Maha Kumbh 2025: फिल्म अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने सपरिवार किया संगम स्नान, गंगा आरती में हुए शामिल
प्रयागराज के महाकुंभ 2025 (Maha Kumbh Mela 2025) में विवेक ओबेरॉय (Vivek Oberoi) ने अपने परिवार के साथ संगम (Sangam) में स्नान किया और गंगा आरती में भाग लिया। उन्होंने परमार्थ निकेतन शिविर में स्वामी चिदानंद सरस्वती से मुलाकात की और आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त किया। विवेक ने कहा कि महाकुंभ में आकर उन्हें आत्मिक शांति और सकारात्मक ऊर्जा का अनुभव हुआ।
जागरण संवाददाता, महाकुंभ नगर। Maha Kumbh 2025 प्रसिद्ध अभिनेता विवेक ओबेरॉय ने अपने परिवार सहित महाकुंभ के पवित्र संगम में स्नान किया और गंगा आरती में भाग लिया। इस दौरान वह परमार्थ निकेतन शिविर पहुंचे, जहां उनका भव्य स्वागत किया गया।
वेदमंत्रों पुष्प वर्षा और शंखध्वनि के बीच ओबेराॅय परिवार को आध्यात्मिक अनुभव प्राप्त हुआ। परमार्थ निकेतन के अध्यक्ष स्वामी चिदानंद और साध्वी भगवती सरस्वती ने ओबेराय परिवार का अभिनंदन किया। विवेक ओबेराॅय ने इस अवसर पर कहा, "महाकुंभ में आकर आत्मिक शांति का अनुभव हो रहा है। यह स्थान सकारात्मक ऊर्जा से भरपूर है, और यहां की आध्यात्मिकता जीवन को एक नई दिशा देती है।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती कहा कि जैसे संगम में तीन नदियां मिलती हैं, वैसे ही हमें भी विविध संस्कृतियों और विचारों को एकजुट कर भारत की अखंडता बनाए रखनी चाहिए। ओबेराय परिवार ने अरैल घाट पर आयोजित गंगा आरती में भी भाग लिया।
इसे भी पढ़ें- महाकुंभ में बिना किसी बाधा के यात्री कर रहे संगम स्नान, श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित
ओबेराय परिवार का परमार्थ निकेतन में हुआ स्वागत। जागरण
अभिनेता के साथ उनकी माता यशोधरा ओबेराॅय, पत्नी प्रियंका ओबेराॅय, बेटा विवान, बेटी अमेया और परिवार के अन्य सदस्य उपस्थित रहे। इस मौके पर स्वामी चिदानंद ने विवेक ओबेराय को रुद्राक्ष का दिव्य पौधा भेंट कर उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की।
अभिनेता ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि यह यात्रा उनके जीवन की सबसे यादगार घटनाओं में से एक है। यहां आकर एक नई ऊर्जा और आत्मबल का अनुभव हो रहा है। महाकुंभ हमें सिखाता है कि आस्था और विश्वास न केवल व्यक्तिगत जीवन को बदल सकते हैं, बल्कि समाज को भी एक नई दिशा दे सकते हैं।
स्वामी चिदानन्द सरस्वती और साध्वी भगवती सरस्वती से अभिनेता विवेक ओबेरॉय। जागरण
महाकुंभ में विदेशी सैलानियों को मिली भारतीय संस्कृति की नई ऊर्जा
महाकुंभ पहुंच रहे विदेशी सैलानी व्यवस्थाओं से काफी प्रभावित हैं। अग्नि अखाड़े के सचिव महामंडलेश्वर संपूर्णानंद ने बताया कि इस बार कई देशों से विदेशी पर्यटक प्रयागराज आए हैं। वे महाकुंभ की व्यवस्थाओं और सनातन संस्कृति का गहराई से अध्ययन करने भी आ रहे हैं।
इसे भी पढ़ें- आस्था के संगम पर बनेंगे ये चार महारिकॉर्ड, दुनिया को मिलेगा स्वच्छता और पर्यावरण संरक्षण का खास संदेश
अफ्रीका के घाना से आए जितेंद्र सिंह नेगी (उच्चायोग अफेयर्स, घाना) ने बताया कि उनके पूर्वज भारत से घाना गए थे और पहली बार प्रयागराज आकर उन्हें सनातन धर्म की अद्भुत जानकारी मिली। उन्होंने कहा, "हमने पहली बार गुरुजी से मुलाकात की और सनातन धर्म के गूढ़ रहस्यों को समझा। हमारे साथ 16 अन्य प्रतिनिधि भी आए, जिन्होंने भारतीय संस्कृति को गहराई से जाना।
इसी क्रम में विदेशी सैलानी ने कहा, "हमने महाकुंभ के बारे में जो सुना था, उससे कहीं अधिक यहां आकर देखा और महसूस किया। व्यवस्थाओं की सुगमता और संगम की आध्यात्मिक ऊर्जा ने हमें नई अनुभूति दी है। प्रशासन के अनुसार महाकुंभ में 50 से अधिक देशों के सैलानी आ चुके हैं।
कमेंट्स
सभी कमेंट्स (0)
बातचीत में शामिल हों
कृपया धैर्य रखें।