महाकुंभ में बिना किसी बाधा के यात्री कर रहे संगम स्नान, श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच ट्रैफिक व्यवस्था सुचारू रूप से संचालित
महाकुम्भ 2025 में माघ पूर्णिमा के स्नान पर्व पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अब पूरी तरह से सुचारू रूप से संचालित हो रही है। प्रशासन की ओर से किए गए व्यापक प्रबंधों का सकारात्मक असर दिख रहा है जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है और वो सुगमता के साथ संगम स्नान कर रहे हैं।
डिजिटल डेस्क, महाकुम्भ नगर। महाकुम्भ 2025 में माघ पूर्णिमा के स्नान पर्व पर उमड़ी श्रद्धालुओं की भीड़ के बीच शहर की ट्रैफिक व्यवस्था अब पूरी तरह से सुचारू रूप से संचालित हो रही है। प्रशासन की ओर से किए गए व्यापक प्रबंधों का सकारात्मक असर दिख रहा है, जिससे श्रद्धालुओं को यात्रा में किसी प्रकार की परेशानी नहीं हो रही है और वो सुगमता के साथ संगम स्नान कर रहे हैं।
सभी प्रमुख मार्गों पर ट्रैफिक हुआ सुगम
मेला पुलिस के अनुसार मलाक हरहर (लखनऊ), मिर्जापुर रोड, रीवा रोड, सहसो (जौनपुर), फाफामऊ (लखनऊ), अंदावा (वाराणसी रूट) और कौशांबी रूट पर यातायात सामान्य रूप से जारी है। महाकुम्भ के मद्देनजर सुरक्षा बलों और यातायात पुलिस को हर प्रमुख मार्ग पर तैनात किया गया है, ताकि श्रद्धालुओं को किसी तरह की असुविधा न हो।
यातायात निर्देशों का करें पालन
यातायात विभाग ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे प्रशासन द्वारा जारी किए गए निर्देशों का पालन करें और अनावश्यक रूप से किसी भी मार्ग पर रुकने से बचें। प्रयागराज में उमड़ी भारी भीड़ के बावजूद प्रशासन की कुशल व्यवस्था के चलते यातायात नियंत्रण में है, जिससे श्रद्धालु आसानी से संगम तक पहुंचकर पुण्य स्नान कर रहे हैं।
चार विश्व रिकॉर्ड बनेंगे
पावन संगम की धरा पर महाकुंभ के महाआयोजन में 14 से 17 फरवरी के बीच चार विश्व रिकॉर्ड बनेंगे। प्रयागराज मेला प्राधिकरण की ओर से इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड की टीम भी पहुंच गई है। उन्हीं की निगरानी में आगे की औपचारिकताएं पूरी की जा रही हैं। आपको बता दें कि कुंभ 2019 में तीन वर्ल्ड रिकॉर्ड बने थे। इसके तहत 500 से अधिक शटल बसों को एक संचालित करने का रिकॉर्ड बना था। इसके अलावा 10 हजार सफाईकर्मियों ने एक साथ स्वच्छता अभियान चलाया था, जो एक रिकॉर्ड रहा।
इसी क्रम में आठ घंटे में साढ़े सात हजार लोगों के हैंड प्रिंट लेने का रिकॉर्ड बना था। महाकुंभ में चार विश्व रिकॉर्ड बनाने की तैयारी है। खास बात यह है कि इस बार विश्व रिकॉर्ड के माध्यम से दुनिया को स्वच्छता एवं पर्यावरण सरंक्षण का संदेश देने का लक्ष्य रखा गया है। इसे ध्यान में रखकर नदी के किनारे व जलधारा में अलग-अलग सफाई अभियान के साथ ई-रिक्शा संचालन का रिकॉर्ड बनाया जाएगा। मेला प्राधिकरण इस बार अपने ही दो रिकॉर्ड तोड़ेगा। वहीं दो अन्य रिकॉर्ड पहली बार बनेंगे।
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