शृंगवेरपुर में बन रहा नाव आकृति का अनोखा म्यूजियम, रथ से अंदर जाएंगे पर्यटक, श्रीराम वनगमन की करेंगे जीवंत अनुभूति
प्रयागराज के शृंगवेरपुर धाम में एक नाव के आकार का बोट म्यूजियम बनाया जा रहा है। यह म्यूजियम, जो लगभग दो एकड़ में फैला है, मार्च 2026 तक पूरा होगा। यहाँ प्रभु श्रीराम के वनगमन और निषादराज से मिलन जैसे दृश्यों को दर्शाया जाएगा, जिससे त्रेता युग की जीवंत अनुभूति होगी। इसमें एक आडिटोरियम और लाइब्रेरी भी होगी।

प्रयागराज के शृंगवेरपुर धाम में बनाए जा रहे बोट म्यूजियम का प्रारूप। सौ. विभाग
शरद द्विवेदी, प्रयागराज। चहुंओर हरियाली। अलौकिक घाटों। प्राचीन मंदिरों की अद्भुत छटा से शृंगवेरपुर धाम का स्वरूप निखरा है। निषादराज पार्क से धाम धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में ख्याति प्राप्त कर चुका है। उसका गौरव बढ़ाने के लिए अब बोट म्यूजियम बनाया जा रहा है। म्यूजियम में त्रेता युग की जीवंता दर्शाते हुए सामाजिक समरसता का संदेश दिया जाएगा। इसमें प्रभु श्रीराम के राजगद्दी त्यागने के बाद वनगमन तक का जीवंत अनुभूति होगी।
श्रीराम वनवास का पहला पड़ाव था शृंगवेरपुर
त्रेता युग में पत्नी सीता और भाई लक्ष्मण के साथ प्रभु श्रीराम अयोध्या से वनवास के लिए निकले तो पहला पड़ाव शृंगवेरपुर में लिया। श्रृंगवेरपुर के निषादराज गुह्य ने उनका स्वागत किया। रात्रि विश्राम कराने के बाद निषादराज ने उन्हें गंगा पार कराया। त्रेता युग की सदियों पुरानी स्मृतियां शृंगवेरपुर में जीवंत रखने को प्रदेश सरकार ने उसे धार्मिक पर्यटन स्थल के रूप में विकसित किया है। छह हेक्टेयर में बना निषादराज पार्क उसकी भव्यता बढ़ाता है।
51 फिट ऊंची कांस्य की श्रीराम-निषादराज की प्रतिमा
पार्क के मध्य में 51 फिट ऊंची कांस्य की प्रभु श्रीराम-निषादराज की गले मिलती प्रतिमा सबकाे आकर्षित करती है। इधर, पार्क के सामने बोट म्यूजियम बन रहा है। लगभग दो हेक्टेयर में 19.58 करोड़ रुपये में बन रहा म्यूजयिम नाव के स्वरूप में होगा। इसमें प्रभु श्रीराम राजगद्दी का त्याग करने, वन जाने, श्रृंगवेरपुर में निषादराज से मिलन, रात्रि व्यतीत करने को दर्शाया जाएगा। इसका निर्माण मार्च 2026 में पूरा कर लिया जाएगा।
श्रीराम, सीता व लक्ष्मण की परछाई आकृति आएगी नजर
यूपी प्रोजेक्ट्स कार्पोरेशन लिमिटेड बोट म्यूजियम का निर्माण कर रही है। एक ही बिल्डिंग में आडिटोरियम, लाइब्रेरी और म्यूजियम बनाए जाएंगे। आडिटोरियम में प्रभु श्रीराम, सीता और लक्ष्मण की परछाई की आकृति नजर आएगी। वहीं, म्यूजियम में श्रीराम के राजगद्दी छोड़ने से लेकर निषादराज से मिलन तक को दर्शाया जाएगा। लाइट और साउंड से उसका भव्य प्रदर्शन किया जाएगा।
रथ में बैठाकर कराया जाएगा प्रवेश
दर्शकों को रथ में बैठाकर अंदर लाया जाएगा। जंगल और जानवरों की जीवंत अनुभूति कराने के लिए उन्हें नंगे पांव टहलाया जाएगा। वहीं, आडिटोरियम 350 लोगों के बैठने की क्षमता वाला होगा। वहां रामलीला व धार्मिक कार्यक्रम कराए जा सकेंगे। लाइब्रेरी में श्रीराम से जुड़ी ग्रंथ होंगे।
कार्टेन स्टील से लिखा जाएगा राम
बोट म्यूजियम की बिल्डिंग के ऊपर कार्टेन स्टील से राम लिखा जाएगा। इस स्टील का प्रयोग स्टैच्यू आफ लिबर्टी में किया गया है। इससे म्यूजियम की भव्यता बढ़ेगी।
यूपी प्रोजेक्ट्स कार्पोरेशन लिमिटेट के अधिकारी बोले
यूपी प्रोजेक्ट्स कार्पोरेशन लिमिटेड निर्माण इकाई दो के प्रोजेक्ट मैनेजर संकल्प वर्मा ने बताया कि बोट म्यूजियम बनाने का काम निरंतर चल रहा है। बिल्डिंग का बाहर और अंदर का स्वरूप अत्यंत आकर्षक होगा। अत्याधुनिक तकनीक से लोगों को त्रेता युग की अनुभूति कराई जाएगी।
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी बोलीं- बढ़ेगा आकर्षण
क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी अपराजिता सिंह का कहना है कि बोट म्यूजियम बनने से श्रृंगवेरपुर धाम के प्रति देश-विदेश के लोगों का आकर्षण बढ़ेगा। हर कोई यहां आकर रुकना चाहेगा। इससे धार्मिक पर्यटन की सार्थकता साकार होगी।

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