विहिप देशव्यापी नशा मुक्ति अभियान से युवा पीढ़ी को बचाने की पहल करेगा, केंद्रीय महामंत्री संगठन ने प्रयागराज में बताई योजना
विश्व हिंदू परिषद (विहिप) के केंद्रीय महामंत्री मिलिंद परांडे ने प्रयागराज में घोषणा की कि संगठन देशभर में नशा मुक्ति अभियान शुरू करेगा। युवा पीढ़ी में बढ़ते नशे की लत को लेकर चिंता व्यक्त करते हुए, विहिप बजरंग दल और दुर्गा वाहिनी के सदस्यों के माध्यम से जन जागरण अभियान चलाएगा। इस अभियान का उद्देश्य लोगों को नशे से दूर रहने के लिए प्रेरित करना और स्कूलों-कॉलेजों में जागरूकता कार्यक्रम आयोजित करना है।

प्रयागराज के प्रांत कार्यालय में बोलते विहिप के केंद्रीय महामंत्री संगठन मिलिंद परांडे व अन्य गणमान्य लोग। जागरण
जागरण संवाददाता, प्रयागराज। विहिप के केंद्रीय महामंत्री संगठन मिलिंद परांडे रविवार को प्रयागराज में रहे। उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी तेजी से नशे की गिरफ्त में आ रही है, यह चिंता का विषय है। अफगानिसतान, ईरान, पाकिस्तान, लाओस, थाईलैंड और वर्मा जैसे देश से ड्रग की अवैध तरीके से सप्लाई हो रही है। सरकारी सर्वे में बताया गया है कि दस प्रतिशत विद्यार्थी नशे के शिकार हैं। इनमें आठवीं, नवी, 10वीं, 11वीं और 12वीं तक के विद्यार्थी शामिल हैं।
नवंबर व दिसंबर में नशा मुक्ति अभियान
उन्होंने कहा कि इस खतरे को देखते हुए विहिप ने तय किया है कि देशभर में जागरूकता अभियान चलाया जाएगा। नवंबर और दिसंबर में 10 हजार प्रखंडों तक संगठन के कार्यकर्ता लोगों को नशे से दूर रहने और स्वदेशी अपनाने का संकल्प दिलाने निकलेंगे।
नई पीढ़ी तेजी से नशा की गिरफ्त में आ रही
काशी प्रांत कार्यालय केशरभवन में पत्रकार वार्ता में उन्होंने कहा, मणिपुर की समस्या में भी नशा एक कारक है। उड़ीसा, झारखंड, हिमाचल, पंजाब में भी ड्रग्स की खेती हो रही हैं। वहां नई पीढ़ी तेजी से इसकी गिरफ्त में आ रही है। परिस्थितियां और बिगड़ें इससे पहले कुछ करना होगा।
स्कूल-कालेजों, बस्तियों में जागरूकता संगोष्ठी-शिविर लगेंगे
उन्होंने बताया कि इसी दिशा में विहिप की युवा इकाई बजरंग दल देशभर के छह हजार प्रखंड और दुर्गावाहिनी चार हजार प्रखंडों में लोगों के बीच जाएगी। नशा से दूर रहने के लिए लोगों को प्रेरित करेगी। रन फार हेल्थ जैसे आयोजन भी कराए जाएंगे। स्कूल कालेजों व बस्तियों में संगोष्ठियों के साथ जागरूकता शिविर लगेंगे। परिवार प्रबोधन में यह विषय शामिल किया जाएगा।
युवाओं को रोजगार से जोड़ने को हो रही कोशिश
मिलिंद परांडे ने कहा कि युवाओं को रोजगार से जोड़ने के लिए भी संगठन कोशिश कर रहा है। एक वर्ष में करीब 14 हजार युवक युवतियों को रोजगार से जोड़ा गया। इसमें संगठन की ओर से चलने वाले कई प्रशिक्षण संस्थान महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। तीसरा विषय मंदिरों को सरकारी नियंत्रण से मुक्त कराना है। यह अच्छी बात है कि उत्तर प्रदेश में काशी विश्वनाथ को छोड़ दें तो कोई दूसरा मंदिर सरकारी नियंत्रण में नहीं है लेकिन आंध्र प्रदेश, बिहार, मध्य प्रदेश, राजस्थान, गुजरात, छत्तीसगढ़ में तीन लाख से अधिक मंदिर सरकारी नियंत्रण में हैं। इसके लिए कानून बनाकर मंदिरों को मुक्त कराने की दिशा में प्रयास चल रहा है। मतांतरण, लव जिहाद जैसे विषय पर संगठन पहले से सक्रिय है।
फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, नार्वे में संगठन ने शुरू किया कार्य
विहिप के केंद्रीय मंत्री ने बताया कि संगठन अपने कार्यालयों को सुदृढ़ बना रहा है। नई जगहों पर भी सामाजिक कार्यों को कर रहा है। काशी में कार्यालय के नए भवन को बनवाने के साथ फ्रांस, दक्षिण अफ्रीका, नार्वे, कनाडा में नया पंजीयन कराते हुए संगठन ने कार्य शुरू किया है। कुल 32 देशों में कार्य चल रहा है।
मतांतरण के शिकार लोगों की घर वापसी के कार्य
बताया कि मतांतरण का शिकार हुए लोगों की घर वापसी के लिए भी तेजी से कार्य किया जा रहा है। प्रत्येक वर्ष 25 से 30 हजार लोगों की घर वापसी कराई जा रही है। अजमेर के निकट ब्यावर में डेढ़ लाख राजपूत मुसलमानों की घर वापसी कराई गई है। पीलीभीत, लखीमपुर सहित सीमावर्ती जिलों में बड़ी संख्या में सरदारों का मतांतरण कराते हुए ईसाई बनाया गया। अब उनकी घर वापसी के लिए भी प्रयास चल रहे हैं। खास यह कि काशी प्रांत में सब से अधिक प्रत्येक वर्ष हजार लोगों की घर वापसी कराई जा रही है।
क्रिप्टो क्रिश्चियन बड़ी चिंता का विषय
विहिप के केंद्रीय मंत्री संगठन ने कहा कि क्रिप्टो क्रिश्चियन बड़ी चिंता का विषय हैं। ये क्रिश्चियन कागजातों में किसी तरह का फेरबदल नहीं करते लेकिन वैचारिक रूप से बदल चुके हैं और हिंदू व्यवस्था या अन्य तरीके से सरकारी लाभ भी ले रहे हैं। इनकी पहचान करना कठिन है, ये अपने आसपास चर्च आदि बना लेते हैं। इसी तरह लव जिहादी हैं। इसमें हिंदू समाज का सहयोग और जागृत होना जरूरी है।
सीमावर्ती जिलों में मतांतरण अधिक
मुस्लिम मतांतरण में कई जगहों पर आबादी का दबाव प्रभावी होता है। जहां मुस्लिम संख्या अधिक होती है वहां दबाव बनाकर मतांतरण हो रहा है। सीमावर्ती जिलों में यह अधिक है। ऐसे लोगों से सख्ती से निपटना होगा। इसे रोकने का एक ही तरीका है संस्कार व जीवंत संवाद। हमारी आंतरिक व्यवस्था खराब हुई तो लव जिहाद जैसी चीजें या क्रिप्टो क्रश्चियन तेजी से बढ़ रहे हैं। जुलाई 2023 में संसद में पूछा गया कि एक साल में कितनी महिलाएं गायब हुईं, तो जानकारी मिली, 13 लाख से अधिक महिलाएं गायब हुईं। इनमें करीब तीन लाख से अधिक 18 वर्ष से कम उग्र की किशोरियां हैं।

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