Maha Kumbh 2025 केंद्रीय अस्पताल ने बनाए दो नए रिकॉर्ड, 500 गंभीर रोगियों का इलाज, 13 बच्चों का जन्म
Maha Kumbh Mela 2025 में केंद्रीय अस्पताल ने दो नए रिकॉर्ड बनाए हैं। अस्पताल के आईसीयू में 500 गंभीर रोगियों का इलाज किया गया जिनमें से 200 से अधिक की जान बचाई गई। साथ ही महाकुंभ में पहली बार 13 बच्चों का जन्म हुआ। योगी सरकार की उपलब्धियों में यह दो रिकॉर्ड भी शामिल हुए हैं। एयर एंबुलेंस बमरौली हवाई अड्डे पर 26 फरवरी तक रहेगी।
जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। Maha Kumbh 2025 स्वास्थ्य सुविधाओं के मामले में अस्थाई रूप से टेंट में बने केंद्रीय अस्पताल ने दो नए रिकार्ड बनाए हैं। इसमें संचालित छावनी परिषद सामान्य अस्पताल के आइसीयू में माघी पूर्णिमा की शाम तक 500 गंभीर रोगियों का उपचार किया गया, इनमें 200 से अधिक ऐसे लोग रहे जिनकी जान पर बड़ा खतरा था।
इस आइसीयू के संचालन में निर्देशन डा. वैशाली सिंह का रहा। जबकि पहली बार ऐसा हुआ है कि महाकुंभ में 13 बच्चों का जन्म हुआ। योगी सरकार की उपलब्धियों में यह दो रिकार्ड भी शामिल हुए हैं।
केंद्रीय अस्पताल के आइसीयू में 12 फरवरी तक 537 मरीजों को भर्ती करके इलाज किया गया। इनमें केवल 37 को रेफर करके स्वरूपरानी नेहरू चिकित्सालय भेजा गया। जबकि 14 मरीज ऐसे रहे जिनके स्वजन उपचार की प्रक्रिया के बीच में ही अस्पताल से छुट्टी कराकर उन अस्पतालों में ले गए जहां उनका उपचार पहले से चल रहा है।
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स्वास्थ्य विभाग की ओर से यह दावा किया जा रहा है कि टेंट में बने आइसीयू में इतनी अधिक जान बचाई गई, ऐसा किसी भी अन्य कुंभ में नहीं हुआ। वहीं केंद्रीय अस्पताल में 11 और सेक्टर अस्पतालों में दो बच्चों का जन्म हुआ। महिला डाक्टरों ने इनके सामान्य प्रसव कराए।
महाकुंभनगर (Maha Kumbh Mela 2025) के संगम अपर मार्ग पर धूप से बचने के लिए छाता की सहारा लेकर संगम स्नान के लिए जाते श्रद्वालु। मुकेश कनौजिया
हवाई एंबुलेंस से दो मरीजों को भेजा दिल्ली
योगी सरकार ने महाकुंभ में स्वास्थ्य सेवाओं के अंतर्गत एयर (हवाई) एंबुलेंस की व्यवस्था की है। इससे अब तक दो मरीजों को लाभ दिया गया। अस्पताल के पंजीकरण पर्चे के आधार पर ही इन्हें दिल्ली भेजा गया। हालांकि इसके लिए मेलाधिकारी और अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण की अनुमति रही। एयर एंबुलेंस बमरौली हवाई अड्डे पर 26 फरवरी तक रहेगी।
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महाकुंभ में दो बड़े रिकार्ड बने हैं। सवा महीने में 13 बच्चों के जन्म हुए, यह विशेष उपलब्धि है क्योंकि आमतौर पर महिलाओं का प्रसव कराने के लिए बड़े चिकित्सा संसाधन की जरूरत होती है। अस्पताल अस्थाई रूप से ही बना है फिर भी आइसीयू में 500 गंभीर रोगियों को स्वस्थ कर जान बचा लेना बड़ी बात है। -डा. राकेश शर्मा, अपर निदेशक चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण
पैथालाजी में उपलब्ध कराई अत्याधुनिक सुविधाएं
केंद्रीय अस्पताल की पैथालाजी में जांच की अत्याधुनिक सुविधाएं उपलब्ध कराई गई हैं। इसमें जांच रिपोर्ट मरीज के पंजीकृत मोबाइल नंबर पर भेजने की व्यवस्था है। पैथालाजी में 56 तरह की जांच की जा रही है।
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