मिला नहीं।
झोलाछाप मिले तो पशु चिकित्सक पर भी होगी कार्रवाई
सीवीओ का कहना है कि अब सभी पशु चिकित्सकों से इस बात का प्रमाण पत्र लिया जाएगा कि उनके क्षेत्र में कोई भी झोलाछाप नहीं है। इसके बाद अगर कहीं झोलाछाप की शिकायत मिलती है तो संबंधित पशु चिकित्सक के खिलाफ भी कार्रवाई होगी।

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